बॉडी के हार्मोन बहुत बुरी तरह हो गए हैं गड़बड़, महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलाव कर देते हैं पहले अलर्ट

Hormonal Imbalance Symptoms: यहां हमने शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस के शुरुआती संकेतों के बारे में बताया है कि आप उन्हें कैसे पहचान सकते हैं. महिलाओं को जरूर होनी चाहिए इन संकेतों के बारे में जानकारी.

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Signs of Hormonal Imbalance: हार्मोन कई शारीरिक कार्यों में बड़ी भूमिका निभाते हैं.

Signs of Hormonal Imbalance: हार्मोनल असंतुलन तब होता है जब शरीर में हार्मोन प्रोडक्शन, सेक्रेशन या एक्शन इरेगुलर होते है. हार्मोन कई शारीरिक कार्यों में बड़ी भूमिका निभाते हैं और इंबैलेंस कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है. जबकि हार्मोनल उतार-चढ़ाव जीवन का एक सामान्य हिस्सा है, लगातार असंतुलन चिंताजनक हो सकता है, खासकर महिलाओं के लिए. यहां हम शुरुआती संकेतों के बारे में बता रहे हैं जो महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन होने के बारे अलर्ट करते हैं.

ये हैं महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के शुरुआती संकेत | Early Signs of Hormonal Imbalance In Women

1. इरेगुलर पीरियड्स

पीरियड साइकिल में बदलाव, हैवी या हल्की ब्लीडिंग, या पीरियड्स मिस होना इरेगुलर मेंस्ट्रुअल साइकिल का संकेत हो सकता है. अपनी पीरियड्स साइकिल पर नजर रखें और किसी भी बदलाव पर ध्यान दें. आपको पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) या थायरॉयड डिसऑर्डर जैसे संभावित कारणों की जांच के लिए अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए.

2. अकारण वजन बढ़ना या घटना

डाइट या एक्टिविटी में कोई बड़ा बदलाव नहीं होने के बावजूद वजन में अचानक बदलाव हार्मोनल इंबैलेंस का संकेत हो सकता है. बेहतर हार्मोनल हेल्थ के लिए वजन में बदलाव होने पर अलर्ट हो जाएं. थायरॉइड डिसफंक्शन या इंसुलिन रेजिस्टेंस जैसी हार्मोनल समस्याओं से निपटने के लिए किसी हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स से सलाह लें.

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3. स्किन प्रोब्लम्स

मुंहासे, ऑयली स्किन या ड्राईनेस ये सभी हार्मोनल संतुलन के संकेत हो सकते हैं. अपनी स्किन कंडिशन और हाइजीन प्रैक्टिस में बदलाव का ध्यान रखें. डर्मेटोलॉजिस्ट या एंडोक्रिनोलॉजिस्ट से सलाह लेकर आंतरिक हार्मोनल असंतुलन का समाधान करें.

4. मूड बदलना

हार्मोनल इंबैलेंस के कारण मूड में उतार-चढ़ाव, चिड़चिड़ापन, चिंता या अवसाद हो सकता है. कारण को बेहतर ढंग से समझने के लिए एक मूड डायरी रखें और पैटर्न नोट करें.

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5. थकान और कम ऊर्जा

लगातार थकान, लो एनर्जी और कॉन्संट्रेट करने में कठिनाई हार्मोनल इंबैलेंस के संकेत हो सकते हैं. इन समस्या पर काबू पाने के लिए लाइफस्टाइल फैक्टर्स, स्लीप पैटर्न और स्ट्रेस लेवल का इवैल्युएशन करें.

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6. नींद में खलल

नींद की गड़बड़ी जैसे अनिद्रा, सोने में कठिनाई या बेचैन नींद, ये सभी हार्मोनल इंबैलेंस के संकेत हो सकते हैं. रेगुलर स्लीप पैटर्न बनाएं, स्ट्रेस को कम करें और अगर नींद की समस्या बनी रहती है तो डॉक्टर से सलाह लें.

7. कामेच्छा में बदलाव

शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण सेक्स ड्राइव में कमी या वृद्धि हो सकती है. इसके पीछे के कारण को बेहतर ढंग से समझने के लिए यौन इच्छा और संतुष्टि में बदलाव पर नजर रखें.

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8. पाचन संबंधी समस्याएं

पाचन या आंत संबंधी समस्याएं जैसे सूजन, कब्ज या दस्त आम लक्षण हैं. डाइट संबंधी आदतों, स्ट्रेस लेवल और मल त्याग पर नजर रखें. बैलेंस डाइट लें, हाइड्रेटेड रहें और पाचन संबंधी समस्याएं बनी रहने पर मेडिकल हेल्प लें.

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9. बालों का झड़ना या पतला होना

बालों का झड़ना, पतला होना या बालों की बनावट में बदलाव हेल्त प्रोब्लम्स के कारण हो सकता है जिनमें से एक हार्मोनल बदलाव है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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