सांसें बचानी हैं तो अपनाएं ये 5 आदतें, फेफड़ों की सेहत के लिए बेहद जरूरी हेल्दी डाइट, एक्सरसाइज

World Lung Cancer Day 2025: आकाश हेल्थकेयर के रेस्पिरेट्री और स्लीप मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट और हेड डॉ. अक्षय बुधराजा के अनुसार, “फेफड़े शरीर का वो हिस्सा हैं जो हर सांस में प्रदूषकों से जूझते हैं. इन्हें मजबूत रखने के लिए हमें रोजमर्रा की आदतों पर ध्यान देना चाहिए.

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Lung Cancer Day 2025: फेफड़ों का ध्यान कैसे रखें.

World Lung Cancer Day 2025: शहरी हवा में बढ़ता प्रदूषण, बदलती जीवनशैली और स्मोकिंग की आदत फेफड़ों को तेजी से कमजोर कर रही है. वर्ल्ड लंग कैंसर डे के मौके पर विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि अगर अभी नहीं संभले, तो सांस लेने में तकलीफ आम होती जाएगी. लेकिन अच्छी बात ये है कि कुछ आसान आदतें अपनाकर फेफड़ों को लंबे वक्त तक सेहतमंद रखा जा सकता है. आकाश हेल्थकेयर के रेस्पिरेट्री और स्लीप मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट और हेड डॉ. अक्षय बुधराजा  के  अनुसार, “फेफड़े शरीर का वो हिस्सा हैं जो हर सांस में प्रदूषकों से जूझते हैं. इन्हें मजबूत रखने के लिए हमें रोजमर्रा की आदतों पर ध्यान देना चाहिए. 

फेफड़ों को हेल्दी रखने के लिए क्या करें- (What to do to keep the lungs healthy)

1. हेल्दी डाइट अपनाएं-

आपका खानपान सीधे तौर पर फेफड़ों की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है. एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर डाइट जैसे, टमाटर, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियां और फल फेफड़ों की सूजन को कम करते हैं और टिशूज को रिपेयर करते हैं. डॉक्टर के अनुसार,  “ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन C और E युक्त भोजन फेफड़ों को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है. 

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2. नियमित एक्सरसाइज करें-

हफ्ते में कम से कम 5 दिन, 30 मिनट तक ब्रिस्क वॉक, योग या साइकलिंग जैसी गतिविधियां करें. इससे फेफड़ों की ऑक्सीजन कैपेसिटी बढ़ती है और श्वास प्रणाली मजबूत होती है. 

3. एयर क्वालिटी अलर्ट पर नजर रखें-

आजकल कई एप्स हैं जो आपके क्षेत्र की एयर क्वालिटी इंडेक्स की जानकारी देते हैं. अगर AQI 150 से ज्यादा हो, तो बाहर निकलने से बचें या मास्क पहनें. घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग भी फायदेमंद है.

4. स्मोकिंग से दूर रहें-

सिगरेट, बीड़ी या हुक्का – किसी भी तरह का धुआं फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ा देता है. खुद भी न पीएं और पैसिव स्मोकिंग से भी बचें.

5. नियमित जांच करवाएं-

अगर आपको बार-बार खांसी, सांस फूलना या सीने में भारीपन लगता है, तो नजरअंदाज न करें. डॉक्टर से जांच करवाएं और जरूरत हो तो लो डोज सीटी स्कैन जैसे टेस्ट भी कराएं. डॉ. के अनुसार, “लंग हेल्थ को नजरअंदाज करना अब लग्जरी नहीं, खतरा है. शुरुआती लक्षणों को पकड़ना ही बेहतर इलाज की कुंजी है.” 

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फेफड़ों की सेहत को हल्के में लेना अब संभव नहीं. एक जागरूक दिनचर्या और सजग जीवनशैली ही आने वाले सालों में लंग डिजीज और कैंसर के खतरे से बचा सकती है. तो आज ही सांसों की अहमियत को समझें और इन 5 आदतों को अपनाएं. क्योंकि फेफड़े मजबूत होंगे, तो ज़िंदगी की रफ्तार भी बनी रहेगी. 

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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