20-25 सवाल और जब्त किए जाने वाले फोन, लैपटॉप की लिस्ट : ऐसे हुई न्यूज़क्लिक पर छापेमारी

प्रवर्तन निदेशालय (ED) का मानना है कि न्यूज़क्लिक को चीन से कथित संबंध रखने वाली संस्थाओं से लगभग 38 करोड़ रुपये मिले और इस राशि का इस्तेमाल कथित तौर पर आठ पत्रकारों के वेतन के लिए किया गया. यह मामला अब एजेंसी की जांच के दायरे में है.

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दिल्ली पुलिस ने 20 से अधिक स्थानों पर छापे मारे.
नई दिल्ली:

समाचार बेबसाइट न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकारों (Journalists) के ठिकानों पर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने छापेमारी (Raid On NewsClick) की है और कई लोगों से पूछताछ चल रही है. इस वेबसाइट से जुड़े कम से कम 10 पत्रकारों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. सूत्रों ने आज सुबह NDTV को बताया कि आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए (UAPA) की पांच धाराओं, आपराधिक साजिश और दुश्मनी बढ़ाने से जुड़े कानून के प्रावधान इस केस का आधार हैं. आज दिल्ली पुलिस ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की सूचना पर कार्रवाई करते हुए शहर में 24 स्थानों पर छापेमारी की. मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त कर लिए गए और पांच पत्रकारों को पूछताछ के लिए ले जाया गया.

सूत्रों ने कहा है कि, इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम में पुलिस के पास डिवाइसों की एक लिस्ट थी. इस लिस्ट में शामिल IMEI नंबरों का मिलान न्यूज़क्लिक और पत्रकारों पर छापे के दौरान मिले उपकरणों से किया गया. पुलिस के पास 20-25 सवालों की भी एक लिस्ट थी. इसमें मोदी सरकार के "काले" कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन और नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में हुए विरोध प्रदर्शन से संबंधित सवाल थे.

पत्रकारों से पूर्वोत्तर राज्यों की यात्रा और वहां की न्यूज स्टोरियों के बारे में भी पूछा गया.

पुलिस ने ऐसे की न्यूज़क्लिक पर छापेमारी की तैयारी

इसकी शुरुआत दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा शहर के लोधी कॉलोनी में स्थित इसके मुख्यालय में मंगलवार को देर रात दो बजे एक बैठक से हुई. इसमें करीब 200 पुलिसकर्मी मौजूद थे. गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए कनिष्ठ अधिकारियों के मोबाइल फोन अस्थायी रूप से जब्त कर लिए गए थे.

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ठीक इसी समय मुंबई पुलिस की टीमों ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड के आवास पर छापा मारा. इसके बारे में ईडी का मानना है कि यह न्यूज़क्लिक मामले से जुड़ा हुआ है.

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एक स्टाफ मेंबर के बेटे से पूछताछ के लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता सीताराम येचुरी के घर पर भी छापा मारा गया. सूत्रों ने बताया कि बेटा सुनमित कुमार न्यूज़क्लिक में काम करता है और उसका फोन और लैपटॉप जब्त कर लिया गया है.

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दिल्ली पुलिस ने लगाईं यह धाराएं

दिल्ली पुलिस ने न्यूज़क्लिक और उसके पत्रकारों के खिलाफ दर्ज मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की पांच धाराओं और आईपीसी की दो धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं. इस मामले से जुड़ी कोई और जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है.

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IPC की धाराएं

153ए: धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना

120बी: आपराधिक साजिश के लिए सजा

UAPA की धाराएं

धारा 13: आतंकवादी कृत्य के लिए सजा
धारा 16: आतंकवादी कृत्य
धारा 17: आतंकवादी कृत्यों के लिए धन जुटाना
धारा 18: षड्यंत्र
धारा 22सी: कंपनियों द्वारा अपराध

यह न्यूज़क्लिक मामला है क्या?

प्रवर्तन निदेशालय (ED) का मानना है कि न्यूज़क्लिक को चीन से कथित संबंध रखने वाली संस्थाओं से लगभग 38 करोड़ रुपये मिले. इस पैसे का इस्तेमाल कथित तौर पर आठ पत्रकारों के वेतन के लिए किया गया था. इन पत्रकारों को आज एजेंसी की जांच के दायरे में लाया गया.

ईडी इसके अलावा न्यूज़क्लिक और मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड के बीच 'लेन-देन' का भी दावा कर रही है. सीतलवाड ने कथित तौर पर 2002 के गोधरा दंगों के मामले में सबूत गढ़े थे.

सूत्रों ने कहा कि, एजेंसी का यह भी मानना है कि न्यूज़क्लिक प्रमोटरों ने कार्यकर्ता गौतम नवलखा के कानूनी खर्चों के लिए पैसा दिया. नवलखा 2017 में पुणे में कथित भड़काऊ भाषणों के मामले में आरोपी थे, जिससे भीमा-कोरेगांव हिंसा भड़की थी.

कुल मिलाकर न्यूज़क्लिक से जुड़े कम से कम 10 पत्रकारों पर छापेमारी की गई है या की जा रही है. इनमें से पांच को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के दफ्तर लाया गया है और उनके बयान दर्ज किए जा रहे हैं. पुलिस ने कहा है कि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

सरकार को कार्रवाई "उचित ठहराने की ज़रूरत नहीं"

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस मामले पर मीडिया के सवालों को खारिज कर दिया. उन्होंने ओडिशा में संवाददाताओं से कहा, "मुझे इसे (कार्रवाई) सही ठहराने की जरूरत नहीं है... अगर किसी ने कुछ भी गलत किया है, तो सर्च एजेंसियां निर्धारित दिशानिर्देशों के आधार पर जांच करने के लिए स्वतंत्र हैं."

सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्ष ने इन छापों की निंदा की है. कई लोगों ने इसे "प्रेस की स्वतंत्रता पर कुठाराघात" कहा है.

न्यूज़क्लिक और न्यूयॉर्क टाइम्स की स्टोरी

न्यूयॉर्क टाइम्स ने अगस्त में दावा किया था कि न्यूज़क्लिक अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम के ग्लोबल नेटवर्क की ओर से वित्तीय मदद पाने वाले संगठनों में से एक है जो चीनी प्रोपेगेंडा को बढ़ावा देता है.

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने साल 2021 में भी वेबसाइट और इसके फंडिंग के स्रोतों की जांच की थी. ईडी की आज की छापेमारी इसी मामले से जुड़ी है. इसके अलावा 2021 में इनकम टैक्स अधिकारियों ने न्यूज़क्लिक के दप्तरों की तलाशी ली थी.

न्यूज़क्लिक के सीनियर एडिटर प्रबीर पुरकायस्थ ने तब अधिकारियों की कार्रवाई पर विरोध जताते हुए इसे "मीडिया संगठनों की स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने का प्रयास" बताया था.

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