सोरायसिस भड़कने पर क्या होता है, स्किन के साथ शरीर के इन अंगों पर भी डालता है असर, जानें क्या है ये बीमारी

सोरायसिस एक स्किन संबंधी कंडीशन है जिसमें मोटी या उभरी हुई स्किन वाले एरिया पर सिल्वर व्हाइट स्केल्स से कवर होते हैं.

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सोरायसिस एक स्किन संबंधी कंडीशन है जिसमें मोटी या उभरी हुई स्किन वाले एरिया पर सिल्वर व्हाइट स्केल्स से कवर होते हैं. ये धब्बे लाइट टोन की स्किन पर लाल या गुलाबी दिखाई दे सकते हैं, जबकि डार्क स्किन टोव पर ये भूरे या बैंगनी रंग के धब्बे हो सकते हैं. सोरायसिस (Psoriasis) शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) की गड़बड़ी के कारण होता है. 

सोरायसिस कई प्रकार के होते हैं, जिसमें प्लाक सोरायसिस सबसे आम है, जो सोरायसिस से पीड़ित लगभग 80-90% लोगों को प्रभावित करता है. स्किन मेनिफेस्टेशंस सोरायसिस के सबसे स्पष्ट लक्षण हैं, लेकिन इस स्थिति से होने वाली सूजन का पूरे शरीर पर प्रभाव हो सकता है.

यह आर्टिकल पर हम बारे में चर्चा करेंगे कि सोरायसिस भड़कने के दौरान शरीर में क्या होता है, यह वो समय होता है जब सोरायसिस के लक्षण अचानक या अप्रत्याशित रूप से खराब हो जाते हैं. जब सोरायसिस भड़कता है (flare-up), तो इसके लक्षण अधिक गंभीर हो जाते हैं और मरीज को असहजता महसूस होने लगती है. इस स्थिति को ट्रिगर करने वाले कारकों की वजह से त्वचा पर जलन, खुजली, और सूजन बढ़ जाती है.

सोरायसिस भड़कने पर शरीर में दिखते हैं ये लक्षण (These symptoms appear in the body when psoriasis flares up)

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1. त्वचा पर लाल चकत्ते

सोरायसिस के भड़कने पर इफेक्टेड एरिया की स्किन मोटी, लाल और परतदार हो जाती है. यह आमतौर पर शरीर में कोहनी, घुटने, खोपड़ी, और पीठ पर होता है.

2. खुजली और जलन

सोरायसिस के फ्लेयर-अप के दौरान खुजली और जलन बहुत तेज हो सकती है. यह खुजली अक्सर रात के समय में ज्यादा होती है.

3. स्किन का छिलना या फटना

इफेक्टेड एरिया वाली स्किन ड्राई और परतदार हो जाती है. इसके साथ ही स्किन फटने लगती है और उसमें ब्लड भी आ सकता है.

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4. सूजन और दर्द

सोरायसिस फ्लेयर होने पर जोड़ों में सूजन और दर्द महसूस हो सकता है, जिसे सोरियाटिक आर्थराइटिस कहा जाता है. इस कंडीशन में जोड़ों में दर्द और चलने, बैठने या पैर मोड़ने में परेशानी और दर्द हो सकता है.

5. नाखूनों का खराब होना

सोरायसिस फ्लेयर होने पर नाखून मोटे, पीले या फिर टूटने वाले हो सकते हैं. इसके साथ ही नाखूनों में गड्ढे (pitting) या उनके आसानी से टूट कर गिरने की समस्या हो सकती है.

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6. फिजिकल और मेंटल स्ट्रेस

फ्लेयर-अप के दौरान सोरायसिस शारीरिक परेशानी के साथ-साथ मानसिक तनाव भी बढ़ा सकता है. 

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सोरायसिस भड़कने के क्या कारण हैं (Why Psoriasis Triggers):

सोरायसिस का फ्लेयर-अप होने के कई कारण हो सकते हैं:

स्ट्रेस

मेंटल या फिजिकल स्ट्रेस फ्लेयर-अप को ट्रिगर कर सकता है.

मौसम में बदलाव

ठंडा और शुष्क मौसम त्वचा को खराब कर सकता है.

इंफेक्शन

गले में इंफेक्शन, जैसे स्ट्रेप थ्रोट, सोरायसिस को बढ़ा सकते हैं.

दवाओं का असर

कुछ दवाएं, जैसे बीटा-ब्लॉकर्स, लिथियम, या स्टेरॉइड, फ्लेयर-अप का कारण बन सकती हैं.

चोट लगना

स्किन पर कटने, जलने, या खरोंच आने से भी सोरायसिस के लक्षण भड़क सकते हैं.

शराब और स्मोकिंग

शराब का सेवन और स्मोकिंग ये दोनों ही इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकते हैं और सोरायसिस के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं.

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खान-पान

मसालेदार और ऑयली भोजन या एलर्जी वाले फूड आइटम्स इसके लक्षणों को और खराब कर सकते हैं.

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सोरायसिस भड़कने पर क्या करें? (What to do when psoriasis flares up)

1. स्किन केयर करें, उसको मॉइस्चराइज़ रखें. इसके लिए नहाने के तुरंत बाद मॉइस्चराइजर लगाएं और ज्यादा गर्म पानी से नहाने से बचें.

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2. स्ट्रेस कम करने के लिए ध्यान (मेडिटेशन) और योग का सहारा लें. धूम्रपान और शराब का सेवन करने से बचें.

3. सोरायसिस के लिए टॉपिकल क्रीम, ओइंटमेंट्स, या लाइट थेरेपी का इस्तेमाल करें. डॉक्टर से दवाओं या इम्यूनोमॉड्यूलेटर्स (जैसे बायोलॉजिक्स) के बारे में बात करें.

4. सोरायसिस से पीड़ित लोगों को एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड (जैसे हल्दी, अदरक, ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त भोजन) का सेवन करें और ज्यादा शुगर और फैटी चीजें खाने से बचें. 

5. इसके लिए आप घरेलू नुस्खों की भी मदद ले सकते हैं. इसके लिए आप इफेक्टेड एरिया पर एलोवेरा जेल या नारियल तेल लगाएं. ओटमील बाथ या एप्सम सॉल्ट बाथ त्वचा को राहत दे सकता है.

सोरायसिस  सिर्फ स्किन को ही नहीं बल्कि शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित करता है?

बता दें कि सोरायसिस सिर्फ आपकी स्किन को ही नहीं बल्कि आंखों, जोड़ और जीआई जटिलताओं से जुड़ा है और हृदय रोग जैसी अन्य पुरानी कंडीशन के जोखिम को बढ़ाने का कारण बन सकता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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