World Sleep Day 2023: हर साल 17 मार्च को वर्ल्ड स्लीप डे मनाया जाता है. यह एक वार्षिक उत्सव है. एक व्यक्ति के स्वस्थ रहने के लिए संतुलित व पौष्टिक युक्त आहार, एक्सरसाइज व योग, दिन भर सक्रिय रहने के साथ-साथ पूरी नींद का होना आवश्यक है. कई लोग नींद को कम महत्व देते हैं, लेकिन वे नहीं जानते हैं लंबे समय तक पूरी नींद नहीं होने से उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कई बीमारियां हो सकती हैं. नींद के जीवन में महत्व को बताने के लिए हर साल मार्च के तीसरे हफ्ते में वर्ल्ड स्लीप डे (World Sleep Day) मनाया जाता है. बता दें कि वर्ल्ड स्लीप डे का आयोजन इंटरनेशनल स्लीप सोसाइटी (WASM और WSF द्वारा स्थापित) की वर्ल्ड स्लीप डे कमेटी द्वारा किया जाता है. इस डे को साल 2008 से हर साल मनाया जाता है. यह दिन उन लोगों के लिए है, जिन्हें नींद की गंभीर समस्या है.
इस साल वर्ल्ड स्लीप डे की थीम-स्लीप इज एसेंशियल फॉर हेल्थ रखा गया है. इसका मतलब है कि नींद स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है. स्वस्थ्य और निरोग रहने के लिए अच्छी नींद का होना भी बेहद जरूरी है. नींद शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी है. हालांकि नींद को अभी भी स्वास्थ्य के लिए एक आवश्यक आदत नहीं माना जाता है.
World Sleep Day 2023: नींद के बारे में ये 6 रोचक और हैरान करने वाले फैक्ट नहीं जानते होंगे आप, विश्व नींद दिवस पर जानिए आज
लगातार खराब होती नींद के कारण (Reasons why you're getting poor sleep consistently)
ऑयली व मसालेदार खाना
ऑयली और मसालेदार खाने का असर भी हमारी नींद पर पड़ता है. मसालेदार खाने से सीने में जलन हो सकती है. वहीं ऑयली भोजन व अत्यधिक भोजन करने से मोटापा हो सकता है, इसे स्लीप एपनिया हो सकता है. यही नहीं अगर आप दिनभर बहुत ज्यादा कैफीन की मात्रा लेते हैं तो इससे रात की नींद प्रभावित हो सकती है. आपके शरीर में कैफीन का आधा आपके सिस्टम को छोड़ने में छह घंटे तक लग सकता है.
शाम को वर्कआउट करना
एक स्वस्थ जीवन शैली के लिए शारीरिक गतिविधि का होना बेहद जरूरी है. लेकिन अगर आप देर रात वर्कआउट करते हैं तो इसका असर भी आपकी नींद पर पड़ता है. अच्छी और भरपूर नींद के लिए अपने वर्कआउट को कुछ घंटे पहले शेड्यूल करें.
सोने से पहले स्क्रीन
सोन से पहले स्क्रीन देखना आज की यह बड़ी समस्या है. काफी लोगों को सोने से पहले टीवी और मोबाइल देखने की आदत होती है. देर रात तक मोबाइल स्क्रीन देखने से भी नींद नहीं आती है. कई शोध में नींद को बैकलिट उपकरणों द्वारा उत्सर्जित नीली रोशनी से जोड़ा गया है. इसके मुताबिक आपकी सर्कडियन लय नीली रोशनी से बाधित हो सकती है, जो आपको पर्याप्त नींद लेने से रोक सकती है.
तनाव में होना
जब आप तनाव में होते हैं या किसी बात की चिंता आपको सताती है तो भी आपको नींद नहीं आती है. सुकून की नींद के लिए तनाव और चिंता को बिस्तर से दूर छोड़ कर आने की जरूरत है. रात में नींद नहीं आने से अगली सुबह भी आप थका हुआ महसूस करते हैं. तनाव और नींद के बीच के दुष्चक्र को तोड़ना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन कुछ प्रयासों से आप इसे बैलेंस कर सकते हैं.
सोने से ठीक पहले भोजन
सोने से ठीक पहले भोजना करना उचित नहीं है. हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो सोन और खान के बीच तीन घंटे का अंतर होना चाहिए. रात में देरी से खाने या अधिक खाने पर आपको सोने में असुविधा हो सकती है. इससे एसिडिटी हो सकती है या पेट फुल सकता है ये स्थितियां आपको जगाए रख सकती है.
उत्तेजक पदार्थों का सेवन
उत्तेजक पदार्थों में कॉफी, चाय, कोला और अन्य जैसे कैफीनयुक्त पेय शामिल हैं. अगर आप इनका सेवन देर दोपहर या शाम को करते हैं तो आपको रात को नींद आने में परेशानी हो सकती है. नींद को निकोटीन भी बाधित कर सकता है. निकोटीन तम्बाकू उत्पादों में मौजूद होता है. शराब आपकी सो जाने की क्षमता में सहायता कर सकती है, लेकिन यह गहरी नींद को रोकती है और अक्सर रात में जागने का कारण बनती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.