Heart Disease In Women: हाल के सालों में महिलाओं में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामलों में चिंताजनक बढ़ोत्तरी देखी गई है. एक चौंकाने वाला फैक्ट यह है कि ये हार्ट रिलेटेड डिजीज ब्रेस्ट कैंसर की तुलना में 10 गुना ज्यादा महिलाओं की जान ले रहे हैं. फिर भी समाज में महिलाओं की हार्ट हेल्थ को लेकर जागरूकता बेहद कम है. शेफाली की कथित कार्डियक अरेस्ट से मौत की दुखद खबरों पर बात करते हुए आकाश हेल्थकेयर के कार्डियोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ. आशीष अग्रवाल ने कहा, "भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में महिलाओं में हार्ट की बीमारियां बढ़ रही हैं." डॉ. अग्रवाल ने यह जोर देकर कहा कि हार्ट रिलेटेड डिजीज (कार्डियोवस्कुलर डिजीज) न केवल शेफाली, बल्कि अनगिनत अन्य महिलाओं के लिए भी मृत्यु का प्रमुख कारण बने हुए हैं. दुर्भाग्यवश, अब ये रोग महिलाओं में मृत्यु के प्रमुख कारणों में शामिल हो चुके हैं.
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महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत ज्यादा
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट जैसे रोग ब्रेस्ट कैंसर की तुलना में 10 गुना ज्यादा महिलाओं की जान लेते हैं. 2020 की एक स्टडी के अनुसार, जो नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) का विश्लेषण करता है, भारत की 15 से 49 साल की 18.69 प्रतिशत महिलाएं अनकंट्रोल हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) से पीड़ित हैं.
हार्ट डिजीज से बचाव कैसे कर सकते हैं?
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसे जोखिम कारकों की समय रहते जांच और मैनेज करना बहुत जरूरी है. रेगुलर हार्ट चेकअप और रोकथाम से जुड़ी पहल से जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
शेफाली का अचानक निधन इस बात की कठोर याद दिलाता है कि महिलाओं में हार्ट डिजीज कितने चुपचाप और तेजी से असर डाल सकते हैं, यहां तक कि उन महिलाओं में भी जो ऊपर से पूरी तरह हेल्दी दिखाई देती हैं.
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क्यों बढ़ रही हैं महिलाओं में हार्ट की बीमारियां?
तनाव और दोहरी जिम्मेदारियां: आज की महिलाएं घर और ऑफिस दोनों की जिम्मेदारियां निभा रही हैं. यह मानसिक और शारीरिक तनाव हार्ट पर सीधा असर डालता है.
हार्मोनल बदलाव: मेनोपॉज, पीसीओडी और गर्भनिरोधक दवाओं के कारण हार्मोनल असंतुलन होता है, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है.
अनहेल्दी लाइफस्टाइल: फास्ट फूड, धूम्रपान, शराब और फिजिकल एक्टिविटीज की कमी महिलाओं को भी पुरुषों की तरह जोखिम में डाल रही है.
लक्षणों की अनदेखी: महिलाएं अक्सर सीने में दर्द, थकान या सांस फूलने जैसे लक्षणों को नजरअंदाज कर देती हैं, जिससे समय पर इलाज नहीं हो पाता.
डॉक्टरी जांच में देरी: महिलाएं अपनी सेहत को प्राथमिकता नहीं देतीं और नियमित चेकअप नहीं करातीं, जिससे बीमारी का पता देर से चलता है.
महिलाओं में हार्ट डिजीज को लेकर जागरूकता की सख्त जरूरत है. अभिनेत्री शेफाली जरीवाला जैसे फिट दिखने वाले लोगों की अचानक मृत्यु यह दर्शाती है कि दिल की बीमारी किसी को भी हो सकती है. इसलिए जरूरी है कि महिलाएं अपनी सेहत को प्राथमिकता दें, लक्षणों को गंभीरता से लें और समय रहते सही कदम उठाएं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)