Constipation: आजकल तेजी से बदलती लाइफस्टाइल के चलते ज्यादातर लोगों को कभी न कभी कब्ज की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जल्दी सावधानी, उपाय या इलाज के अभाव में कब्ज की दिक्कत गंभीर होकर बीमारी में तब्दील हो जाती है. यह दिक्कत छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्गों तक सभी आयु वर्ग को अपनी चपेट में लेती है. मेडिकल प्रोफेशनल्स के मुताबिक, दुनिया भर की 12 फीसदी से अधिक आबादी कॉन्स्टिपेशन या कब्ज की बीमारी से पीड़ित है. वहीं, सिर्फ युवाओं की बात करें तो हर एक सौ में से 16 युवाओं को कब्ज की शिकायत है.
कब्ज की बीमारी के लिए जिम्मेदार फैक्टर्स क्या हैं? (What are the factors responsible for constipation?)
डॉक्टर्स का कहना है कि बिगड़ती लाइफस्टाइल, खराब खानपान और बढ़ता तनाव कब्ज की बीमारी के लिए जिम्मेदार फैक्टर है. बुजुर्गों की कम शारीरिक गतिविधियों के चलते कब्ज उन्हें ज्यादा परेशान करता है. आंकड़ों को देखें तो पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को कब्ज की बीमारी ज्यादा परेशान करती है. वहीं, गर्मी के मुकाबले सर्दियों के मौसम में कब्ज की दिक्कत ज्यादा बढ़ जाती है. देश के बड़े हिस्से में अक्टूबर से फरवरी तक ठंड के मौसम में लोगों को शौचालयों में ज्यादा वक्त बिताना पड़ता है. आइए, हेल्थ एक्सपर्ट्स से जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है?
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सर्दी में कब्ज की परेशानी बढ़ने की क्या वजहें हैं? (What are the reasons for increasing constipation problems in winter?)
गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के डॉक्टर्स के मुताबिक गर्मी की तुलना में सर्दी में कब्ज की परेशानी ज्यादा होने के पीछे डिहाइड्रेशन बड़ी वजह है. क्योंकि, गर्मी के मुकाबले सर्दी के मौसम में आउटडोर एक्टिविटी कम होने से पसीना भी कम आता है. खानपान में बदलाव और कम पानी पीने से आंतों में पानी कम जाता है. इससे शरीर में डिहाइड्रेशन होने लगती है और स्टूल भी नॉर्मल की तुलना में सख्त होने लगता है. डाइट में फाइबर की कमी भी कब्ज की वजह बनती है. इसके अलावा सर्दियों में आलस के चलते भी शौचालय जाने की नियमितता प्रभावित होती है.
सर्दी में कब्ज की परेशानी से कैसे बचें, क्या है उपाय? (How to avoid the problem of constipation in winter)
सर्दी में कब्ज की परेशानी से बचने के लिए सबसे पहले अपनी लाइफस्टाइल यानी रहन-सहन और खानपान में बदलाव करने की जरूरत होती है. प्यास कम लगने के बावजूद उचित मात्रा (दिन में कम से कम ढाई लीटर ) में पानी पीकर शरीर को हाइड्रेट रखना होगा. पानी के अलावा फलों के जूस, वेजिटेबल सूप, काढ़ा, दूध वगैरह को भी नियमित तौर पर पीएं. वहीं, खाने में फाइबर से भरपूर फलों और हरी साग-सब्जियों को शामिल करें. सलाद का ज्यादा सेवन करें. वहीं, रहन-सहन में आलस को त्यागकर नियमित अंतराल पर शौचालय जाने की आदत बनाएं. सुबह या शाम की सैर के अलावा एक्सरसाइज करना जारी रखें. क्योंकि शारीरिक गतिविधियों से आंत भी एक्टिव बना रहता है. इससे गट हेल्थ को बहुत मदद मिलती है. इसके अलावा, अल्कोहल, स्मोकिंग, चीनी, चाय-कॉफी या पैकेज्ड ड्रिंक के सेवन को कम करने की जरूरत भी है. इन सब उपायों के बावजूद सर्दी में कब्ज की परेशानी से राहत नहीं मिल रही हो तो नजदीकी डॉक्टर से मिलकर सलाह लें.
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