World Tuberculosis Day: मौसम का बदलना यानी कि बीमारियों को न्योता मिलना. खासतौर से सर्दी, जुकाम और खांसी तो हर बदलते सीजन में होने वाली आम बीमारी है. कुछ लोग सर्दी-जुकाम जैसी परेशानी से जल्द राहत पा लेते हैं, लेकिन कुछ लोगों का कई कई दिनों तक बुरा हाल रहता है. मौसमी बीमारियों को हल्के में लेने की आदत के चलते लंबी खांसी या कफ को गंभीरता से नहीं लिया जाता. ये गलती कभी कभी बहुत भारी पड़ जाती है. अपनी खांसी को नजरअंदाज करना एक बड़ी गलती साबित हो सकता है. ये आम खांसी न हो कर टीबी वाली खांसी हो सकती है. इसलिए समय रहते ये जरूर जान लीजिए कि आम कफ, खांसी में और टीबी वाली खांसी में क्या अंतर है. कब अपनी खांसी को आपको गंभीरता से लेना शुरू कर देना चाहिए.
UNICEF की एक रिपोर्ट में हुआ खुलासा 'Depression' क्या है और बच्चे क्यों होते हैं इसका शिकार !
कैसे पहचानें अंतर? ( How to spot the difference?):
टीबी और आम खांसी के बीच अंतर को पहचानने के लिए कुछ खास लक्षणों पर गौर करना चाहिए. सबसे पहले तो खांसी कितने समय से चल रही है. ये अंतराल मायने रखता है. अगर आपको खांसी आते हुए दो हफ्ते से ज्यादा का वक्त हो चुका है तो ये गंभीर इशारा हो सकता है.
- आपके आस पास कोई टीबी का मरीज हो तो भी टीबी होने की संभावना बढ़ जाती है.
- टीबी वाली खांसी होने पर कभी भी खांसी के साथ खून आ सकता है. खून आने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
- खांसी शुरू होने के बाद से आपके वजन में तेजी से गिरावट आने लगे तो इसे गंभीरता से लें.
- ठंड लगना, बार बार बुखार आना, थकान लगना भी टीबी का संकेत हो सकता है.
टीबी होने के कारण (Cause Of TB)
मौसमी बुखार या खांसी की वजह छोटा मोटा इंफेक्शन या मौसम में हुआ बदलाव हो सकता है. लेकिन टीबी होने के जिम्मेदार कई कारण हो सकते हैं.
- जिस व्यक्ति की इम्यूनिटी कम होती है उन्हें टीबी होने की संभावना ज्यादा होती है. खासतौर से तब जब वो किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं.
- जिन लोगों की डाइट खराब होती है, यानी जिसमें फास्टफूड, बाहर का तला भुना खाना या प्रोसेस्ड फूड शामिल होता है.
- जो लोग ज्यादा सिगरेट पीते हैं.
- जिन्हें पहले से कोई ऐसा रोग जो उन्हें कमजोर बना रहा हो.
टीबी की जांच (TB test):
टीबी से निपटने के लिए इसकी जांच प्रक्रिया को आसान और सुगम बनाने की भरपूर कोशिश की गई है. टीबी की जांच के लिए छाती का एक्सरे लिया जाता है और बलगम यानी कफ की जांच की जाती है. कुछ स्थानों अब ऐसे इंतजाम भी किए गए हैं कि मरीज जांच के खुद ही सैंपल लेकर अस्पताल जा सकता है. जिसके बाद उसे लाइन में लगने की झंझट भी नहीं उठानी होगी.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.