How To Boost Healing Power Naturally: आज हम जरा-सी तकलीफ होते ही हम दवा की तरफ भागते हैं. सिर दर्द हो, पेट खराब हो या थकान हम तुरंत गोली ढूंढते हैं. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि हमारा शरीर खुद को ठीक करने की जबरदस्त क्षमता रखता है? आयुर्वेद इसी छिपी हुई शक्ति को पहचानने और जगाने की विद्या है. आयुर्वेद इसे स्व-उपचार शक्ति या नेचुरल हीलिंग पावर कहता है. आयुर्वेद के अनुसार, बीमारी कोई अचानक आई दुश्मन नहीं होती, बल्कि शरीर के अंदर बिगड़े संतुलन का संकेत होती है. जब शरीर में एनर्जी फ्लो ठीक रहता है और मन शांत रहता है, तो शरीर खुद ही रोगों से लड़ने लगता है. दवाएं कई बार जरूरी होती हैं, लेकिन आयुर्वेद हमें सिखाता है कि जड़ से ठीक होने के लिए शरीर की प्राकृतिक शक्ति को सक्रिय करना ज्यादा जरूरी है.
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आयुर्वेद में सेहत का मूल सिद्धांत
आयुर्वेद मानता है कि शरीर, मन और आत्मा तीनों का संतुलन ही असली स्वास्थ्य है. अगर इनमें से कोई एक भी असंतुलित हो जाए, तो उसका असर पूरे शरीर पर दिखने लगता है. गलत खान-पान, इर्रेगुलर रूटीन, तनाव और नींद की कमी ये सभी संतुलन बिगाड़ते हैं और बीमारियों का रास्ता खोलते हैं.
जब हम सही समय पर खाते हैं, हल्का और सुपाच्य भोजन लेते हैं और मन को शांत रखते हैं, तो शरीर की स्व-उपचार शक्ति अपने आप सक्रिय होने लगती है.
शरीर खुद को कैसे ठीक करता है?
मॉडर्न साइंस भी आज वही मान रहा है जो आयुर्वेद सदियों से कहता आया है.
- इम्यून सिस्टम हर दिन हजारों वायरस और बैक्टीरिया से लड़ता है.
- स्टेम कोशिकाएं टूटे-फूटे टिश्यू की मरम्मत करती हैं.
- लिवर खुद को दोबारा विकसित करने की क्षमता रखता है.
- आंत और दिमाग का संबंध (गट-ब्रेन कनेक्शन) शरीर की रिकवरी में मदद करता है.
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आयुर्वेदिक आदतें जो हीलिंग पावर बढ़ाती हैं | Ayurvedic Habits That Boost Healing Power
1. हल्का और संतुलित भोजन
आयुर्वेद में कहा गया है जैसा खाएंगे, वैसा ही शरीर बनेगा. भारी, तला-भुना और जरूरत से ज्यादा खाना शरीर को थका देता है. हल्का, ताजा और घर का बना भोजन पाचन को मजबूत करता है, जिससे शरीर को खुद को ठीक करने का समय मिलता है.
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2. योग और प्राणायाम
रेगुलर योग और प्राणायाम शरीर में ऑक्सीजन फ्लो बढ़ाते हैं. इससे कोशिकाएं सक्रिय होती हैं और तनाव कम होता है. तनाव कम होगा, तो शरीर जल्दी ठीक होगा.
3. पर्याप्त नींद
नींद को आयुर्वेद में सबसे बड़ी दवा माना गया है. गहरी नींद के दौरान शरीर खुद की मरम्मत करता है. जो लोग कम सोते हैं, उनमें बीमारियां जल्दी पकड़ लेती हैं.
4. जड़ी-बूटियां
आयुर्वेद में हर्बल उपचार इसलिए खास हैं क्योंकि वे शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया को रोके बिना उसे सहारा देते हैं:
- हल्दी सूजन कम करती है और इम्यूनिटी बढ़ाती है.
- अश्वगंधा तनाव घटाकर शरीर को अंदर से मजबूत बनाती है.
- तुलसी सांस और संक्रमण से लड़ने में मदद करती है.
- अदरक पाचन सुधारकर एनर्जी बढ़ाता है.
ये जड़ी-बूटियां बीमारी दबाने के बजाय शरीर को खुद लड़ने लायक बनाती हैं.
5. पंचकर्म: शरीर की गहरी सफाई
आयुर्वेद में पंचकर्म को शरीर का रीसेट बटन कहा जाता है. यह प्रक्रिया शरीर में जमा विषाक्त तत्वों को बाहर निकालती है, जिससे एनर्जी फ्लो सुधरता है और स्व-उपचार शक्ति फिर से सक्रिय हो जाती है.
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लाइफस्टाइल ही असली दवा है:
आयुर्वेद साफ कहता है कि रोजमर्रा की आदतें ही सबसे बड़ी दवा हैं. समय पर खाना, चलना-फिरना, सकारात्मक सोचना और प्रकृति के साथ तालमेल ये सब मिलकर शरीर की हीलिंग पावर को मजबूत बनाते हैं.
दवा जरूरी हो सकती है, लेकिन असली इलाज हमारे शरीर के अंदर ही छिपा है. आयुर्वेद हमें याद दिलाता है कि अगर हम शरीर, मन और लाइफस्टाइल का संतुलन ठीक कर लें, तो शरीर खुद ही बीमारियों से लड़ने लगता है. जब हम अपने शरीर की सुनते हैं और प्रकृति के नियमों के साथ चलते हैं, तब सच में दवा नहीं, शरीर ही इलाज बन जाता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














