त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नौ और आईपीएफटी के दो विधायकों सहित कुल 11 विधायक आज मंत्री के रूप में शपथ लेंगे. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि आईपीएफटी के मेवार कुमार जमातिया को छोड़कर बिप्लब कुमार देब मंत्रिपरिषद के सभी मंत्रियों को नयी मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है. देब सरकार में आदिवासी कल्याण मंत्री रहे जमातिया और आईपीएफटी के प्रमुख एनसी देबबर्मा के बीच मतभेद की खबरें हाल में सामने आई थीं.
राज्यपाल एसएन आर्य, मुख्यमंत्री माणिक साहा, पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब और अन्य गणमान्य लोगों की मौजूदगी में राजभवन में एक कार्यक्रम में मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे. साहा ने रविवार रात राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा, ‘‘ जिष्णु देव वर्मा, एनसी देब बर्मा (आईपीएफटी), रतनलाल नाथ, प्रणजीत सिंह रॉय, मनोज कांति देब, संताना चकमा, राम प्रसाद पॉल, भगवान दास, सुशांत चौधरी, रामपाड़ा जमातिया और प्रेम कुमार रियांग (आईपीएफटी) राज्य के कैबिनेट मंत्री के तौर पर कल शपथ लेंगे.'' साहा ने रविवार को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
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लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के छात्र रह चुके साहा (69) साल 2016 में भाजपा में शामिल होने से पहले विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्य थे. 2020 में बिप्लब देब के त्रिपुरा भाजपा का अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद उन्होंने राज्य में पार्टी की कमान संभाली थी. राज्य के दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ियों में शुमार रह चुके साहा त्रिपुरा क्रिकेट संघ के अध्यक्ष भी हैं.
हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में साहा का कद उनकी साफ छवि और ट्रैक रिकॉर्ड के कारण बढ़ा, जिसमें नवंबर 2021 में त्रिपुरा में हुए निकाय चुनावों में तृणमूल कांग्रेस से कांटे की टक्कर के बीच सभी 13 नगर निकायों में पार्टी को जीत दिलाना शामिल है.
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री बदलने का फैसला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को भेजे गए एक विश्लेषण के बाद आया, जिसमें ये संकेत दिए गए थे कि त्रिपुरा में पार्टी और सरकार में बदलाव करने की जरूरत है.
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