भारतीय अमेरिकी विवेक रामास्वामी रिपब्लिकन डिबेट में प्रतिद्वंद्वियों को मात देते नजर आए

अमेरिकी राष्ट्रपति पद उम्मीदवारी : भारतीय-अमेरिकी रामास्वामी ने कहा, मैं एक उद्यमी हूं, मेरे माता-पिता 40 साल पहले बिना पैसे के इस देश में आए थे, मैंने अरबों डॉलर की कंपनियां बनाईं, यह अमेरिकी सपना है.

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विवेक रामास्वामी को "शौकिया" बराक ओबामा बताया गया.
नई दिल्ली:

भारतीय अमेरिकी विवेक रामास्वामी बुधवार को रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के पहले डिबेट में अनुभवी प्रतिद्वंद्वियों को मात देते नजर आए, उन्होंने सबसे ज्यादा तीखे प्रहार किए और तालियां भी बजाईं. उनकी बहस की शुरुआत का एक मुख्य आकर्षण पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ तुलना थी. 38 वर्षीय विवेक रामास्वामी को साथी उम्मीदवार और न्यू जर्सी के पूर्व गवर्नर क्रिस क्रिस्टी ने "शौकिया" बराक ओबामा बताया था.

यह तंज विवेक रामास्वामी के खुद को "अजीब सरनेम वाला पतला आदमी" बताने से जुड़ा था, जो कई लोगों को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति की याद दिलाता है. सोशल मीडिया पर भी "ओबामा की शैली चुराने" के लिए उनकी आलोचना की गई है.

विवेक रामास्वामी ने मुस्कुराते हुए कहा, "मुझे बस उस सवाल का जवाब देना चाहिए जो आज रात घरों में हर किसी के मन में है. अजीब उपनाम वाला यह पतला आदमी कौन है, और वह इस बहस के मंच के बीच में क्या कर रहा है?" 

''मैंने अरबों डॉलर की कंपनियां बनाईं, यह अमेरिकी सपना है''

उन्होंने कहा कि, "मैं आपको बताऊंगा, मैं कोई राजनेता नहीं हूं. आप इस बारे में सही हैं. मैं एक उद्यमी हूं. मेरे माता-पिता 40 साल पहले बिना पैसे के इस देश में आए थे. मैंने अरबों डॉलर की कंपनियां बनाई हैं. यह अमेरिकी सपना है. और मैं वास्तव में चिंतित हूं कि यह अमेरिकी सपना हमारे दो बेटों और उनकी पीढ़ी के लिए तब तक अस्तित्व में नहीं रहेगा जब तक हम इसके बारे में कुछ नहीं करते."

बाद में बहस के दौरान क्रिस क्रिस्टी ने गुर्राते हुए कमेंट का जिक्र किया : "रुको, मैं आज रात एक ऐसे व्यक्ति से बहुत तंग आ चुका हूं जो चैटजीपीटी जैसा लगता है." उन्होंने रामास्वामी की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की कि जलवायु परिवर्तन का एजेंडा एक धोखा है.

60 साल के क्रिस्टी ने कहा, "अजीब सरनेम वाला एक पतला आदमी यहां क्या कर रहा है, वह बराक ओबामा थे. और मुझे डर है कि हम आज रात उसी प्रकार की शौकिया प्रवृत्तियों से निपट रहे हैं." 

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''मुझे गले लगाओ जैसे ओबामा को गले लगाया था''

रामास्वामी ने पलटवार करते हुए कहा, "मुझे गले लगाओ जैसे तुमने ओबामा को गले लगाया था. तुम मुझे चुने जाने में वैसे ही मदद करोगे जैसे तुमने ओबामा को की थी. मुझे गले लगाओ, भाई."

साल 2012 में क्रिस क्रिस्टी को राष्ट्रपति चुनाव से कुछ दिन पहले, सैंडी तूफान के बाद ओबामा को गले लगाने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था. क्रिस्टी ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने कभी ऐसा किया है. उन्होंने कहा, "मैंने उसे गले नहीं लगाया." 

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जनमत सर्वेक्षणों में रामास्वामी दूसरे स्थान पर

जनमत सर्वेक्षणों से पता चलता है कि रामास्वामी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बाद दूसरे स्थान पर हैं. ट्रम्प कल बहस में शामिल नहीं हुए लेकिन फिर भी ध्यान आकर्षित किया.

रामास्वामी पिछले कुछ हफ़्तों से अपनी पार्टी के अन्य राष्ट्रपति पद के दावेदारों को पछाड़ते हुए आगे बढ़ रहे हैं. उन पर पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस द्वारा भी बार-बार हमला किया गया. पेंस ने उनकी ओर इशारा करते हुए कहा, "हमें किसी नौसिखिए को लाने की ज़रूरत नहीं है."

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यहां तक कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी जलवायु परिवर्तन पर रामास्वामी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. राष्ट्रपति ने एक्स पर पोस्ट किया, "वैसे, जलवायु परिवर्तन वास्तविक है."

पूर्व गवर्नर निक्की हेली अब तक दौड़ में एकमात्र महिला

रामास्वामी के अलावा रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की बहस के मंच पर अन्य भारतीय-अमेरिकी दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर निक्की हेली थीं, जो अब तक दौड़ में एकमात्र महिला हैं. लेकिन बहस के दौरान ज्यादातर हमलों का शिकार रामास्वामी ही थे.

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बराक ओबामा की तुलना पर, भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी रो खन्ना ने पोस्ट किया कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा कहीं न कहीं "मुस्कुरा रहे होंगे."

दूसरी पीढ़ी के भारतीय-अमेरिकी रामास्वामी ने 2014 में रोइवेंट साइंसेज की स्थापना की और उनके बायो के अनुसार उन्होंने 2015 और 2016 के सबसे बड़े बायोटेक आईपीओ का नेतृत्व किया.

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