Maharashtra News : क्या बीजेपी और शिवसेना फिर साथ आएंगे, मुख्यमंत्री पद पर क्या समझौता हो पाएगा?

Maharashtra BJP-Shiv Sena : मुख्यमंत्री पद का मुद्दा दोनों दलों के बीच गतिरोध का मसला बना हुआ है. यह सवाल भी है कि क्या दोनों दलों में इतनी कड़वाहट के बाद शिवसेना बीजेपी नेतृत्व पर भरोसा करेगी.

Maharashtra News : क्या बीजेपी और शिवसेना फिर साथ आएंगे, मुख्यमंत्री पद पर क्या समझौता हो पाएगा?

Maharashtra में शिवसेना और बीजेपी के बीच सियासी दूरियां कम होते दिख रही हैं

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र (Maharashtra) में महा विकास अघाड़ी (MVA) में उठापटक के बीच बीजेपी (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) के बीच दोबारा गठबंधन की अटकलें तेज हो गई हैं. बीजेपी सूत्रों ने संकेत दिया है कि दोनों पक्षों के बीच कुछ वक्त से बातचीत चल रही है. खबरें यह भी हैं कि दोनों दलों के बीच ऐसी डील हो सकती है, जिसके तहत उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackrey) मुख्यमंत्री बने रहेंगे और देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanvis) को कैबिनेट मंत्री के तौर पर दिल्ली भेजा जा सकता है. हालांकि फडणवीस ने ऐसे किसी कदम से इनकार किया है.

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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि वे महाराष्ट्र की राजनीति में ही सक्रिय रहेंगे. खबरों में कहा गया है कि डील के तहत उद्धव मुख्यमंत्री रहेंगे, वहीं बीजेपी से दो उप मुख्यमंत्री होंगे. हालांकि बीजेपी सूत्रों का कहना है कि ऐसे किसी फार्मूले पर सहमत होने का सवाल ही नहीं उठता. फडणवीस को दोबारा मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए. पार्टी नेतृत्व इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगा, क्योंकि बीजेपी की विधानसभा में सीटें शिवसेना के मुकाबले दोगुना हैं.हालांकि शिवसेना मुख्यमंत्री पद बीजेपी को दोबारा देने पर राजी होगी, ऐसा होना मुश्किल दिखता है, क्योंकि इसी मुद्दे पर दोनों दलों के बीच गठबंधन टूटा था.

लिहाजा मुख्यमंत्री पद का मुद्दा दोनों दलों के बीच गतिरोध का मसला बना हुआ है. यह सवाल भी है कि क्या दोनों दलों में इतनी कड़वाहट के बाद शिवसेना बीजेपी नेतृत्व पर भरोसा करेगी. मान लो कि अगर बीजेपी ने भविष्य में शिवसेना को छोड़कर आगे बढ़ने का फैसला किया तो?

बीजेपी सूत्रों ने इस बात से भी इनकार किया है कि मोदी कैबिनेट में संभावित विस्तार को महाराष्ट्र की राजनीतिक गतिविधियों की वजह से देरी की गई है. उनका कहना है कि अगर महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी साथ आते हैं तो शिवसेना को भविष्य में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि पार्टी कार्यकर्ताओं का व्यापक तौर पर यह मानना है कि दोनों दलों को फिर साथ आना चाहिए, क्योंकि यह उनका स्वाभाविक गठबंधन है. जबकि महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के कई नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले हैं. इसको लेकर उद्धव ठाकरे सहज महसूस नहीं कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीएम उद्धव ठाकरे के साथ आमने-सामने की अकेले में हुई मुलाकात को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. हाल ही में शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत की बीजेपी नेता आशीष सेलार से मुलाकात हुई थी. शिवसेना की प्राथमिकता आगामी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC)  और ठाणे नगर निकाय चुनाव हैं. अगले साल भी दस नगर निकायों के चुनाव हैं, जहां बीजेपी और शिवसेना के बीच सीधी टक्कर होगी, अगर दोनों दलों में कोई गठबंधन नहीं हो पाता है.

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