बुजुर्गों को दिवाली पर प्रदूषण से बचाने के लिए क्या करें? ये 5 तरीके अपनाएं और बीमार होने से बचाएं

How to Protect Seniors from Air Pollution: बुजुर्गों की सेहत को नजरअंदाज करना दिवाली के बाद बीमारियों को न्योता देना है. अगर आप यहां बताए गए 5 उपाय अपनाते हैं, तो न सिर्फ उन्हें प्रदूषण से बचा पाएंगे, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और सुखद दिवाली का अनुभव भी देंगे.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Pollution Safety Tips for Elderly: दिवाली पर बुजुर्गों की सेहत का ख्याल रखना जरूरी है.

Pollution Safety Tips for Elderly: दिवाली का त्योहार रोशनी, मिठास और खुशियों से भरा होता है. लेकिन, इसके साथ ही यह वायु प्रदूषण भी लेकर आता है, जो खासकर बुजुर्गों की सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. पटाखों का धुआं, धूल, धूप-अगरबत्ती की गंध और भीड़भाड़ का माहौल बुजुर्गों को सांस, हार्ट और त्वचा संबंधी समस्याएं दे सकता है. ऐसे में जरूरी है कि हम दिवाली की रौनक के साथ-साथ अपने घर के बुजुर्गों की सेहत का भी ध्यान रखें. यहां हम बता रहे हैं 5 आसान और असरदार तरीके, जिनसे आप अपने माता-पिता, दादा-दादी या अन्य बुजुर्गों को दिवाली के प्रदूषण से बचा सकते हैं.

बुजुर्गों को प्रदूषण से बचाने के लिए उपाय (Measures to Protect the Elderly From Pollution)

1. मास्क पहनाएं और बाहर जाने से रोकें

बुजुर्गों की सांस की नलियां कमजोर होती हैं और दिवाली के समय हवा में मौजूद धूल, धुआं और हानिकारक गैसें उन्हें जल्दी प्रभावित करती हैं. N95 मास्क या एंटी-पॉल्यूशन मास्क पहनाना जरूरी है. सुबह और शाम के समय उन्हें बाहर जाने से रोकें, क्योंकि उस समय एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सबसे खराब होता है.

ये भी पढ़ें: एयर पॉल्यूशन से कौन-कौन सी बीमारियां होती हैं? बचाव के लिए क्या करें और क्या नहीं, जानिए सब कुछ

2. घर की हवा को शुद्ध रखें

पटाखों का धुआं सिर्फ बाहर ही नहीं, घर के अंदर भी हवा को खराब कर सकता है. एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें, खासकर अगर घर में कोई पहले से सांस की बीमारी से पीड़ित है. खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें ताकि बाहर का धुआं अंदर न आए. तुलसी, एलोवेरा जैसे पौधे घर में रखें जो हवा को शुद्ध करने में मदद करते हैं.

3. पूजा में धूप-अगरबत्ती का सीमित इस्तेमाल करें

दिवाली की पूजा में अक्सर धूप, अगरबत्ती और परफ्यूम का इस्तेमाल होता है, जो बुजुर्गों को एलर्जी या सांस की तकलीफ दे सकता है. पूजा के समय कम धुआं वाली अगरबत्ती या इलेक्ट्रिक दीया का इस्तेमाल करें. अगर किसी बुजुर्ग को अस्थमा या ब्रोंकाइटिस है, तो पूजा के समय उन्हें अलग कमरे में रखें.

4. हाइड्रेशन और पोषण का ध्यान रखें

प्रदूषण से लड़ने के लिए शरीर को अंदर से मजबूत बनाना जरूरी है. बुजुर्गों को गुनगुना पानी, हर्बल चाय और तुलसी-अदरक का काढ़ा दें. विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल जैसे आंवला, संतरा, अमरूद खिलाएं. हल्दी वाला दूध रात को देने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है.

Advertisement

ये भी पढ़ें: दिवाली पर कैसे रखें बच्चों का ख्याल, ताकि दिवाली के बाद प्रदूषण से न पड़ जाएं बीमार

5. आराम और योग का समय तय करें

दिवाली की भागदौड़ में बुजुर्गों को थकान और तनाव हो सकता है, जिससे उनकी सेहत बिगड़ सकती है. उन्हें शांत वातावरण में रखें और तेज आवाजों से दूर रखें. प्राणायाम, अनुलोम-विलोम जैसे योग अभ्यास करवाएं जो फेफड़ों को मजबूत करते हैं. टीवी या मोबाइल पर तेज आवाज से बचाएं, खासकर पटाखों की आवाजें.

Advertisement

Diwali 2025: ऐसे करें असली नकली मिठाइयों की पहचान! | Fake Vs Real | Adulteration | Sweets | Paneer

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Diwali 2025: जहां चलती थीं बंदूके... नहीं मनाए जाते थे त्योहार...आज वहां पटाखों की गूंज