EXCLUSIVE : ये बॉम्बे टू गोवा नहीं, दिल्ली To रणथमभौर है, बस में अमिताभ नहीं, बल्कि CJI गवई समेत SC के 20 जज

इन बसों में CJI बी आर गवई, वरिष्ठ जज सूर्य कांत समेत बाकी जज भी रहे. बाकी 14 जज इस फैमिली ट्रिप में शामिल नहीं हो पाए. खास बात ये है कि CJI गवई ने इसकी योजना बनाई और तय किया गया कि एक पिकनिक की तरह इसे किया जाए.

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  • सुप्रीम कोर्ट के बीस जज अपनी पत्नियों के साथ दिल्ली से रणथंभौर तक दो बसों में रोड ट्रिप पर निकले थे
  • इस ट्रिप का आयोजन CJI बी आर गवई ने किया था और इसे पिकनिक के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था
  • दिल्ली से राजस्थान तक हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान पुलिस ने जजों को सुरक्षा और एस्कॉर्ट प्रदान किया था
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नई दिल्ली:

1972 में एक फिल्म आई थी 'बॉम्बे टू गोवा', अमिताभ, शत्रुघन जैसे हीरो थे. 53 साल बाद दिल्ली से भी एक नहीं, बल्कि दो बसें चलीं. इन बसों में एक नहीं बल्कि 20 ' हीरो' थे. यानी अपनी पत्नियों के साथ सुप्रीम कोर्ट के 20 जज. जिनमें CJI बी आर गवई और अगले CJI बनने वाले वरिष्ठ जज जस्टिस सूर्य कांत भी शामिल हैं.

इतना ही नहीं, शाम 5.30 बजे राजस्थान के पिन्हान इलाके में मिड वे पर ये बसें रुकीं और फिर सभी ने चाय भी पी. रात 9 बजे सारे जज रणथंभौर पहुंचे. शुक्रवार दोपहर ठीक 2.40 पर सुप्रीम कोर्ट एडिशनल बिल्डिंग से पुलिस एस्कॉर्ट में दो खास बसें निकलीं. ये बसें खास रहीं, क्योंकि इनमें सुप्रीम कोर्ट के 20 जज अपनी पत्नियों के साथ बैठे थे. मंजिल थी दिल्ली से सीधे करीब 360 किलोमीटर दूर रणथमंभौर.  मौका दो दिन का रिट्रीट. पहली बार एक साथ सुप्रीम कोर्ट के इतने जज रोड ट्रिप से निकले हैं.

इन बसों में CJI बी आर गवई, वरिष्ठ जज सूर्य कांत समेत बाकी जज भी रहे. बाकी 14 जज इस फैमिली ट्रिप में शामिल नहीं हो पाए. खास बात ये है कि CJI गवई ने इसकी योजना बनाई और तय किया गया कि एक पिकनिक की तरह इसे किया जाए. इसके लिए बकायदा दो बसें किराए पर ली गईं. दिल्ली पुलिस की सिक्योरिटी और गुड़गांव पुलिस भी इन बसों के साथ निकलीं.

सूत्रों के मुताबिक दिल्ली की सीमा से राजस्थान तक हरियाणा पुलिस ने जजों को एस्कॉर्ट किया और इसके बाद राजस्थान पुलिस ने आगे सुरक्षा दी. जानकारी के मुताबिक इस पूरे ट्रिप का खर्च जज खुद ही दे रहे हैं या फिर LTC का इस्तेमाल कर रहे हैं. बस में सवार SC जजों के मुताबिक इस ट्रिप से स्कूल कॉलेज के दिन फिर से ताजा हो गए. ऐसा लगा कि पुराने दोस्त पिकनिक पर निकले हैं.

यह प्रथा पिछले साल तब शुरू हुई थी जब 25 जज अपने परिवार के साथ आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम गए थे. हालांकि, उस समय जजों ने न्यायाधीश पद के संभावित उम्मीदवारों से मुलाकात की और उनसे बातचीत भी की. सूत्रों ने ये भी बताया कि जजों की सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस की एक टीम साथ ही हैं.

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