World Breastfeeding Week: हर मां के लिए अपने बच्चे को सीने से लगाकर दूध पिलाना दुनिया का सबसे सुखद अनुभव हो सकता है. ब्रेस्टफीडिंग एक इमोशनल एक्सपीरियंस तो है ही ये सेहत के लिहाज से भी बेहद अहम है. इसी वजह से हर साल दुनिया भर में अगस्त के पहले हफ्ते यानी 1 अगस्त से 7 अगस्त तक ब्रेस्टफीडिंग वीक मनाया जाता है. मां का दूध बच्चे की ग्रोथ के लिए जरूरी होता है. मां के दूध में यह विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट समेत वो सब कुछ होता है, जो एक बच्चे के ग्रोथ और न्यूट्रिशन के लिए जरूरी है. मां के दूध में एंटीबॉडी होते हैं जो इंफेक्शन से बचाते हैं और इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं. हालांकि कई बार शारीरिक समस्याओं या दूसरी वजहों से मां के शरीर में मिल्क प्रोडक्शन या तो कम हो जाता है या पूरी तरह से बंद हो जाता है. आइए जानते हैं कि मिल्क प्रोडक्शन को बनाए रखने और इसे बढ़ाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
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मिल्क प्रोडक्शन बनाए रखने के तरीके (Ways to maintain milk production)
लैक्टेशन बनाए रखना आम तौर पर आपूर्ति और मांग पर निर्भर होता है. आपका शिशु जितना ज्यादा स्तनपान करेगा या ब्रेस्ट पंप से जितना ज्यादा दूध निकालेगा, आपका शरीर उतना ही ज्यादा दूध बनाएगा. हार्मोन या गर्भ निरोधक दवाओं के जरिए लैक्टेशन को बंद किया जा सकता है, लेकिन अगर आप चाहती हैं कि आप स्तनपान बनाए रखें और आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में मिल्क प्रोडक्शन होता रहे तो आपको इन बातों का ध्यान देना होगा.
- बच्चे की मांग पर दूध पिलाना जारी रखें या बार-बार (लगभग हर चार घंटे में) दूध पंप करें.
- पर्याप्त कैलोरी वाली हेल्दी डाइट लें. लो कैलोरी वाली डाइट से मिल्क प्रोडक्शन कम हो सकता है.
- हाइड्रेटेड रहने के लिए खूब पानी पिएं,..
- स्मोकिंग, नशीली दवाओं या शराब से बचें. ये चीजें मिल्क प्रोडक्शन को कम कर सकती हैं. साथ ही ये आपके बच्चे पर भी असर डाल सकती हैं.
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