कैसे समझें कोई सचमुच खुश है या बस दिखावा कर रहा है, Psychology की ये ट्रिक्स खोलेंगी राज

कुछ ऐसे लोग होते हैं जो इस बात की पुरजोर कोशिश करते हैं कि वो खुश दिखें पर होते नहीं हैं. आप इन संकेतों से उन्हें आसानी से पहचान सकते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
कोई खुश है या सिर्फ कर रहा दिखावा, ऐसे पहचानें.

Psychology Tips: कोई व्यक्ति खुश है या महज ये दिखावा ही कर रहा है कि वो खुश है, ये समझना एकदम आसान नहीं होता है. लेकिन आप साइकोलॉजी को जरा भी समझते हैं तो आप ये अंदाजा लगा सकते हैं कि कोई उदास व्यक्ति खुश होने की एक्टिंग भर तो नहीं कर रहा है. इसके लिए आपको साइकोलॉजी की गहराइयों में भी उतरने की जरूरत नहीं है. बस आप कुछ बातों पर गौर करते हुए ये जान सकते हैं कि आपके सामने मौजूद शख्स वाकई हैप्पी या अनहैप्पी है.

कुछ ऐसे लोग होते हैं जो इस बात की पुरजोर कोशिश करते हैं कि वो खुश दिखें पर होते नहीं हैं. आप इन संकेतों से उन्हें आसानी से पहचान सकते हैं.

ऐसे पहचानें कोई हैप्पी या अनहैप्पी | Someone Is Happy Or Unhappy Know From These Tips

हमेशा खुश दिखते हैं : जो लोग बहुत ज्यादा खुश नहीं होते, वो अपनी उदासी छुपाने की पूरी कोशिश करते हैं और इस कोशिश में वो हमेशा खुश खुश ही नजर आते हैं. उन्हें लगता है कि बेमतलब खुश रह कर भी वो हैप्पी होने का भरोसा दिला सकते हैं. अक्सर वो लोग आम लोगों के मुकाबले हंसते या मुस्कुराते हैं, जब जरूरत भी न हो तब भी. इतना ही नहीं वो दूसरों को भी बेवजह हंसाने की कोशिश करते हैं.

हमेशा बिजी रहने की कोशिश : कई बार ऐसे लोग ये कोशिश भी करते हैं कि वो बहुत बिजी ही रहें. साइकोलॉजी के मुताबिक खुद को हमेशा बिजी रखने की कोशिश करने वाला शख्स अक्सर अपने निगेटिव इमोशन्स से दूर भागने की कोशिश करता है. ऐसे लोग हमेशा दूसरों से भी दूर रहने की कोशिश करते हैं. जिसके लिए अपने बिजी शेड्यूल को ढाल बनाते हैं.

यह भी पढ़ें : इन बीजों में छिपा है लंबे बालों का रामबाण नुस्खा, 3 तरीकों से करा इस्तेमाल, तो कमर तक लंबे हो जाएंगे बाल, 15 दिनों में दिखेगा फर्क

आसानी से नींद न आना : यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिलवेनिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक जो लोग पूरे हफ्ते में हर रात सिर्फ चार से पांच घंटे ही सो पाते हैं वो लोग ज्यादा स्ट्रेसफुल, नाराज और दिमागी तौर पर थके हुए रहते हैं. नींद न आने की एक वजह ऐसे लोगों की उदासी भी हो सकती है. कई बार निगेटिव थॉट्स इतना घेर लेते हैं कि नींद पर असर डालते हैं. जैसे जैसे नींद इंप्रूव होती है उनकी उदासी भी कम होती जाती है.

Advertisement

खुद को अकेला रखते हैं : खुश रहने के लिए सोशल लाइफ में एक्टिव रहना भी जरूरी है. क्योंकि ये कहा भी जाता है कि इंसान एक सोशल क्रीचर होता है. लेकिन अनहैप्पी फील करने वाले लोग इस कहावत से कोसों दूर होते हैं. वो पसंद करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा समय अकेला रहें. ताकि उनकी उदासी को कोई और नोटिस न कर सके.

यह भी पढ़ें : खड़े होकर पानी क्यों नहीं पीना चाहिए, क्या सेहत पर इसका बुरा असर होता है...

हॉबीज को भुला देना : जो लोग उदास रहते हैं उनका मन अपनी हॉबीज से भी उचट जाता है. वो लोग, वो काम ही करना पसंद नहीं करते. जिसे करते हुए कभी वो खुशी महसूस करते थे. अपने पसंदीदा कामों से भी वो लोग जी चुराने लगते हैं या दूर भागने लगते हैं.

Advertisement

खुद की आलोचना करना : जो लोग अंदर से उदास होते हैं, वो लोग खुद में भी कमियां या खामियां ढूंढने लगते हैं. इसका बुरा असर ये होता है कि उनकी उदासी और गहरी होती जाती है. जिसे छुपाने की वो और भी अलग अलग तरह से कोशिश करने लगते हैं.

चिड़चिड़ा होना : जो लोग सीक्रेटली अनहैप्पी होते हैं वो भले ही खुश दिखने की कोशिश कर लें. लेकिन अपना चिड़चिड़ापन छुपा नहीं पाते हैं. साइकोलॉजी के मुताबिक वो ज्यादा सेंसिटिव हो जाते हैं और बहुत आसानी से अनॉयड फील करते हैं.

Advertisement

सेहत की अनदेखी : फिजिकल हेल्थ और मेंटल हेल्थ आपस में कनेक्ट होती हैं. जो लोग दिल से खुश नहीं होते वो लोग खुद को हेल्दी रखने की तरफ भी उदासीन ही होते हैं. कभी कभी ऐसे अनहैप्पी लोग जरूरत से ज्यादा शराब पीने या अपनी मेडिकल नीड्स को इग्नोर भी करने लगते हैं.

हमेशा थकान महसूस करना : मन से उदास लोग अक्सर थकान भी ज्यादा महसूस करते हैं. इसकी वजह उनकी इमोशनल फीलिंग्स होती हैं जो बहुत दर्द में डूबी हुई होती हैं.

Advertisement

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
UP News: IIT छात्रा को पुलिस डरा रही है? Kanpur के पुलिस अधिकारी पर संगीन आरोप | Metro Nation @10
Topics mentioned in this article