Sports Injury: स्पोर्ट्स इंजरी काफी कॉमन है और यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है. हड्डियों और मांसपेशियों से लेकर टेंडन और लिगामेंट्स तक स्पोर्ट इंजरी से प्रभावित हो सकती है. कई बार हम घर पर ही छोटी-मोटी चोटों का इलाज बर्फ या ओवर-द-काउंटर मिलने वाली दवाओं से करने की कोशिश करते हैं. हालांकि कई चोटों के लिए डॉक्टरी मदद जरूरी होती है. आज हम आपको स्पोर्ट्स इंजरी के प्रकार से लक्षण से लेकर इससे बचने के उपाय तक के बारे में बताने वाले हैं.
स्पोर्ट्स इंजरी क्या है? (What is sports injury?)
पहले के मुकाबले फिटनेस को लेकर लोगों के बीच जागरूकता बढ़ी है. बेहतर हेल्थ के लिए लोग अब एक्सरसाइज से लेकर कई तरह के स्पोर्ट्स का सहारा लेते हैं. एक्सरसाइज या किसी स्पोर्ट में एथलेटिक गतिविधियों के दौरान शरीर के कई हिस्सों में चोट आ जाती है. इन्हीं को स्पोर्ट्स इंजरी कहा जाता है. स्पोर्ट्स इंजरी एक्यूट और क्रोनिक दोनों प्रकार की हो सकती है.
शरीर के इन हिस्सों में होती है सबसे ज्यादा इंजरी (Most injuries occur in these parts of the body)
शरीर का कोई भी हिस्सा स्पोर्ट्स इंजरी से प्रभावित हो सकता है. शरीर के इन हिस्सों में सबसे ज्यादा स्पोर्ट्स इंजरी होती है.
1. टखना - हमारे पैर और फुट टखने के जरिए एक साथ जुड़े रहते हैं. इसमें तीन जोड़, साथ ही कई हड्डियां, कार्टिलेज, लिगामेंट्स, मांसपेशियां और टेंडन शामिल रहते हैं. टखने में दर्द अक्सर मोच आने के कारण होता है.
2. कोहनी - कोहनी वह जोड़ है जो ऊपरी और निचली बांह के बीच एक काज के रूप में कार्य करती है. लोग अक्सर बार-बार मूवमेंट करने और अत्यधिक उपयोग के चलते लोग अपनी कोहनी में दर्द का अनुभव करते हैं. उदाहरण के लिए टेनिस एल्बो और लिटिल लीग एल्बो.
3. सिर - सिर में आपका चेहरा, खोपड़ी और मस्तिष्क शामिल है. सिर में चोट सबसे आम तरह की स्पोर्ट्स इंजरी है.
4. घुटना - घुटना एक जटिल जोड़ है जो जांघ और निचले पैर के बीच एक काज के रूप में कार्य करता है. इसमें हड्डियां, कार्टिलेज, लिगामेंट्स, मांसपेशियां और टेंडन शामिल है. घुटने का दर्द जम्पर के घुटने या धावक के घुटने के कारण हो सकता है. अन्य सामान्य चोटों में मेनिस्कस टियर और पूर्वकाल क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल) टियर शामिल हैं.
5. कंधा - कंधा ऊपरी भुजा को शरीर के धड़ से जोड़ता है. इसमें रोटेटर कफ, मांसपेशियों और टेंडन का एक समूह होता है जो ऊपरी बांह को आपके कंधे की सॉकेट में रखता है. रोटेटर कफ टेंडिनिटिस और रोटेटर कफ टियर आम स्पोर्ट्स इंजरी हैं.
सबसे कॉमन प्रकार की स्पोर्ट्स इंजरी (The most common types of sports injuries)
1. हड्डी टूटना - अचानक जोर पड़ने के कारण हड्डियां टूट जाती है या फ्रैक्चर हो जाता है.
2. कार्टिलेज टियर - कार्टिलेज एक कठोर लेकिन लचीला शॉक अवशोषक है जो कुछ हड्डियों के सिरों को ढकता है और उनकी रक्षा करता है. घुटने और कंधे जैसे जोड़ों में कार्टिलेज में चोटें आ सकती हैं.
3. कन्कशन - कन्कशन एक मस्तिष्क की चोट है जो आपके सिर पर टक्कर या झटका लगने के कारण होती है.
4. डिस्लोकेशन - डिस्लोकेशन तब होता है जब हड्डी का सिरा जोड़ में अपनी सामान्य स्थिति से बाहर चला जाता है. उदाहरण के लिए, यदि आपका कंधा अपनी सॉकेट से बाहर निकलता है तो यह डिस्लोकेशन है.
5. टेंडिनाइटिस - टेंडिनाइटिस तब होता है जब आपके टिशू जो मांसपेशियों को हड्डियों से जोड़ने वाले टिशू (टेंडन) में सूजन आ जाती है. यह बार-बार दोहराए जाने वाले मूवमेंट्स के कारण होता है. एक उदाहरण जम्पर का घुटना (पेटेलर टेंडोनाइटिस) है.
6. मोच - जब लिगामेंट बहुत अधिक खिंच जाता है या फट जाता है तब मोच आती है. लिगामेंट्स हड्डियों को जोड़ते हैं और जोड़ों को स्थिर करते हैं. ये टखने, घुटने और कलाई में आने वाली आम चोटे हैं हल्की या गंभीर हो सकती है.
7. खिंचाव - किसी मांसपेशी पर बहुत ज्यादा स्ट्रेस देने पर वह खिंच जाती है या फट जाती है जिससे खिंचाव आ जाता है. उदाहरण के लिए हैमस्ट्रिंग में खिंचाव, पीठ में खिंचाव और पेट में खिंचाव.
स्पोर्ट्स इंजरी के लक्षण (Symptoms of Sports Injury)
इंजरी के लक्षण चोट के प्रकार पर निर्भर करते हैं. हालांकि, कुछ सामान्य लक्षण भी हैं जो स्पोर्ट्स इंजरी में दिखाई देते हैं.
- दर्द या टेंडरनेस.
- चोट लगना
- विकृति जैसे हड्डी या जोड़ अपनी जगह से बाहर दिखना
- मूवमेंट रेंज में कमी
- चटकने की आवाज
- कूल्हे या पैर पर वजन सहन करने में असमर्थता.
- अकड़न या कमजोरी.
- सूजन
स्पोर्ट्स इंजरी के खतरे को कैसे कम करें? (How to reduce the risk of sports injuries?)
कुछ बातों को ध्यान में रखकर स्पोर्ट्स इंजरी के खतरे को कम किया जा सकता है.
- ऐसे खेल और गतिविधियां का चुनाव करें जिसमें इंजरी का खतरा कम हो.
- साल भर एक ही खेल न खेलें या एक ही गतिविधि न करें. यह बच्चों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है.
- अपनी दिनचर्या को मिक्स अफ करें क्योंकि शरीर को कार्डियोवैस्कुलर (एरोबिक) व्यायाम, स्ट्रेंथ या वेट ट्रेनिंग के साथ लचीलापन और कॉर्डिनेशन की भी जरूरत होती है.
- किसी भी व्यायाम से पहले, उसके दौरान और बाद में खूब पानी पिएं.
- उचित तकनीक सीखें और हर समय उसका उपयोग करें.
- अपने शरीर की सुनें और बहुत अधिक दबाव न डालें. जब आप थक जाएं तो आराम करें. ऐसी कोई भी गतिविधि बंद कर दें जो सही न लगे.
- वर्कआउट से पहले और बाद में स्ट्रेच करें.
- उचित जूते और सुरक्षा उपकरण पहनें और सुनिश्चित करें कि वे हमेशा अच्छी स्थिति में हों.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)