खास बातें
- भ्रष्ट नेताओं से छुटकारा पाने के लिए चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को वोट न देकर नापसंदगी का बटन दबाने का फार्मुला चुनाव आयोग को रास आ रहा है।
New Delhi: राइट टू रिजेक्ट जल्द हकीकत बन सकता है। राइट टू रिजेक्ट यानी चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को वोट न देकर नापसंदगी का बटन दबाने का अधिकार। टीम अन्ना की इस अहम मांग पर चुनाव आयोग राज़ी हो गया है। सोमवार को टीम अन्ना ने चुनाव आयोग से मिलकर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में राइट टू रिजेक्ट का बटन लगाने की मांग की। आयोग ने इस पर आपत्ति नहीं जताई और कहा कि ये किया जा सकता है। साथ ही ये चिंता भी जताई कि ऐसा करने से एक ही विधानसभा क्षेत्र में बार−बार चुनाव कराने पड़ सकते हैं। आयोग इस संबंध में साल 2003 में सरकार को पत्र लिखकर अनुरोध कर चुका है। हालांकि इसके लिए कानून में बदलाव की जरूरत नहीं है। बल्कि कानून मंत्रालय के आदेश से इसे अमल में लाया जा सकता है।