World Breastfeeding Week: वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक अगस्त के पहले हफ्ते में मनाया जाता है. हफ्तेभर चलने वाला यह कार्यक्रम नवजात शिशुओं की ऑलओवर ग्रोथ के लिए ब्रेस्टफीडिंग की इंपोर्टेंस के बारे में जागरूकता पैदा करने का प्रयास करता है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, सालाना लगभग 2.7 मिलियन मौतें जो सभी बच्चों की मौतों का 45 प्रतिशत है, कुपोषण से जुड़ी हैं. ब्रेस्टफीडिंग बच्चे की हेल्दी ग्रोथ को बढ़ावा देने का एक प्रभावी तरीका है. 6 महीने तक केवल स्तनपान कराने से शिशु के साथ-साथ मां को भी कई लाभ मिल सकते हैं.
वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक 2023 की थीम | World Breastfeeding Week 2023 Theme
हर साल ग्लोबल कैंपेन एक खास थीम पर फोकस्ड होता है. वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक 2023 की थीम है "आइए स्तनपान कराएं और काम करें, काम करें!"
डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ ने नई माताओं के लिए स्तनपान संबंधी कुछ गाइडलाइन्स शेयर की हैं:
- जन्म के एक घंटे के भीतर माताओं को स्तनपान कराना शुरू कर देना चाहिए.
- माताओं को पहले 6 महीने तक बच्चे को केवल स्तनपान कराना चाहिए.
- बच्चे को 6 महीने की उम्र में सुरक्षित भोजन देना शुरू करना चाहिए और 2 साल या उससे अधिक उम्र तक स्तनपान जारी रखना चाहिए.
ब्रेस्टफीडिंग वीक 2023 आज से शुरू हो रहा है. मणिपाल अस्पताल, पटियाला के वरिष्ठ सलाहकार बाल रोग विशेषज्ञ और नियोनेटोलॉजिस्ट डॉ. नीरज अरोड़ा ने स्तनपान के कई फायदे शेयर किए.
"स्तनपान मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद है. यह बच्चे की ग्रोथ के लिए सभी जरूरी पोषण देने का प्रकृति का तरीका है. स्तन के दूध में जरूरी पोषक तत्व, एंटीबॉडी और एंजाइम शामिल होते हैं जो बच्चे की इम्यूनिटी को मजबूत करने में मदद करते हैं और उन्हें इंफेक्शन और बीमारियों से बचाते हैं."
उन्होंने कहा "यह बच्चे में श्वसन संक्रमण, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं और यहां तक कि जीवन में बाद में मोटापे और डायबिटीज जैसी पुरानी बीमारियों के रिस्क को कम करता है. स्तनपान से मां को प्रसवोत्तर वजन कम करने में मदद मिलती है, स्तन और डिम्बग्रंथि के कैंसर की घटनाओं में कमी आती है और तेजी से गर्भाशय को बढ़ावा मिलता है."
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