खाली पेट शुगर लेवल कितना होना चाहिए?

Fasting Sugar Range: बहुत से लोग यह नहीं जानते कि खाली पेट ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए और ब्लड शुगर की नॉर्मल रेंज क्या है? आइए यहां जानते हैं कि सुबह उठने के बाद, बिना कुछ खाए-पिए आपका ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए.

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Fasting Sugar Range: सुबह खाली पेट नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए?

Fasting Blood Sugar Level: आज की तेझ रफ्तार जिंदगी में डायबिटीज एक आम लेकिन गंभीर समस्या बन चुकी है. बहुत से लोग रोजाना ब्लड शुगर चेक करते हैं, लेकिन यह नहीं जानते कि खाली पेट शुगर लेवल कितना होना चाहिए और इसका सही मतलब क्या है. सुबह उठने के बाद बिना कुछ खाए-पिए जब ब्लड शुगर की जांच की जाती है, तो उसे फास्टिंग ब्लड शुगर कहा जाता है. यह लेवल हमारे शरीर की इंसुलिन फंक्शनिंग और ग्लूकोज कंट्रोल को दर्शाता है. अगर यह स्तर सामान्य से ज्यादा हो, तो यह डायबिटीज या प्री-डायबिटिक स्थिति का संकेत हो सकता है. इसलिए सबसे बड़ा सवाल यही है कि नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए? या खाली पेट ब्लड शुगर लेवल कितना होता है? इस लेख में हम जानेंगे कि सही फास्टिंग शुगर कितना होना चाहिए और इसे कैसे कंट्रोल किया जा सकता है.

खाली पेट नॉर्मल शुगर लेवल कितना होना चाहिए? (What Should Be the Normal Sugar Level on an Empty Stomach?)

  • एक स्वस्थ व्यक्ति का खाली पेट ब्लड शुगर लेवल 70 से 100 mg/dL होना चाहिए.
  • वहीं प्री-डायबिटिक वाले किसी व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल 100 से 125 mg/dL होता है.
  • जिन लोगों को डायबिटिज है उनका सुबह खाली पेट ब्लड शुगर लेवल 126 mg/dL या उससे ज्यादा होता है.

अगर आपका शुगर लेवल 126 से ऊपर है, तो यह संकेत है कि आपको तुरंत अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करने की जरूरत है.

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हाई शुगर लेवल के खतरे (Dangers of High Sugar Levels)

  • थकावट और चिड़चिड़ापन
  • धुंधली दृष्टि और सिरदर्द
  • बार-बार पेशाब आना
  • दिल, किडनी और आंखों पर असर
  • मानसिक थकावट और फोकस की कमी

हाई शुगर लेवल कम करने के लिए क्या करें? (What to Do to Reduce High Sugar Level?)

1. सुबह की वॉक, बिना खाए 30 मिनट की हल्की चाल

सुबह की वॉक से शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करती हैं, जिससे ब्लड में मौजूद ग्लूकोज ऊर्जा में बदलता है. सूरज निकलने के बाद, खाली पेट 25–30 मिनट की वॉक करें.

इससे क्या फायदा होगा?

  • ब्लड शुगर तेजी से घटता है.
  • मूड और एनर्जी बेहतर होती है.
  • वजन कंट्रोल में रहता है.

2. फाइबर से भरपूर ब्रेकफास्ट लें, दिन की शुरुआत बैलेंस डाइट से करें

फाइबर धीरे-धीरे पचता है, जिससे ब्लड शुगर अचानक नहीं बढ़ता. यह इंसुलिन की फंक्शनिंग में सुधार लाने में मदद करता है. आप ओट्स, चिया सीड्स, दलिया, अंकुरित मूंग, चना, सेब, अमरूद, नाशपाती, बादाम, अखरोट का सेवन कर सकते हैं.

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क्या नहीं खाना चाहिए?

  • व्हाइट ब्रेड, मैदा, मीठे बिस्किट
  • मीठी चाय या कॉफी

इन बातों का भी रखें ध्यान

  • पानी खूब पिएं: शरीर से एक्स्ट्रा ग्लूकोज बाहर निकलता है.
  • नींद पूरी लें: नींद की कमी से इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ता है.
  • तनाव कम करें: मेडिटेशन और योग से कोर्टिसोल कम होता है, जो शुगर को बढ़ाता है.
  • रेगुलर टेस्ट कराएं: हर 3 महीने में HbA1c टेस्ट से शुगर का औसत पता चलता है.

खाली पेट शुगर लेवल को समझना और उसे कंट्रोल करना आपकी सेहत की पहली सीढ़ी है. अगर आप सुबह की वॉक और फाइबर से भरपूर ब्रेकफास्ट को अपने रूटीन में शामिल करें, तो हाई शुगर को बिना दवा के भी धीरे-धीरे कंट्रोल किया जा सकता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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