COVID Outbreak: चाइना कोविड-19 से फिर बेहाल होता जा रहा है. चीन में कोविड रिस्ट्रिक्शन्स में ढील दिए जाने के बाद एक बाद फिर से मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. हाल ही में सख्त लॉकडाउन उपायों में ढील के बाद चीन में कोविड के प्रसार को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं. हॉस्पिटल और मेडिकल फेसिलिटीज पर दबाव बढ़ रहा है क्योंकि जिन लोगों का घर पर टेस्ट पॉजिटिव रहा है वे मेडिकल फेसिलिटीज चाहते हैं. नागरिकों के असंतोष और अपनी अर्थव्यवस्था पर बढ़ते दबाव की अनदेखी करते हुए चीन अपनी जीरो कोविड पॉलिसी के साथ आगे बढ़ रहा है. वर्तमान में इसके दर्जनों शहर पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन के अधीन हैं, या डिस्ट्रिक्ट बेस्ड कंट्रोल के अधीन हैं क्योंकि अधिकारी COVID-19 मामलों के प्रसार पर अंकुश लगाना चाहते हैं.
बीजिंग में अधिकारियों ने सोमवार को वर्क-फ्रॉम-होम ऑर्डर और स्ट्रॉन्ग किया. सड़कों, अपार्टमेंट ब्लॉकों और पार्कों को बंद कर दिया गया क्योंकि शहर के 22 मिलियन निवासी चीन के सख्त COVID-19 प्रोटोकॉल को फॉलो कर रहे है.
चीन में कितने नए कोविड मामले हैं? | How Many New COVID Cases Are There In China?
आधिकारिक आंकड़ों की मानें तो पिछले हफ्ते के चरम के बाद देश भर में नए संक्रमणों की कुल संख्या में गिरावट आई. हालांकि रिपोर्ट किए गए मामलों में इस गिरावट को कोविड-19 टेस्ट के तरीके में बदलावों से समझा जा सकता है. चीन ने बड़े पैमाने पर टेस्ट बंद कर दिया है और केवल अस्पतालों और क्लीनिकों में पॉजिटिव मामलों को दर्ज कर रहा है जहां रोगी में कोविड के लक्षण हैं. एसिम्प्टोमैटिक मामले और होम टेस्ट किट से पॉजिटिव रिजस्ट डेटा में दर्ज नहीं किए जाते हैं.
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क्या थी चीन की जीरो कोविड पॉलिसी? | What Was China's Zero Covid Policy?
हाल ही में रिस्ट्रक्शन में ढील दिए जाने से पहले चीन दुनिया में सबसे कठिन एंटी-कोविड पॉलिसी वाले देशों में से एक था, जिसे उसकी जीरो कोविड पॉलिसी के रूप में जाना जाता है.
इस पॉलिसी में क्या शामिल था:
- स्थानीय अधिकारियों द्वारा लगाए गए सख्त लॉकडाउन - चाहे मुट्ठी भर कोविड मामले ही क्यों न मिले हों.
- उन जगहों पर बड़े पैमाने पर टेस्ट जहां मामले दर्ज किए गए.
- कोविड से ग्रस्त लोग घर पर अलग-थलग हैं, या सरकारी सुविधाओं में क्वारंटीन के तहत रखे गए हैं.
- लॉकडाउन क्षेत्रों में व्यवसाय और स्कूल बंद.
- दुकानें बंद, खाने-पीने की चीजों को छोड़कर.
- लॉकडाउन तब तक जारी रहेगा जब तक कोई नया संक्रमण सामने नहीं आता.
- इसका मतलब था कि लाखों लोग किसी तरह के लॉकडाउन में रह रहे थे.
कुछ स्थानीय अधिकारियों ने इससे भी ज्यादा उपाय किए जैसे श्रमिकों को कारखानों के अंदर सोने के लिए मजबूर करना ताकि वे क्वारंटाइन के दौरान काम कर सकें.
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नवंबर की शुरुआत में झेंग्झौ में फॉक्सकॉन कारखाने के कर्मचारियों ने जो आईफो बनाता है, बड़े पैमाने पर ब्रेकआउट का खुलासा किया क्योंकि उन्हें डर था कि वे अंदर बंद हो जाएंगे.
नियम कैसे बदल गए हैं और अब क्या है रूल?
राष्ट्रपति शी जिनपिंग और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सीधी आलोचना सहित देश भर में कोविड लॉकडाउन के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार ने रिस्ट्रिक्शन में ढील देने की घोषणा की.
इसमे शामिल है:
- लॉकडाउन अब पूरे शहरों के बजाय इमारतों, यूनिट्स तक टारगेटेड होंगे.
- नए मामले नहीं मिलने पर "हाई रिस्क वाले" क्षेत्रों को पांच दिनों में लॉकडाउन से बाहर आना होगा.
- व्यापक आउटब्रेक नहीं होने पर स्कूल खुले रहेंगे.
- कोविड वाले लोगों को अब सेंट्रलाइज्ड क्वारंटीन सुविधा में जाने की जरूरत नहीं है.
- स्कूलों, अस्पतालों और नर्सिंग होम को छोड़कर सार्वजनिक परिवहन, रेस्तरां, जिम और अन्य सार्वजनिक भवनों में प्रवेश करने के लिए अब पीसीआर टेस्ट की जरूरत नहीं है.
- इंटर-स्टेट ट्रेवल रिस्ट्रिक्शन हटा लिया गया.
- नेशनल ट्रैकिंग ऐप बंद.
- इससे पहले सरकार ने आइसोलेशन को 10 से घटाकर आठ दिन कर दिया था, एक आइसोलेशन केंद्र में पांच दिन, घर पर तीन दिन.
- मार्च 2020 से अंतरराष्ट्रीय आगमन पर लगे कुछ कड़े प्रतिबंधों में ढील दी गई है.
क्या जीरो कोविड नीति कारगर रही?
चीनी सरकार ने अपनी अब समाप्त हो चुकी नीति को "डायनेमिक जीरो" कहा - जहां कहीं भी कोविड प्रकोप है, उसे मिटाने के लिए कार्रवाई की जाती है. सरकार ने कहा कि इससे जान बचती है, क्योंकि अनियंत्रित प्रकोप बुजुर्गों सहित कई कमजोर लोगों को जोखिम में डाल देगा.
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सख्त लॉकडाउन का मतलब है कि महामारी की शुरुआत के बाद से चीन में मरने वालों की संख्या कम रही है - आधिकारिक आंकड़ा सिर्फ 5,200 से अधिक है.
यह चीन में प्रत्येक मिलियन में केवल तीन कोविड की मृत्यु के बराबर है, जबकि अमेरिका में 3,000 प्रति मिलियन और यूके में 2,400 प्रति मिलियन है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.