ट्विटर इंडिया के प्रमुख को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने फिलहाल गिरफ्तारी पर लगाई रोक

Loni Case: ट्विटर इंडिया प्रमुख मनीष माहेश्‍वरी ने गुरुवार को कर्नाटक हाईकोर्ट को बताया है, 'दो दिन में ही मुझे मिला नोटिस (पुलिस की ओर से मिला नोटिस) गवाह से आरोपी में बदल गया है.'

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बेंगलुरु:

गाजियाबाद में मुस्लिम बुजुर्ग पर हमले से संबंधित मामले में यूपी पुलिस की ओर से पूछताछ के लिए तलब किए गए ट्विटर इंडिया प्रमुख मनीष माहेश्‍वरी (Manish Maheshwari) ने गुरुवार को कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) को बताया है, 'दो दिन में ही मुझे मिला नोटिस (पुलिस की ओर से मिला नोटिस) गवाह से आरोपी में बदल गया है.' माहेश्‍वरी की ओर से हाईकोर्ट में कहा गया, मैं (ट्विटर) सिर्फ़ एक सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म हूं. मेरे प्लेटफ़ॉर्म पर वीडियो अपलोड किया गया. मेरे ख़िलाफ़ स्वत: संज्ञान लेकर यूपी पुलिस ने मुक़दमा दर्ज़ किया गया. पहले मुझे 160 crpc (गवाह के तौर पर) के अंतर्गत पेश होने को कहा गया, फिर दो दिन बाद बदल कर मुझे 41A (आरोपी) के अंतर्गत नोटिस भेजा गया. माहेश्‍वरी ने कहा, 'मैं बैंगलोर में रहता हूं मेरा ग़ाज़ियाबाद जाना संभव नहीं है. मैने यूपी पुलिस से कहा कि मैं वीडियो कांफ्रेंस के ज़रिए पेश हो सकता हूं पर यूपी पुलिस का कहना है कि व्यक्तिगत तौर पर पेश हूं. मैं कंपनी डॉयरेक्टर नहीं हूं, न ही रोज़मर्रा के निर्णय लेता हूं. मैं कंपनी का सेल्स और मार्केटिंग हेड हूं. कोर्ट कहेगा तो मैं व्यक्तिगत तौर पर भी पेश हो जाऊंगा पर मुझे गिरफ़्तार न किया जाए. मुझे डर है कि यूपी पुलिस मुझे गिरफ़्तार कर सकती है क्योंकि इन्होंने दो दिन में मुझे गवाह से आरोपी बना दिया.'

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सुनवाई के दौरान यूपी पुलिस ने याचिका का विरोध किया. कोर्ट ने कहा कि पहले यूपी पुलिस ये साबित करे कि आरोपी ही ट्विटर में निर्णय लेते हैं या ज़िम्मेदार हैं. कोर्ट ने कहा कि इस विषय में और सुनवाई की ज़रूरत है. मामले की अगली सुनवाई 29 जून को होगी तब तक यूपी पुलिस आशीष माहेश्वरी को गिरफ़्तार नहीं करेगी. कोर्ट ने कहा कि अगर पूछताछ करनी है तो वीडियो काफ़्रेंस के ज़रिए की जा सकती है.

गौरतलब है कि माहेश्‍वरी ने उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस की पुूछताछ ससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) का दरवाजा खटखटाया और याचिका दायर कर हमले के वायरस वीडियो मामले में ट्रांजिट अग्रिम ज़मानत की मांग की है. माहेश्वरी ने यह याचिका 23 जून यानी बुधवार को ही दाखिल की है. सूत्रों के मुताबिक ट्विटर इंडिया के हेड गाजियाबाद के लोनी थाने में पुलिस पूछताछ के लिए पहुंच सकते हैं. माना जा रहा है कि अपनी संभावित गिरफ्तारी से बचने के लिए ही माहेश्वरी ने कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. गाजियाबाद के लोनी में बुजुर्ग के साथ मारपीट और वीडियो वायरल मामले में माहेश्वरी को गाजियाबाद पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया है. वहां पहुंचकर वो अधिकारियों के सामने अपना पक्ष रख सकते हैं. 

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पुलिस सूत्रों के मुताबिक गाजियाबाद पुलिस का मुख्य सवाल यह है कि वीडियो पर आपत्ति होने के बावजूद ट्विटर ने उसे क्यों नहीं हटाया और उसे मैनिपुलेटेड टैग क्यों नहीं दिया? गौरतलब है कि पुलिस ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हाल ही में एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई के मामले में "सांप्रदायिक अशांति फैलाने" के लिए ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक को कानूनी नोटिस भेजा था. 

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