अमेरिका की "ऐतिहासिक" राजकीय यात्रा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी अपनी पहली मिस्र यात्रा के लिए हुए रवाना

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 24 से 25 जून तक मिस्र की राजकीय यात्रा पर रहेंगे. इस दौरान पीएम मोदी दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने तथा कारोबार एवं आर्थिक सहयोग के नये क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे.

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ष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के निमंत्रण पर पीएम मोदी मिस्र की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर
वाशिंगटन:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपनी "ऐतिहासिक" अमेरिकी राजकीय यात्रा समाप्त करने के बाद मिस्र के लिए रवाना हो गए. अमेरिकी राजकीय यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ बातचीत की और अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. यह प्रधानमंत्री की मिस्र की पहली यात्रा है. राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के निमंत्रण पर पीएम मोदी मिस्र की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं. प्रधानमंत्री मोदी, मिस्र के राष्ट्रपति अल सीसी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इस दौरान कुछ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किये जायेंगे.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 24 से 25 जून तक मिस्र की राजकीय यात्रा पर रहेंगे. इस दौरान पीएम मोदी दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने तथा कारोबार एवं आर्थिक सहयोग के नये क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे. अल-सीसी ने भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की थी और उसी समय उन्होंने प्रधानमंत्री को मिस्र यात्रा के लिए आमंत्रित किया था. 

मिस्र यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी अल हाकीम मस्जिद जायेंगे, जिसका पुनरूद्धार बोहरा समुदाय के सहयोग से किया गया था. वह हेलियोपोलिस युद्ध स्मारक जायेंगे और शहीद भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे.पीएम  मोदी की मिस्र की यह यात्रा वहां के राष्ट्रपति अल सीसी की भारत यात्रा के छह महीने के भीतर ही हो रही है, जो इसके महत्व को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री मोदी वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों, मिस्र की कुछ प्रमुख हस्तियों और मिस्र में भारतीय समुदाय के साथ संवाद करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ‘इंडिया यूनिट' के साथ भी संवाद करेंगे, जिसका गठन मिस्र के राष्ट्रपति ने भारत यात्रा से लौटने के बाद मार्च में किया था. इस यूनिट में कई उच्च स्तरीय मंत्री शामिल हैं.

पीएम मोदी और राष्‍ट्रपति सीसी के बीच वार्ता के दौरान द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा करीब सात अरब डॉलर से आगामी पांच साल में 12 अरब डॉलर तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया था. भारत और मिस्र के बीच रक्षा और सामरिक संबंध पिछले कुछ वर्षों में प्रगाढ़ हुए हैं. दोनों देशों की सेनाओं ने इस साल जनवरी में पहला संयुक्त अभ्यास किया था.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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