टेक्सास यूनिवर्सिटी के एमडी एंडरसन कैंसर सेंटर के शोधकर्ताओं ने एक नई स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने पाया कि शुगरी ड्रिंक्स में मौजूद ग्लूकोज-फ्रुक्टोज मिश्रण एडवांस कोलोरेक्टल कैंसर (आंत का कैंसर) के फैलाव यानी मेटास्टेसिस को तेज कर सकता है. यह अध्ययन नेचर मेटाबॉलिज्म नामक प्रतिष्ठित जर्नल में प्रकाशित हुआ है. स्टडी के अनुसार, यह शुगरी मिश्रण कैंसर सेल्स को ज्यादा सक्रिय बनाता है और उन्हें तेजी से लिवर तक फैलने में मदद करता है. शोध में यह भी बताया गया है कि एक विशेष एंजाइम SORD इस प्रक्रिया को बढ़ावा देता है. यह खोज कैंसर के इलाज और डाइट संबंधी सिफारिशों को नया दृष्टिकोण दे सकती है.
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स्टडी में क्या पाया गया?
इस रिसर्च टीम का नेतृत्व जेहाय यून (Jihye Yun), जेनेटिक्स की असिस्टेंट प्रोफेसर ने किया. उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि शुगरी ड्रिंक्स एडवांस स्टेज के कोलोरेक्टल कैंसर को कैसे प्रभावित करते हैं.
प्रयोगशाला में कैंसर मॉडल का उपयोग करके उन्होंने ग्लूकोज-फ्रुक्टोज मिश्रण की तुलना केवल ग्लूकोज या केवल फ्रुक्टोज से की. सिर्फ मिश्रित शक्कर (ग्लूकोज और फ्रुक्टोज) ने कैंसर सेल्स को ज्यादा एक्टिव और गतिशील बनाया, जिससे वे तेजी से लिवर तक फैल गईं, जो कि कोलोरेक्टल कैंसर के फैलाव का सबसे आम स्थान है.
यह मिश्रण एक एंजाइम SORD (Sorbitol Dehydrogenase) को सक्रिय करता है, जो ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और कोलेस्ट्रॉल पाथवे को चालू करता है, जिससे कैंसर फैलता है.
यही पाथवे हार्ट की दवाओं स्टैटिन्स द्वारा टारगेट किया जाता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करती हैं. जब SORD को ब्लॉक किया गया, तो कैंसर का फैलाव धीमा हो गया, भले ही शुगर मौजूद थी.
यून ने कहा, "हमारी स्टडी यह दिखाती है कि रोज़ाना का खानपान सिर्फ कैंसर के खतरे को नहीं, बल्कि बीमारी के बढ़ने की गति को भी प्रभावित करता है."
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शोधकर्ताओं ने शुगरी ड्रिंक्स पर ही क्यों ध्यान दिया?
यून की लैब यह जानने में रुचि रखती है कि डाइट आंत और कैंसर की ग्रोथ को कैसे प्रभावित करती है. उन्होंने पहले भी यह दिखाया था कि मोटापे से अलग सिर्फ शुगरी ड्रिंक्स का सेवन भी शुरुआती स्टेज के कोलोरेक्टल कैंसर को बढ़ा सकता है.
इस नई स्टडी का उद्देश्य यह जानना था कि ये ड्रिंक्स एडवांस स्टेज के कैंसर को कैसे प्रभावित करते हैं.
इस स्टडी का मरीजों और आम जनता के लिए क्या मतलब है?
हालांकि यह स्टडी अभी प्री-क्लिनिकल मॉडल पर बेस्ड है और आगे और रिसर्च की जरूरत है, लेकिन इसके नतीजे बताते हैं, शुगरी ड्रिंक्स का सेवन कम करना फायदेमंद हो सकता है.
SORD एंजाइम को टारगेट करना कैंसर के फैलाव को रोकने का एक नया तरीका हो सकता है. स्टैटिन्स जैसी दवाओं को कैंसर के इलाज में दोबारा इस्तेमाल करने की संभावना बन सकती है.
यून ने यह भी सुझाव दिया कि कैंसर मरीजों के लिए डाइट गाइडलाइंस में बदलाव पर विचार किया जाना चाहिए, क्योंकि कई बार उन्हें ऐसे न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं जिनमें ग्लूकोज और फ्रुक्टोज की मात्रा बहुत ज्यादा होती है.
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