पंजाब में पराली जलाने की 1,842 घटनाएं, विपक्ष ने भगवंत मान सरकार को घेरा

पंजाब में मंगलवार को पराली जलाने की रिकॉर्ड 1,842 घटनाएं दर्ज की गईं जिसे लेकर विपक्षी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को आड़े हाथ लिया.

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चंडीगढ़:

पंजाब में मंगलवार को पराली जलाने की रिकॉर्ड 1,842 घटनाएं दर्ज की गईं जिसे लेकर विपक्षी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को आड़े हाथ लिया. पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं पर भाजपा ने दिन में आप सरकार को घेरते हुए कहा कि वह अपनी ‘‘गहरी नींद''से जागे. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए पार्टी ने रेखांकित किया कि इससे पहले वह पराली जलाने की घटनाओं को रोक पाने में असफल होने पर पूर्ववर्ती पंजाब सरकार पर निशाना साधते थे और दिल्ली के प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराते थे.

भाजपा की पंजाब इकाई के महासचिव सुभाष शर्मा ने सवाल किया, ‘‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अब चुप क्यों हैं?'' भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने राज्य में पराली जलाने से रोकने में ‘‘पूरी तरह से असफल'' रहने के लिए आप सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब में पराली जलाने की 16 हजार से अधिक घटनाएं हुई हैं जो मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार की इस समस्या से निपटने में ‘‘असफलता और असंवेदनशीलता' को प्रतिबिंबित करती है. पंजाब कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने भी इस मुद्दे पर ‘आप' सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पराली जलाने की वजह से पंजाब में प्रदूषण खतरे के स्तर तक पहुंच चुका है. उन्होंने कहा, ‘‘यह जब ‘रोम जल रहा था तब नीरो बंसी बजा रहा था' का सटीक उदाहरण है.''

वडिंग ने कहा, ‘‘आप नेता गुजरात में हारी हुई लड़ाई लड़ने में व्यस्त हैं जबकि पंजाबियों को उन्होंने पराली जलने की वजह से दमघोंटू माहौल में छोड़ दिया है.'' उन्होंने ‘आप' सरकार को सलाह दी कि वह ‘गुजरात के व्यस्त कार्यक्रम' से कुछ समय पंजाब के लिए निकाले ताकि राज्य के मुद्दों का समाधान किया जा सके जिसके लिए यहां की जनता ने भरोसा करके उसके पक्ष में मतदान किया है. वडिंग ने केजरीवाल को याद दिलाया कि वह पूर्व में पराली जलाने के मुद्दे के लिए पंजाब के किसानों को जिम्मेदार ठहराते थे और सरकार बनने पर समस्या का समाधान करने का वादा करते थे. उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री से पूछा, ‘‘आपके वादे का क्या हुआ, आपके समाधान का क्या हुआ?''

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गौरतलब है कि राज्य में मंगलवार को पराली जलाने की 1842 घटनाएं दर्ज की गईं जिनमें सबसे अधिक 345 मामले संगरुर जिले की हैं जबकि फिरोजपुर में 229, पटियाला में 196, बठिंडा में 160, तरन-तारन में 123, बरनाला में 97 और मुक्तसर में पराली जलाने की 91 घटनाएं दर्ज की गई. बरनाला में किसानों के एक समूह ने मंगलवार को दमकल विभाग के एक दल को रोक दिया जो कथित तौर पर खेत में पराली लगायी गई आग को बुझा रही थी. यह घटना कलाला और सेहजरा गांवों के बीच उस समय हुई जब दमकल कर्मी खेत में आग बुझाने पहुंचे थे.

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