Rheumatoid Arthritis: योग पहुंचा सकता है गठिया रोगियों को राहत- स्टडी

Rheumatoid Arthritis: एक अध्ययन ने गठिया के रोगियों में सेलुलर और मोलेक्यूलर स्तर पर योग के प्रभावों की खोज की है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
Rheumatoid Arthritis: योग पहुंचा सकता है गठिया से राहत.

योग हमारे शरीर को हेल्दी रखने में अहम भूमिका निभाता है. ये कहना गलत नहीं होगा कि योग हमें निरोग बनाता है. हाल ही में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली के एक नए अध्ययन से पता चलता है कि योगाभ्यास से गठिया (रूमेटाइड अर्थराइटिस-आरए) के रोगियों के स्वास्थ्य में काफी सुधार आ सकता है. आरए एक पुरानी ऑटोइम्यून बीमारी है, जो जोड़ों में सूजन का कारण बनती है. यह जोड़ों को नुकसान पहुंचाती है और इस रोग में दर्द होता है. इसके कारण फेफड़े, हृदय और मस्तिष्क जैसे अन्य अंग प्रणालियां भी प्रभावित हो सकती हैं. योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है.

डीएसटी द्वारा समर्थित, मोलेक्यूलर री-प्रोडक्शन एंड जेनेटिक्स प्रयोगशाला, एनाटॉमी विभाग और रुमेटोलॉजी विभाग एम्स, नई दिल्ली द्वारा एक सहयोगी अध्ययन ने गठिया के रोगियों में सेलुलर और मोलेक्यूलर स्तर पर योग के प्रभावों की खोज की है. इससे पता चला है कि योग कैसे दर्द से राहत देकर गठिया के मरीजों को लाभ पहुंचा सकता है. 

ये भी पढ़ें- क्या आप भी सुबह खाली पेट पीते हैं गुनगुना पानी? तो जान लें इससे होने वाले ये नुकसान

Advertisement

योग सेलुलर क्षति और ऑक्सीडेटिव तनाव (ओएस) को नियंत्रित करके सूजन को कम करता है. यह प्रो- और एंटी-इंफ्लेमेटरी साइटोकिंस को संतुलित करता है, एंडोर्फिन के स्तर को बढ़ाता है, कोर्टिसोल और सीआरपी के स्तर को कम करता है तथा मेलाटोनिन के स्तर को बनाए रखता है. इसके जरिये सूजन और एक्टिव प्रतिरक्षा प्रणाली चक्र का विघटन रुक जाता है. मोलेक्यूलर स्तर पर, टेलोमेरेज एंजाइम और डीएनए में सुधार तथा कोशिका चक्र विनियमन में शामिल जीन की एक्टविटी को बढ़ाकर, यह कोशिकाओं की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है. इसके अलावा, योग माइटोकॉन्ड्रियल फ़ंक्शन को बेहतर बनाता है, जो एनर्जी मेटाबॉलिजम को बढ़ाकर और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके टेलोमेर एट्रिशन व डीएनए क्षति से बचाता है. 

Advertisement

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मुताबिक डीएसटी द्वारा समर्थित, एम्स के एनाटॉमी विभाग के मोलेक्यूलर री-प्रोडक्शन एंड जेनेटिक्स प्रयोगशाला में डॉ. रीमा दादा और उनकी टीम द्वारा किए गए एक अध्ययन में दर्द में कमी, जोड़ों की गतिशीलता में सुधार, चलने-फिरने की कठिनाई में कमी और योग करने वाले रोगियों के लिए जीवन की समग्र गुणवत्ता में वृद्धि दर्ज की गई. ये समस्त लाभ योग की प्रतिरक्षात्मक सहनशीलता और मोलेक्यूलर रेमिशन स्थापित करने की क्षमता में निहित हैं.

Advertisement

साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि योग तनाव को कम करने में मदद कर सकता है, जो गठिया के लक्षणों के लिए एक ज्ञात कारण है. कोर्टिसोल जैसे तनाव हार्मोन को कम करके, योग अप्रत्यक्ष रूप से सूजन को कम कर सकता है, माइटोकॉन्ड्रियल फ़ंक्शन में सुधार कर सकता है, जो ऊर्जा उत्पादन और सेलुलर स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है. योग न्यूरोप्लास्टिसिटी को बढ़ावा देता है और इस प्रकार रोग से राहत दिलाने में सहायता करता है तथा को-मॉर्बिड डिप्रेशन की गंभीरता को कम करता है.

Advertisement

इस शोध से गठिया रोगियों के लिए चिकित्सा के रूप में योग की क्षमता का प्रमाण मिलता है. योग न केवल दर्द और जकड़न जैसे लक्षणों को कम कर सकता है, बल्कि रोग नियंत्रण और जीवन की बेहतर गुणवत्ता में भी योगदान दे सकता है. दवाओं के विपरीत, योग के कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं और यह गंभीर ऑटोइम्यून स्थितियों के प्रबंधन के लिए एक सस्ता व प्रभावी तथा स्वाभाविक ऑप्शन प्रदान करता है.

Cervical Cancer से बचने का कारगर तरीका है HPV Vaccine, जानिए किसे और कब लेना चाहिए HPV वैक्सीन

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Delhi में आयोजित Lehar Art Exhibition में छात्रों द्वारा बनाए गए पेंटिंग्स, फिल्म, मैगजीन की पेशकश