देश की अदालतों में सांसद-विधायकों के खिलाफ 4,984 आपराधिक मामले लंबित, पिछले तीन साल में 862 केस हुए दर्ज

एमिकस क्यूरी ने कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अधिक से अधिक लोग संसद और राज्य विधानसभाओं में सीटों पर 'कब्जा' कर रहे हैं.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
1,899 मामले पांच वर्ष से अधिक पुराने हैं.
नई दिल्ली:

सांसद-विधायकों के खिलाफ देशभर की अदालतों में 4,984 आपराधिक मुकदमे लंबित हैं. तीन वर्षों में 862 मामलों में बढोतरी दर्ज की गई है. सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी गई है कि पूर्व और मौजूदा सांसदों और विधायकों के खिलाफ कुल 4,984 आपराधिक मुकदमे देश भर के विभिन्न सत्र और मजिस्ट्रेट अदालतों में लंबित हैं. 

एमिकस क्यूरी वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर रिपोर्ट में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा कई निर्देशों और निरंतर निगरानी के बावजूद 4,984 मामले लंबित हैं, जिनमें से 1,899 मामले पांच वर्ष से अधिक पुराने हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि चार दिसंबर, 2018 के बाद 2,775 मामलों के निपटारे के बाद भी सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामले 4,122 से बढ़कर 4,984 हो गए. 4,984 मामलों में से 3,322 मजिस्ट्रियल मामले हैं जबकि 1,651 सेशन मामले हैं. 

यह रिपोर्ट वकील एवं बीजेपी नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा 2016 में दायर उस याचिका पर आई है, जिसमें कानून निर्माताओं के खिलाफ आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों की स्थापना की मांग की गई थी.

एमिकस क्यूरी ने कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अधिक से अधिक लोग संसद और राज्य विधानसभाओं में सीटों पर 'कब्जा' कर रहे हैं. इसलिए यह बहुत  जरूरी है कि लंबित आपराधिक मामलों के शीघ्र निपटान के लिए तत्काल और कड़े कदम उठाए जाएं.

अपनी रिपोर्ट ने एमिकस क्यूरी ने कई सुझाव भी दिए हैं. एमिकस क्यूरी ने कहा है कि सांसदों व विधायकों के खिलाफ मुकदमों को देख रही अदालतें सिर्फ और सिर्फ इन्हीं मामलों को देखें. अन्य मामलों की सुनवाई ऐसे मामलों की सुनवाई पूरी होने के बाद ही की जाए. यह भी सुझाव दिया गया है कि अभियोजन और बचाव पक्ष दोनों ही मामले की सुनवाई में सहयोग करेंगे और कोई स्थगन नहीं दिया जाएगा. यदि अभियोजन पक्ष त्वरित सुनवाई में सहयोग करने में विफल रहता है तो मामले की सूचना राज्य के मुख्य सचिव को दी जाएगी जो आवश्यक उपचारात्मक उपाय करेंगे. यदि अभियुक्त मुकदमे में देरी करता है तो उसकी जमानत रद्द कर दी जाए.

Featured Video Of The Day
Syed Suhail | Bihar Elections 2025: Owaisi का Tejashwi पर 'अटैक'! | Bharat Ki Baat Batata Hoon
Topics mentioned in this article