डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनोम घेबियस ने कहा, "लगभग दो साल पहले डब्ल्यूएचओ ने आरटीएस, एस नामक दुनिया के पहले मलेरिया वैक्सीन के उपयोग की सिफारिश की थी." आज मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि डब्ल्यूएचओ इस बीमारी के जोखिम वाले बच्चों में मलेरिया को रोकने के लिए आर21/मैट्रिक्स-एम नामक दूसरे टीके की सिफारिश कर रहा है." टेड्रोस ने कहा कि ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा बनाया गया आर21/मैट्रिक्स-एम 2024 के मिड तक देशों के लिए उपलब्ध हो जाएगा, खुराक की कीमत 2 डॉलर से 4 डॉलर के बीच होगी.
आर21/मैट्रिक्स-एम वैक्सीन का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया गया है और इसे पहले ही बुर्किना फासो, घाना और नाइजीरिया में उपयोग के लिए मंजूरी दे दी गई है.
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2021 में ब्रिटिश फार्मास्युटिकल दिग्गज जीएसके द्वारा बनाई गई आरटीएस, एस वैक्सीन मिड से हाई मलेरिया ट्रांसमिशन वाले एरिया में बच्चों में मलेरिया को रोकने के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा रिकमेंडेड की जाने वाली पहली वैक्सीन बन गई.
अफ्रीका के लिए डब्ल्यूएचओ के रेजिनल डायरेक्टर, डॉ मत्शिदिसो मोइती ने कहा कि नई वैक्सीन के मांग और सप्लाई के बीच भारी अंतर को कम करने में मदद करके महाद्वीप के लिए काफी संभावनाएं हैं.
उन्होंने कहा, "दोनों टीके मलेरिया की रोकथाम और नियंत्रण प्रयासों को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं और इस घातक बीमारी से अफ्रीका में सैकड़ों हजारों युवाओं की जान बचा सकते हैं."
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)