Tips to Improve Public Speaking Skills: क्या आपको लोगों से बात करने में डर लगता है? क्या आप भी अक्सर यही सोचते हैं कि आपको बोलने में डर क्यों लगता है और बोलने के डर को कैसे दूर करें? तो घबराएं नहीं. ऐसा अक्सर लोगों के साथ होता है कि उन्हें बात करने से डर लगता है. लोगों को अक्सर इस बात पर दुविधा होती है कि मंच पर संबोधित कैसे करें, माइक पर बोलने का तरीका क्या है. तो इन सब सवालों के जवाब से पहले आपको यह समझना होगा कि बोलना भी एक कला है. इसे आप सीख सकते हैं. अपनी बात को साफ और स्पष्ट (Speaking clearly and effectively) रूप से कह पाना भी एक कला है. आप भले ही कितने बातूनी क्यों न हों. लेकिन बात जब लोगों के हुजूम बीच बोलने की आती है, तब अच्छे अच्छों के पसीने छूट जाते हैं. कुछ लोग भारी भीड़ को देखकर नर्वस हो जाते हैं और कुछ का साथ शब्द ही छोड़ देते हैं.
पब्लिक स्पीकिंग सिर्फ लोगों के सामने खड़े होकर बोलने का हुनर नहीं है. इस दौरान बड़ी भीड़ को बांधकर रखना एवं सही शब्द के साथ बोलने के तरीके का चयन करना भी जरुरी है. जिसमें कमजोर होने पर अक्सर लोग भीड़ को देखकर नर्वस हो जाते हैं. आप भी अगर ऐसी नर्वसनेस का शिकार होते हैं. तो, यहां हम बता रहे हैं कुछ गुर जो आपको एक बेहतरीन स्पीकर बना सकते हैं.
Glossophobia (Fear of Public Speaking): सार्वजनिक रूप से बोलने का डर एंग्जाइटी का एक सामान्य रूप है. यह मामूली घबराहट से लेकर बेहद खतरनाक भय और घबराहट तक हो सकता है. इस डर से ग्रस्त कई लोग सार्वजनिक रूप से बोलने की स्थिति से पूरी तरह से बचते हैं, या वे हाथ मिलाने और कांपती आवाज़ जैसे लक्षण दिखाते हैं. लेकिन इस एंग्जाइटी से उबरने के लिए आप कुछ टिप्स का सहारा ले सकते हैं, जो हम आपको बता रहे हैं.
बोलने से लगता है डर,तो बेहतर पब्लिक स्पिकर बनने के लिए अपनाएं ये टिप्स | Fear of public speaking: How can I overcome it?
1. ऑडियंस को समझें
कहीं भी स्पीच देने से पहले आपको ये समझना जरूरी है कि जिन्हें आप एड्रेस कर रहे हैं वो कौन हैं. अपने सुनने वालों का वर्ग और उम्र समझ कर अपनी स्पीच तैयार करना बेहतर होगा. जब टारगेट ऑडियंस का पता होगा, तब उनके बीच स्पीच देना भी आसान होगा.
2. लोगों को जोड़ें
आपकी स्पीच ऐसी होनी चाहिए जिसमें आप पब्लिक को उससे जोड़ सके. स्पीच को फैमिलियर बनाने के लिए आपको खुद को उसमें इंवॉल्व कर कुछ उदाहरण पेश करने होंगे. और कुछ आम लोगों से जोड़ कर स्पीच लिखनी होगी. ताकि लोग उससे आसानी से कनेक्ट हो सकें.
3. विजुअल भी रखें साथ
आप कुछ ऐसी प्रोपर्टीज जरूर तैयार रखें जिनके जरिए मंच से ही विजुअल प्रेजेंटेशन दे सकें. आप चाहें तो कोई डॉक्यूमेंट्री तैयार कर सकते हैं. अपनी स्पीच को सपोर्ट करता हुआ पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन प्ले कर सकते हैं. ये सब आपकी स्पीच को बेहतर बनाएंगे और आपका कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा.
4. आई कॉन्टेक्ट रखें
ये सबसे मुश्किल काम होता है, खासतौर से उन स्पीकर्स के लिए जो मंच पर पहली बार जा रहे हैं. लेकिन घबराने की जगह पहले भीड़ को गौर से देखें. फिर आई कॉन्टेक्ट ऐसा रखें जैसे हर शख्स से आंख मिला रहे हों. ऐसा करने से आपका खुद का आत्मविश्वास बढ़ेगा और लोग भी आपसे जुड़ेंगे.
5. सिंपल भाषा रखें
स्पीच की भाषा को बहुत टफ बनाने की जगह ऐसी भाषा रखें जो आपको खुद को आसानी से समझ आए और आपके लिए बोलना भी आसान हो. भाषा जितनी सिंपल होगी आपका कॉन्फिडेंस उतना ही ज्यादा होगा.
कुछ स्थितियों में घबराहट या चिंता सामान्य है, और सार्वजनिक रूप से बोलना कोई अपवाद नहीं है. इसे परफॉमेंस एंग्जाएटी के रूप में जाना जाता है. लेकिन गंभीर परफॉमेंस एंग्जाएटी वाले लोग जिनमें अन्य सामाजिक स्थितियों में महत्वपूर्ण चिंता शामिल है, उन्हें सामाजिक चिंता विकार (जिसे सामाजिक भय भी कहा जाता है) हो सकता है. सोशल परफॉमेंस एंग्जाएटी डिसऑर्डर को थेरेपी, दवाओं या दोनों के संयोजन की जरूरत हो सकती है.
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