'आग लगा दो', पूर्व CM कमलनाथ के कथित बयान पर बीजेपी ने हल्ला बोला, कूद पड़े कई मंत्री

राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने वीडियो पर पूर्व मुख्यमंत्री की निंदा करते हुए कहा, "मैं एमपी के राज्यपाल से मांग करता हूं कि इस तरह के बयानों के माध्यम से समाज में भय फैलाने के लिए आईपीसी की धारा 188 के तहत कमलनाथ के खिलाफ मामला दर्ज करने की अनुमति दी जाए.

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भोपाल:

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) के एक वीडियो को लेकर एक नया विवाद छिड़ गया है. बीजेपी (BJP) ने कहा है कि वह किसानों को "न्याय प्राप्त करने" के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आगजनी करने के लिए उकसा रहे हैं. पार्टी ने कमलनाथ पर कोरोनोवायरस संकट से निपटने के लिए सरकार की आलोचना करने पर भी हमला किया है, जिसमें कहा गया है कि उनकी टिप्पणी से भारत की छवि खराब होती है.

मध्य प्रदेश बीजेपी इकाई द्वारा जारी किए गए 20 सेकंड के एक वीडियो में, कमलनाथ को एक वर्चुअल मीटिंग को संबोधित करते हुए देखा जा सकता है. वीडियो में उन्हें कांग्रेस कार्यकर्ताओं को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि यह "आग लगाने" ("आग लगा दो") का सही अवसर था ताकि किसानों को न्याय मिल सके.

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राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने वीडियो पर पूर्व मुख्यमंत्री की निंदा करते हुए कहा, "मैं एमपी के राज्यपाल से मांग करता हूं कि इस तरह के बयानों के माध्यम से समाज में भय फैलाने के लिए आईपीसी की धारा 188 के तहत कमलनाथ के खिलाफ मामला दर्ज करने की अनुमति दी जाए. भारतीय कोरोना वैरिएंट वाली टिप्पणी के माध्यम से भारत की छवि खराब करने के लिए उन पर देशद्रोह का भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए."

इस विवाद और गृह मंत्री की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, कमलनाथ ने शनिवार को उज्जैन में कहा, "वे (भाजपा नेता) उस छोटी सी वीडियो क्लिप को क्यों ट्वीट कर रहे हैं? उसके पहले और बाद में मैंने जो कहा था, उसे क्यों नहीं दिखा रहे हैं? उन्हें वह करने दें जो वे चाहते हैं, जिसमें मामला दर्ज करना भी शामिल है."

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शुक्रवार को एक डिजिटल सम्मेलन को संबोधित करते हुए, कांग्रेस नेता ने यह भी कहा था कि पिछले साल दुनिया कह रही थी कि COVID-19 महामारी चीनी वायरस के कारण हुई थी "लेकिन अब हमारा देश भारतीय कोरोना या इंडियन वैरिएंट के कारण बदनाम हो गया है. कई देशों के राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री भारतीय संस्करण के बारे में बात कर रहे हैं."

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उन्होंने कहा, "पहले 'मेरा भारत महान' भारत की विश्वव्यापी पहचान थी, लेकिन अब 'मेरा भारत कोविड' देश की नई पहचान है. कोविड से संबंधित तथ्यों और आंकड़ों को दबाने और छिपाने के मौजूदा सरकार के रवैये से समस्या का समाधान नहीं होगा बल्कि स्थिति और खराब होगी." कमलनाथ ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार कोरोना से नहीं लड़ रही है, लेकिन वास्तव में आलोचना से लड़ रही है. मोदी सरकार कोविड प्रबंधन नहीं कर रही है, बल्कि छवि प्रबंधन में व्यस्त है." 

COVID-19 के वास्तविक आंकड़ों और तथ्यों को छिपाने का आरोप लगाते हुए, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश इसका एक आदर्श उदाहरण है. उन्होंने कहा, "मार्च और अप्रैल के दौरान राज्य में लगभग 1.27 लाख शव श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों में पहुंचे हैं और मेरा अनुमान है कि उनमें से 80 प्रतिशत मौतें कोविड के कारण हुईं. मेरी मांग है कि मध्य प्रदेश सरकार उन शवों के आंकड़े सार्वजनिक करे जो मार्च-अप्रैल 2021 में राज्य भर में श्मशान घाट और कब्रिस्तान पहुंचे हैं." 

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कमलनाथ ने कहा, "मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन सभी परिवारों के लिए 1 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है, जिन्होंने कोविड के लिए अपने सदस्यों को खो दिया है. मेरी मांग है कि प्रत्येक परिवार, जो कोविड के कारण मरने वाले अपने परिवार के सदस्यों के बारे में एक हलफनामा प्रस्तुत करता है, उसे 5 लाख रुपये मुआवजे का भुगतान किया जाए." 

कमलनाथ के इस बयान पर बीजेपी ने उनकी आलोचना की है. भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कमलनाथ ने एक बातचीत के दौरान "भारतीय कोरोना" शब्द का इस्तेमाल किया जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार का नाम किसी देश के नाम पर नहीं है.

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जावड़ेकर ने कहा, "वह यहीं नहीं रुके और कहा 'हमारी पहचान मेरा भारत कोविड'... कई कांग्रेस नेता इस तरह के बयान दे रहे हैं. कई नेताओं ने कहा कि यह एक भारतीय संस्करण है. यह भारत का अपमान है."

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