शरीर में हो रहे दर्द का नहीं मिल रहा कोई कारण, तो आपको हो सकता है साइकोसोमेटिक डिसऑर्डर, जानें क्या होता है ये...

What Is Psychosomatic Disorders: अक्सर जब कोई ऐसे दर्द की शिकायत करता है, जिसका कोई कारण नहीं मिलता, तो इस दर्द का कनेक्शन दिमाग या फिर किसी दिमागी समस्या से होता है.

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Psychosomatic Disorders: शरीर में होने वाली ऐसी तकलीफ जिसका सीधा कनेक्शन किसी दिमागी परेशानी से है.

Psychosomatic Disorder: क्या आपको बिना वजह शरीर के कुछ हिस्सों में दर्द महसूस होता है. बहुत बार लोग पता लगाने के लिए टेस्ट भी करवाते हैं, तो पता चलता है कुछ है ही नहीं. तो, क्या इसका मतलब आपको दर्द का अहसास बस यूं ही हो रहा है. इसका सीधा कनेक्शन दिमाग या फिर किसी दिमागी समस्या से होता है. इस तरह के दर्द को साइकोसोमेटिक डिसऑर्डर कहते हैं. आपको बताते हैं क्या होता है ये साइको सोमेटिक डिसऑर्डर?

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क्या होता है साइकोसोमेटिक डिसऑर्डर?

साइकोसोमेटिक डिसऑर्डर को आप आसानी से समझना चाहते हैं तो इसे दो भागों में बांटिए. एक होता है साइको जिसका मतलब होता है मानसिक और दूसरा होता है सोमेटिक जिसका अर्थ होता है शरीर. जब ये कहा जाए कि कोई साइको सोमेटिक डिसऑर्डर से ग्रसित है तो उसका अर्थ होता है शरीर में होने वाली ऐसी तकलीफ जिसका सीधा कनेक्शन किसी दिमागी परेशानी से है. इंस्टाग्राम पर डॉ. सार्थक दवे ने इस बारे में पोस्ट शेयर की है और बताया है कि साइको सोमेटिक डिसऑर्डर क्या होता है.

इस पोस्ट के मुताबिक अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि उनके पेट में दर्द हो रहा है या शरीर के किसी अन्य हिस्से में लगातार दर्द हो रहा है. उस दर्द की वजह जानने के लिए बहुत सारे टेस्ट करवाए जाते हैं लेकिन टेस्ट रिपोर्ट्स में कोई नतीजा नहीं निकलता. इसके बाद लोग ये मानने लग जाते हैं कि पीड़ित शख्स दर्द के नाम पर नाटक कर रहा है. जबकि ऐसा नहीं है. वो दर्द वाकई होता है और उतना ही होता है जितना किसी तकलीफ की वजह से हो सकता है. इसी तरह के दर्द को साइको सोमेटिक डिसऑर्डर कहते हैं.

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क्यों होता है साइकोसोमेटिक डिसऑर्डर?

शरीर का अंग किसी ऐसी नस से जुड़ा होता है जो दिमाग तक उसके संदेश लेकर जाती है, जिस तरह किसी अंग में दर्द होगा, तो दिमाग की नसें ही उस दर्द की जानकारी देंगी. मान लीजिए पेट में दर्द हो रहा है उससे कनेक्ट होने वाली दिमाग की नसें भी दर्द महसूस करेंगी. उसी तरह जब दिमाग पर तनाव ज्यादा होगा. यानी कोई शख्स स्ट्रेस में होगा तो उसका दर्द शरीर के किसी भी हिस्से में महसूस हो सकता है.

फिर चाहें वो पेट हो या पैर हो. इसलिए जब कोई भी व्यक्ति दर्द से परेशान हो और किसी जांच में उस दर्द की वजह पकड़ में न आए. तब समझ लेना चाहिए कि वो साइकोसोमेटिक डिसऑर्डर से पीड़ित है और कहीं न कहीं तनाव यानी कि स्ट्रेस से भी परेशान है और उस तरह के इलाज पर फोकस करना चाहिए.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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