Lumpy Virus: क्या है लम्पी स्किन डिजीज? जिससे दक्षिण कोरिया में बढ़ी दहशत

Lumpy Skin Disease: लम्पी स्किन डिजीज (एलएसडी) एक संक्रामक बीमारी है जो गायों और भैंसों में त्वचा पर दाने, बुखार, भूख कम होना और दूध उत्पादन में गिरावट जैसे लक्षण पैदा करती है.

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South Korea Lumpy Virus: दक्षिण कोरिया में बढ़ रहे हैं लम्पी स्किन डिजीज के मामले.

लम्पी वायरस यानी गांठदार त्वचा रोग (Lumpy skin disease) (LSD) मवेशियों में होने वाला एक संक्रामक रोग है. यह पॉक्सविरिडे फैमिली के एक वायरस के कारण होता है. इसे नीथलिंग वायरस भी कहा जाता है. दक्षिण कोरिया में लम्पी स्किन डिजीज (एलएसडी) का एक और मामला सामने आया है, जिससे इस साल कुल मामलों की संख्या 14 हो गई है. कृषि मंत्रालय ने शनिवार को इसकी जानकारी दी. नया मामला मंकयोंग के एक पशु फार्म में पाया गया, जो सियोल से करीब 140 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में है. मंत्रालय ने इस फार्म और उसके आसपास के छह क्षेत्रों में सभी जुड़े लोगों और वाहनों के लिए 24 घंटे का प्रतिबंध लागू किया है. शुक्रवार को भी दक्षिण कोरिया में तीन और मामले सामने आए थे. सरकार ने कहा कि इस बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए सभी उपलब्ध सैनिटाइजेशन वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा.

लम्पी स्किन डिजीज के लक्षण- (Symptoms Of Lumpy Virus)

लम्पी स्किन डिजीज (एलएसडी) एक संक्रामक बीमारी है जो गायों और भैंसों में त्वचा पर दाने, बुखार, भूख कम होना और दूध उत्पादन में गिरावट जैसे लक्षण पैदा करती है. गंभीर मामलों में इससे मौत भी हो सकती है. यह बीमारी मच्छरों और अन्य खून चूसने वाले कीड़ों से फैलती है.

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इसके अलावा, राजधानी सियोल से पूर्व में 118 किलोमीटर दूर इनजे और दक्षिण में 80 किलोमीटर दूर डांगजिन में भी एलएसडी के अलग-अलग मामले पाए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि संक्रमण को रोकने के लिए प्रभावित फार्म को सील कर दिया गया है और क्वारंटीन उपाय लागू किए गए हैं. कृषि मंत्रालय ने सभी प्रांतों को सतर्क रहने और इस महीने के अंत तक सभी गायों का टीकाकरण पूरा करने का निर्देश दिया है.

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दक्षिण कोरिया में इस साल अगस्त में एलएसडी का पहला मामला सामने आया था, जो सियोल से 65 किलोमीटर दक्षिण में अंसियोंग के एक फार्म में पाया गया, जहां 80 गायें थीं. पिछले साल नवंबर के बाद यह पहली बार था जब दक्षिण कोरिया में एलएसडी का मामला पाया गया. मंत्रालय ने यह भी बताया कि वे 2025 तक एक ऐसा जेनेटिक डायग्नोस्टिक किट विकसित करने की योजना बना रहे हैं जिससे संक्रमित गायों की पहचान कर, पूरे झुंड को नष्ट करने की बजाय केवल बीमार जानवरों को अलग किया जा सके.
 

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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