कभी सोचा है सिगरेट पीने पर खांसी क्यों आती है, नही? आइए जानते हैं क्या कहते हैं डॉक्टर

Smoking Cigarettes : सिगरेट पीना बहुत गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है. सिगरेट पीना बहुत बुरी और जानलेवा लत है. इसके सेवन से लोगों में फेफड़ों से जुड़ी कई प्रकार की गंभीर बीमारियां देखने को मिलती है. 

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जानिए सिगरेट के साथ खांसी का क्या है कनेक्शन.

Smoking Cigarettes : आज के समय में स्मोकिंग आम बात हो गई है लेकिन धूम्रपान का नतीजा गंभीर हो सकता है. क्योंकि सिगरेट पीने वालों को इसकी लत लग जाती है और इससे कई प्रकार की गंभीर समस्याएं देखने को मिलती है. जैसे सांस और लंग्स से जुड़ी समस्याएं. कई लोगों को सिगरेट पीते समय या बाद में बहुत खांसी आती है. वैसे तो धूम्रपान करने वाले सभी लोगों को थोड़ी बहुत खांसी आ सकती है, लेकिन कुछ लोगों में खांसी की समस्या ज्यादा दिखाई देती है. ऐसा क्यों होता है इसके बारे में हमें बता रहे हैं लंग्स हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर सुनील कुमार, प्रोफेसर एंड हेड सर्जिकल ओनकोलॉजी, एम्स नई दिल्ली, जिनकी मदद से जानेंगे कि आखिर सिगरेट पीने वालों को खांसी की समस्या क्यों होती है?

नहीं छूट रही स्मोकिंग की लत? डॉक्टर से जानें एक दिन में कितनी सिगरेट पीना है सही?

सिगरेट पीने से क्यों आती है खांसी ? (Why does smoking cause cough?)

बहुत ज्यादा स्मोकिंग करने वाले लोगों में खांसी की समस्या आम बात है. डॉक्टर सुनील कुमार के अनुसार ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बार-बार स्मोकिंग करने से फेफड़ों की नलियां इन्फ्लैम हो जाती है यानी कि फेफड़ों की नलियों में कई बदलाव आ जाते हैं. जिसके कारण फेफड़े हाइपर सेंसिटिव हो जाते हैं. ऐसा होने पर जब कोई व्यक्ति दोबारा सिगरेट पीता है, तो यह सेंसिटिव फेफड़े धुएं से खांसी पैदा करते हैं. ऐसा होने पर कई बार फेफड़े काम करना बंद भी कर देते है.

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डॉक्टर की सलाह

डॉक्टर सुनील कुमार के अनुसार सिगरेट पीने की लत बहुत बुरी होती है. रेगुलर सिगरेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों में खांसी और फेफड़े खराब होने की समस्या ज्यादा दिखाई देती है. ऐसे में यदि किसी व्यक्ति को सिगरेट पीने से ही बहुत ज्यादा खांसी या सांस से संबंधित किसी प्रकार की कोई समस्या हो तो उसे तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेनी चाहिए.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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