World Obesity Day 2025 : मोटापा आजकल एक बढ़ती हुई समस्या बन चुका है, जो न सिर्फ शारीरिक रूप से असहज बना सकता है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है. यह सिर्फ दिखने में ही खराब नहीं लगता, बल्कि यह हमारे शरीर पर गहरा असर डालता है, जिससे सेहत से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. शरीर में ज्यादा फैट का जमा होना शरीर के अलग-अलग अंगों पर दबाव डालता है और इसका सीरियस हेल्थ इश्युज के रूप में सामने आता है. 4 मार्च को विश्व मोटापा दिवस के मौके पर यह समझना जरूरी है कि मोटापा किस तरह से हमारे शरीर को प्रभावित करता है और इसके कारण हमें कौन सी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं?
विश्व मोटापा दिवस 2025 (World Obesity Day 2025)
मोटापे का शरीर पर असर | The Effects of Obesity on Your Body
मोटापे का असर सिर्फ शरीर के बाहरी रूप तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह शरीर के भीतर भी गहरा असर डालता है. शरीर में बहुत ज्यादा फैट जमा होना हड्डियों, जोड़ों, बॉडी पार्ट्स और बॉडी पार्ट्स के स्ट्रक्चर पर दबाव डालता है, जिससे हार्मोनल इम्बैलेंस, मेटाबॉलिज्म धीमा होना और सूजन की समस्या बढ़ने लगती है. मोटापा न सिर्फ हमारे दिल और ब्लड वैसेल्स को प्रभावित करता है, बल्कि यह हमारी मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित कर सकता है.
मोटापे से जुड़ी गंभीर बीमारियां | Motape se Hone Wali Bimariyan
1. टाइप 2 डायबिटीज : मोटापा टाइप 2 डायबिटीज के मुख्य कारणों में से एक है. शरीर में एक्स्ट्रा फैट के जमा होने से इंसुलिन का असरदार तरीके से काम करना मुश्किल हो जाता है, जिससे ब्लड ग्लूकोज़ का लेवल बढ़ जाता है. इससे दिल और किडनी पर भी प्रभाव पड़ सकता है, जो लॉन्ग टर्म में सीरियस हेल्थ इश्युज़ का कारण बन सकता है.
2. दिल की बीमारी : मोटापे के कारण दिल की बीमारियां भी उत्पन्न हो सकती हैं. शरीर में फैट के जमा होने से ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट होती है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल बढ़ता है. यह दिल के दौरे और दूसरी कार्डियक पॅॉब्लम्स का कारण बन सकता है.
3. स्ट्रोक : जब शरीर में फैट ज्यादा हो जाता है, तो यह ब्लड वैसेल्स को कम्प्रेस्ड कर सकता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट आ सकती है. यह स्थिति स्ट्रोक का कारण बन सकती है, जिसमें ब्रेन के कुछ हिस्सों में ब्लड की सप्लाई रुक जाती है, जो सीरियस मेंटल इंजुरी का कारण बन सकती है.
4. स्लीप एपनिया : मोटे लोगों में स्लीप एपनिया की समस्या बढ़ जाती है, जिसमें नींद के दौरान सांस लेने में रुकावट आती है. यह ज्यादा वजन के कारण गले में फैट के जमा होने से होता है, जो रेस्पीरेटरी प्रोसेस को प्रभावित करता है. इससे नींद में व्यवधान और शरीर में ऑक्सीजन का लेवल घट सकता है.
5. हाई ब्लड प्रेशर : बहुत ज्यादा फैट का शरीर में जमा होना ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है. यह ब्लड वैसेल्स पर दबाव डालता है और हार्ट को ज्यादा मेहनत करने के लिए मजबूर करता है. इससे हार्ट और किडनी की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
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6. लिवर की बीमारी : मोटापे के कारण लिवर पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे फैटी लिवर और नॉन-अल्कोहोलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH) जैसी बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं. इसमें लिवर में फैट जमा होने लगता है, जो लिवर के कामों को प्रभावित करता है और लिवर में सूजन और दूसरी परेशानियां उत्पन्न कर सकता है.
7. गॉलब्लैडर डिजीज : मोटापे से गॉलब्लैडर में स्टोन्स बनने का खतरा बढ़ जाता है. यह तब होता है जब गॉलब्लैडर में ज्यादा फैट और कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है, जिससे गॉलब्लैडर की काम करने क्षमता प्रभावित होती है और गॉलब्लैडर में पथरी बनने लगती है.
8. कैंसर का खतरा : मोटापा और कैंसर के बीच इंडायरेक्ट कनेक्शन हो सकता है. बहुत ज्यादा वजन बढ़ने से अलग-अलग प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, जैसे ब्रेस्ट कैंसर, गॉलब्लैडर कैंसर, पैनक्रियाटिक कैंसर, लिवर कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर.
9. प्रेगनेंसी में समस्याएं : महिलाओं में मोटापा प्रेगनेंसी के दौरान अलग-अलग परेशानियां उत्पन्न कर सकता है. इससे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और लिवर से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं, जो प्रेगनेंसी में मुश्किल पैदा कर सकती हैं.
10. डिप्रेशन और मेंटल प्रॉब्लम्स : मोटापे का मेंटल हेल्थ पर भी गहरा असर पड़ सकता है. मोटे व्यक्तियों में डिप्रेशन, सेल्फ सेंसिटिविटी और मेंटल स्ट्रेस की परेशानियां बढ़ सकती हैं. फिजिकल चैंजेस और बॉडी शेमिंग के कारण मेंटल स्टेट पर भी नेगेटिव इफैक्ट पड़ता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)