World Polio Day 2025: पोलियो मुक्त दुनिया की ओर एक कदम, जानिए क्यों हर साल 24 अक्टूबर को मनाते हैं यह दिन

World Polio Day 2025 : विश्व पोलियो दिवस एक संकल्प है हर बच्चे को सुरक्षित रखने का. यह दिन हमें याद दिलाता है कि एकजुट होकर, लगातार प्रयासों और सही जानकारी के साथ हम किसी भी बीमारी को हराने की ताकत रखते हैं. 

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World Polio Day का जानिए महत्व.

World Polio Day 2025: हर साल 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है. यह दिन उस वैश्विक मुहिम का प्रतीक है, जिसमें करोड़ों लोगों ने मिलकर पोलियो जैसी गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म करने का सपना देखा और उसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की. यह दिन एक ऐसे वैज्ञानिक को भी याद करने का मौका देता है, जिन्होंने पोलियो के खिलाफ पहला असरदार टीका तैयार किया - डॉ. जोनास साल्क.

पोलियो क्या है?

पोलियो एक संक्रामक बीमारी है जो एक वायरस के ज़रिए फैलती है. यह बीमारी आमतौर पर बच्चों को ज्यादा प्रभावित करती है. इसके लक्षण शुरुआत में हल्के हो सकते हैं - जैसे बुखार, थकावट, सिरदर्द या उल्टी. लेकिन कई मामलों में यह बीमारी शरीर के कुछ हिस्सों को हमेशा के लिए बेकार बना सकती है, जिसे हम पक्षाघात कहते हैं.

पोलियो का असर क्यों गंभीर होता है?

पोलियो एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर की मांसपेशियां काम करना बंद कर सकती हैं. अगर समय पर इलाज या सुरक्षा न हो, तो बच्चा हमेशा के लिए चलने-फिरने की ताकत खो सकता है. सबसे बड़ी चिंता यह है कि यह बीमारी बहुत तेज़ी से फैलती है, खासकर साफ-सफाई की कमी वाले इलाकों में.

टीकाकरण ही बचाव है

इस बीमारी से बचाव का सबसे मजबूत तरीका है - टीकाकरण. पोलियो के टीके से बच्चे की रोग से लड़ने की ताकत बढ़ जाती है और वह इस खतरनाक बीमारी से सुरक्षित हो जाता है. यही वजह है कि दुनिया भर के स्वास्थ्य संगठन लगातार यह सुनिश्चित करने में लगे हुए हैं कि कोई भी बच्चा टीके से वंचित न रह जाए.

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24 अक्टूबर क्यों खास है?

यह दिन डॉ. जोनास साल्क के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है. उन्होंने पोलियो वायरस को रोकने वाला पहला टीका तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी. इस दिन रोटरी इंटरनेशनल और विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे कई बड़े संगठन मिलकर जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम, रैली और टीकाकरण अभियान चलाते हैं.

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भारत की सफलता

भारत एक समय पर पोलियो से सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक था. लेकिन निरंतर प्रयासों, घर-घर जाकर टीकाकरण, और लोगों की जागरूकता के कारण भारत ने 2014 में खुद को पोलियो मुक्त घोषित किया. यह उपलब्धि पूरे देश के लिए गर्व की बात है.

अब क्या जरूरी है?

हालांकि भारत में अब पोलियो का कोई नया मामला नहीं मिला है, लेकिन यह समय संतुष्ट होकर बैठने का नहीं है. पोलियो वायरस अब भी कुछ देशों में मौजूद है, और जब तक पूरी दुनिया इससे मुक्त नहीं होती, खतरा बना रहेगा. इसलिए बच्चों को समय पर पोलियो की खुराक दिलाना और साफ-सफाई का ध्यान रखना अभी भी बेहद जरूरी है.

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ऑफिशियल डेट

हर साल 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है.  

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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