हर महीने महिलाओं को पीरियड्स का सामना करना पड़ता है, कई महिलाओं के लिए ये काफी पीड़ादायक अनुभव भी होता है. कुछ महिलाओं को इस दौरान असहनीय दर्द झेलना पड़ता है. उन दिनों में कुछ लड़कियों और महिलाओं को पेट के निचले हिस्से और कमर में असहनीय दर्द, सिरदर्द, उल्टी और मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं होती हैं, ऐसा इसलिए होता है कि इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई सारे हार्मोनल बदलाव होते हैं. वहीं गर्मी के दिनों में लगातार पैड लगाए रहने की वजह से कुछ महिलाओं को रैशेज की समस्या भी होती है, इससे इरीटेशन, जलन और खुजली की परेशानी होती है,
क्यों होते हैं रैशेज-
पीरियड्स के दिनों में पूरे दिन पैड्स यूज करने से इंटिमेट एरिया के साथ ही थाई में रैशेज हो जाते हैं. कई घंटे तक एक ही पैड उपयोग करने से पसीना सूख नहीं पाता, जिसकी वजह से स्किन इंफेक्शन हो जाता है, इसी वजह से थाई और वेजाइनल एरिया में रैशेज हो जाते हैं. साथ ही कई बार इंफेक्शन की वजह से इस एरिया में सूजन भी हो जाती है.
इस तरह रैशेज से करें बचाव-
4-6 घंटे में बदले पैड
रैशेज से बचने के लिए सबसे पहले आप हाइजीन का ध्यान रखें. हर 4 से 6 घंटे में पैड बदलती रहें. इसके अलावा अगर आप इस अवधि के पहले ही अधिक गीलापन महसूस कर रही हैं तो पैड जरूर बदल लें.
सफाई का रखें ख्याल
पैड बदलने के साथ ही वेजाइनल एरिया को अच्छे से साफ करें. इंटिमेट वॉश के जरिए आप इस एरिया को साफ करें और ड्राई रखें. नीम के औषधीय गुण स्किन इन्फेक्शन से निजात दिलाने में मदद करते हैं. आप नीम के पत्तों को उबाल कर इस पानी को ठंडा कर इंटिमेट एरिया को वॉश करें तो रैशेज की परेशानी से निजात मिल सकती है.
एलोवेरा जेल
वेजाइनल एरिया में रैशेज या किसी भी तरह के इंफेक्शन से छुटकारा पाने के लिए एलोवेरा जेल यूज करें. एलोवेरा जेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, इससे इंफेक्शन दूर होता है. रैशेज की समस्या से छुटकारा पाने के लिए इफेक्टेड एरिया पर एलोवेरा जेल लगाएं इससे राहत महसूस हो सकती है.
तेल
वजाइनल इंफेक्शन के छुटकारा पाने के लिए आप तेल का इस्तेमाल भी कर सकती हैं. नारियल तेल या फिर जैतून के तेल का इस्तेमाल करने रेशैज की समस्या में आराम मिल सकता है.
हल्दी
हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते है, ये घाव भरने में भी सहायक है. आप हल्दी का पेस्ट तैयार कर लें और इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं इससे आराम मिल सकता है.
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