Benefits Of Phalakasana: फलकासन (जिसे प्लांक भी कहा जाता है) एक असरदार योग आसन है जो शरीर की कोर मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए जाना जाता है. यह आसन सिर्फ मांसपेशियों को ताकत नहीं देता, बल्कि शरीर के अन्य हिस्सों जैसे रीढ़, कलाई, और कंधों को भी मजबूती प्रदान करता है. आजकल यह आसन फिटनेस रूटीन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है क्योंकि इसके अभ्यास से न सिर्फ फिजिकल हेल्थ बेहतर होती है, बल्कि मेंटल पीस भी मिलता है. इस आर्टिकल में हम यह समझेंगे कि फलकासन कैसे मांसपेशियों को ताकत प्रदान करता है और इसे सही तरीके से कैसे किया जाए.
फलकासन के फायदे (Health Benefits Of Phalakasana)
फलकासन कैसे करें?
फलकासन करने के लिए सबसे पहले आपको टेबल टॉप पोजीशन में आना होगा. इस पोजीशन में, आपके हाथ कंधों के नीचे और घुटने कूल्हों के नीचे होते हैं. अब, अपने हाथों और पैरों को सीधा करते हुए शरीर को एक सीधी रेखा में रखने की कोशिश करें. ध्यान रहे कि आपके हिप्स न तो ऊपर उठें और न ही नीचे झुकें. शरीर को एक मजबूत और स्थिर स्थिति में रखें, जैसे एक तख़्ता.
-अब अपने दोनों पैर पीछे खींचें, ताकि शरीर एक सीधी रेखा में आ जाए. हाथों और पैरों से समान रूप से दबाव डालें ताकि आपका शरीर पूरी तरह से स्थिर रहे. इस स्थिति में, आपको सांस लेते हुए इस आसन को कुछ सेकंड तक बनाए रखना होता है. आप शुरुआत में इसे 20-30 सेकंड के लिए कर सकते हैं, और धीरे-धीरे समय बढ़ा सकते हैं.
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-फलकासन के दौरान अपने शरीर के हर एक हिस्से को सक्रिय रखें. खासतौर पर कोर मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए पेट को अंदर खींचकर रखें और पीठ को सीधा रखें. इस आसन के अभ्यास से शरीर के सभी हिस्सों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, और शरीर की सहनशक्ति भी बढ़ती है.
फलकासन के फायदे क्या हैं?
फलकासन के नियमित अभ्यास से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर में लचीलापन आता है. यह आसन कोर मांसपेशियों को पूरी तरह से एक्टिव करता है, जिससे पेट और पीठ की मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है. इसके अलावा, यह आसन शरीर के बैलेंस और सहनशक्ति में सुधार करता है. जब आप फलकासन करते हैं, तो आपके कंधे, कलाई, और हाथों पर भी दबाव पड़ता है, जो उन्हें मजबूत बनाने में मदद करता है.
इस आसन का अभ्यास करते समय शरीर की स्टेब्लिटी पर ध्यान देना जरूरी होता है. यह रीढ़ की हड्डी को स्थिरता प्रदान करता है और पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को भी मजबूत करता है. इसके अलावा, इस आसन के अभ्यास से हड्डियों में भी मजबूती आती है क्योंकि यह शरीर के वजन को सहन करने की क्षमता को बढ़ाता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)