"सिर्फ 20-मिनट की उड़ान में तय करना मुश्किल, क्या गलत हुआ" : पूर्व IAF प्रमुख

भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल फली एच मेजर ने एनडीटीवी को बताया कि सुलूर से वेलिंगटन की उड़ान का समय केवल 20 से 25 मिनट है. इतनी छोटी उड़ान अवधि में क्या गलत हो सकता था, यह निर्धारित करना बहुत मुश्किल है.

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पूर्व वायु सेना प्रमुख ने कहा कि हेलिकॉप्टर में एक वॉयस रिकॉर्डर जो हमें इसका पता लगाने में मदद करेगा
नई दिल्ली:

भारतीय वायु सेना के एमआई-17वी-5 हेलीकॉप्टर (Mi-17V-5 helicopter) की घातक दुर्घटना जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat), उनकी पत्नी और 11 अन्य की मौत हो गई, ने कई पूर्व सैन्य अधिकारियों को हैरान कर दिया है जो विमान की विश्वसनीयता की पुष्टि करते रहे हैं. "सुलूर से वेलिंगटन के लिए उड़ान का समय केवल 20 से 25 मिनट है. इतनी छोटी उड़ान अवधि में क्या गलती हो सकती है, यह निर्धारित करना बहुत मुश्किल है." यह बात भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल फली एच मेजर ने एनडीटीवी से कही. लैंडिग में किसी तरह की समस्या नहीं आने की बात कहते हुए उन्होंने बताया कि वेलिंगटन में हेलीपैड की ऊंचाई भी ज्यादा नहीं थी, लगभग 5,000 फीट थी.  

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बता दें कि जनरल रावत रक्षा स्टाफ अकादमी का दौरा करने के लिए तमिलनाडु के वेलिंगटन जा रहे थे, तभी उनका हेलिकॉप्टर निकटतम सड़क से लगभग 10 किलोमीटर दूर नीलगिरी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. विमान में 14 लोगों में से नौ यात्री और चालक दल के पांच सदस्य सवार थे, जिनमें से केवल एक ही जीवित बचा है. हादसे में जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह वेलिंगटन के सैन्य अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं.

सेना के पूर्व अधिकारियों का कहना है कि Mi-17V-5 हेलीकॉप्टर वायु सेना का बेहद विश्वसनीय वर्कहॉर्स हैं. यह बेहतर एवियोनिक्स के साथ रूसी निर्मित एमआई 17 हेलिकॉप्टरों के बेड़े का नवीनतम संस्करण है और भारत के पास इनका एक बड़ा बेड़ा है, जिसे 2008 और 2018 के बीच खरीदा और सेना में शामिल किया गया था.

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इन्हें "उत्कृष्ट" और "सुरक्षित" बताते हुए पूर्व सैन्य अधिकारियों और रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि सियाचिन ग्लेशियर जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों और स्थानों में इनका उपयोग सैकड़ों घंटों से किया जा रहा है. उनकी विश्वसनीयता और सुरक्षा ने उन्हें राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री सहित वीआईपी के लिए पसंदीदा परिवहन बना दिया था.

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यह पूछे जाने पर कि क्या गलत हुआ, हम कैसे जान सकते हैं, पूर्व वायु सेना प्रमुख ने कहा कि हेलिकॉप्टर में एक वॉयस रिकॉर्डर और एक फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर है, जो हमें इसका पता लगाने में मदद करेगा. भारतीय वायु सेना ने पहले ही दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं.

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