Heart Attack In Women: अक्सर जब दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ने की बात होती है, तो हमारे ज़हन में एक ही तस्वीर आती है सीने में तेज़ दर्द, सांस फूलना और अचानक जमीन पर गिर जाना. मगर क्या आप जानते हैं कि खासतौर पर महिलाओं में दिल के दौरे के लक्षण बिल्कुल अलग और कभी-कभी इतने हल्के होते हैं कि पहचानना मुश्किल हो जाता है? अपने शरीर की सुनें और हर अनदेखे संकेत को गंभीरता से लें. क्योंकि समय रहते पहचान ही सबसे बड़ा बचाव है. इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि आखिर महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण अलग क्यों होते हैं, किस तरह के संकेत नजर आते हैं और क्यों इन पर तुरंत ध्यान देना जरूरी है.
महिलाओं में हार्ट अटैक (Heart Attack In Women)
महिलाओं में हार्ट अटैक के संकेत अलग क्यों?
महिलाओं के शरीर की बनावट और काम करने का तरीका पुरुषों से काफी अलग होता है. उनके दिल की धमनियों में रुकावट कभी-कभी मुख्य नसों में नहीं, बल्कि बहुत पतली नसों में होती है. इसे माइक्रोवैस्कुलर डिजीज कहा जाता है. जब इन छोटी नसों में ब्लॉकेज आता है, तो लक्षण अलग हो सकते हैं. इसके अलावा महिलाओं में हार्मोन जैसे एस्ट्रोजन की भूमिका, शरीर में सूजन की स्थिति और स्ट्रेस का रिएक्शन भी हार्ट अटैक के लक्षणों को प्रभावित करती है.
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आम लक्षण जो अनदेखे रह जाते हैं
महिलाओं में दिल का दौरा हमेशा सीने में दर्द से शुरू नहीं होता. कई बार तो सीने में कोई तकलीफ महसूस ही नहीं होती. नीचे दिए गए लक्षण अक्सर नजर आते हैं, लेकिन इन्हें आम परेशानियों जैसा मानकर लोग नजरअंदाज कर देते हैं.
-पेट में गड़बड़ी या उल्टी जैसा महसूस होना.
-जबड़े, पीठ या दोनों हाथों में अजीब सी परेशानी.
-सांस लेने में दिक्कत, चाहे सीना न दुख रहा हो.
-पसीना आना, हल्का चक्कर या बहुत थकान.
-बेचैनी, घबराहट या रात को नींद में रुकावट.
-इन लक्षणों को "मामूली" समझ कर कई महिलाएं समय पर डॉक्टर से संपर्क नहीं करतीं, जिससे स्थिति गंभीर हो सकती है.
"साइलेंट हार्ट अटैक"- जब शरीर चुपचाप खतरे में होता है
कुछ महिलाओं को दिल का दौरा पड़ता है लेकिन उन्हें कोई बड़ा लक्षण नहीं दिखाई देता. इसे साइलेंट इस्केमिया-कहा जाता है, जिसमें दिल में खून का बहाव कम हो जाता है लेकिन दर्द या कोई स्पष्ट संकेत नहीं आता. ये स्थिति खतरनाक है क्योंकि इसे पहचानना बेहद मुश्किल होता है.
क्या करना चाहिए?
अगर आपको या किसी महिला को ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण महसूस हों, तो देर बिल्कुल न करें. तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, ईसीजी और अन्य टेस्ट कराएं. याद रखें, जल्दी पता लगने से इलाज का असर बढ़ जाता है. साथ ही, महिलाओं को अपनी सेहत को प्राथमिकता देनी चाहिए नियमित जांच, संतुलित खानपान, व्यायाम और तनाव से दूरी दिल को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)