बच्चों को डिसिप्लिन सिखाने के चक्कर में कहीं दिमाग से कमजोर और दब्बू तो नहीं बना रहे आप, बच्चों पर सख्ती बरतने के 7 बड़े नुकसान

Strict Parenting Disadvantages: बच्चों का सख्ती से पालन-पोषण करने के नकारात्मक प्रभाव गंभीर हो सकते हैं. यह बच्चों के मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक विकास को प्रभावित करता है. यहां जानिए कैसे...

Advertisement
Read Time: 4 mins
S

Side Effects of Strict Parenting: आजकल की लाइफस्टाइल में बच्चे पहले से ही बहुत सारी चीजों में व्यस्त रहते हैं चाहे वह स्कूल हो या ट्यूशन और उन पर और किसी भी तरह का दबाव नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. बहुत सारे माता पिता बच्चों को बड़ी सख्ती से रखते हैं. स्ट्रिक्ट पेरेंटिंग का मतलब है, बच्चों को बहुत ज्यादा अनुशासन और सख्ती से रखना है. यह तरीका ज्यादातर कंट्रोल और कठोर नियमों पर बेस्ड होता है. हालांकि पेरेंट्स का उद्देश्य बच्चों को अनुशासन सिखाना और उन्हें सही मार्ग पर रखना होता है, लेकिन इसके कई नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं जो बच्चों के मेंटल और इमोशनल हेल्थ को इफेक्ट कर सकते हैं. यहां जानिए अगर आप बच्चों को सख्ती से रखते हैं, तो उनपर क्या असर होगा.

बच्चों को सख्ती से रखने के नुकसान | Disadvantages of Keeping Children Strictly

1. सेल्फ रिस्पेक्ट की कमी

सख्ती से पालन-पोषण से बच्चों में आत्म-सम्मान की कमी हो सकती है. जब बच्चों को लगातार आलोचना और नकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है, तो वे अपनी क्षमताओं और योग्यताओं पर शक करने लगते हैं. इससे उनके आत्म-सम्मान में गिरावट आती है और वे खुद को नकारात्मक दृष्टि से देखने लगते हैं.

यह भी पढ़ें: बच्चों को सक्सेसफुल बनाने के लिए पढ़ाई के साथ इन बातों पर भी दें ध्यान, एक्सपर्ट ने बताए पेरेंटिंग टिप्स, छुएगा ऊंचाइयां

Advertisement

2. अवसाद और चिंता

बच्चों का सख्ती से पालन-पोषण करने का एक और गंभीर प्रभाव यह है कि इससे बच्चों में अवसाद और चिंता के लक्षण पैदा हो सकते हैं. बहुत ज्यादा दबाव और आलोचना के कारण बच्चे मानसिक तनाव में रहते हैं, जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है.

Advertisement

3. कम्युनिकेशन गैप

कठोर माता-पिता के साथ कम्युनिकेशन की कमी होती है. बच्चे अपने माता-पिता से खुलकर बात करने से कतराते हैं क्योंकि उन्हें डर रहता है कि उनकी बातों को नकारा जाएगा या उन्हें और ज्यादा डांटा जाएगा. यह स्थिति परिवार में भावनात्मक दूरी बढ़ाती है और बच्चों को अकेला महसूस कराती है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: आपका बच्चा भी करता है सुबह उठने में नखरे, तो आज से ही आजमाएं ये ट्रिक, खुद उठने लगेगा अपने आप

Advertisement

4. विद्रोह की भावना

कठोर पालन-पोषण से बच्चों में विद्रोह की भावना भी बढ़ सकती है. जब बच्चों को बहुत ज्यादा कंट्रोल और नियमों में बंधा जाता है, तो वे अपनी स्वतंत्रता की तलाश में विद्रोही व्यवहार करने लगते हैं. यह विद्रोही व्यवहार उनके माता-पिता और अन्य लोगों के साथ उनके संबंधों को खराब कर सकता है.

5. सोशलाइजेशन की कमी

ऐसे बच्चे में सोशलाइजेशन में भी कठिनाई होती है. वे दूसरों के साथ दोस्ती बनाने और बनाए रखने में असमर्थ हो सकते हैं क्योंकि उन्हें बचपन में सही तरीके से कम्युनिकेशन और रिलेशन बनाने के अवसर नहीं मिले होते हैं.

6. सेल्फ कंट्रोल की कमी

सख्ती से पालन-पोषण के कारण बच्चों में सेल्फ कंट्रोल की कमी हो सकती है. जब बच्चों पर हमेशा चीजें थोपी जाती हैं, तो उन्हें स्वयं के निर्णय लेने का अवसर नहीं मिलता है, तो वे स्वतंत्र रूप से सोचने और निर्णय लेने की क्षमता खो देते हैं.

यह भी पढ़ें: क्या खाली पेट वर्कआउट करने से जल्दी पतले होते हैं? जानिए वजन कम करने के लिए कब करें एक्सरसाइज

माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों के साथ एक पॉजिटिव और सपोर्टिव रिलेशन बनाएं, जिससे वे कॉन्फिडेंट और बैलेंस पर्सनालिटी के रूप में बड़े हो सकें. अनुशासन जरूरी है, लेकिन इसे प्यार और समझ के साथ बैलेंस करना जरूरी है.

Monsoon में बीमारियों के संक्रमण से कैसे रहें सुरक्षित, बता रहे हैं हेल्थ एक्सपर्ट्स

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Ganpati Visarjan Mumbai: गणपति विसर्जन के लिए BMC की क्या हैं खास तैयारियां?