किस स्टेज पर है ब्रेस्ट कैंसर? इन तरीकों से डॉक्टर लगाते हैं इसका पता, कैंसर का कौन सा स्टेज है सबसे खतरनाक

Stages of breast cancer: ब्रेस्ट कैंसर की स्टेजिंग से पता चलता है कि बीमारी किस स्तर तक पहुंच चुकी है. इससे बीमारी की गंभीरता के मुताबिक सटीक इलाज करने में मदद मिलती है.

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जानिए कितने स्टेजेस में हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर

Stages of breast cancer: ब्रेस्ट कैंसर में स्तन की कोशिकाएं अनियंत्रित और असामान्य ढंग से बढ़ने लगती है जिससे ट्यूमर बन जाता है. स्तन में बनने वाले इस गांठ को महसूस किया जा सकता है. ब्रेस्ट कैंसर के बारे में पता चलने के बाद सबसे पहले डॉक्टर्स इसकी स्टेजिंग करते हैं ताकि बीमारी की गंभीरता के मुताबिक सटीक इलाज किया जा सके. स्टेजिंग के जरिए डॉक्टर्स यह पता करने की कोशिश करते हैं कि बीमारी का स्तर कितना सामान्य या खतरनाक है. 

ब्रेस्ट कैंसर के स्टेज (stages of breast cancer)

ब्रेस्ट कैंसर के स्टेज को रोमन लिपि में 0 से IV तक बांटा गया है. जीरो स्टेज का स्तन कैंसर सिर्फ मिल्क डक्ट तक फैला हुआ गैर-आक्रामक कैंसर होता है. वहीं मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर कहे जाने वाले स्टेज IV का स्तन कैंसर शरीर के अन्य भाग में भी फैल जाता है.

इन बातों पर निर्भर करती है बीमारी की गंभीरता (The severity of the disease depends on these things)

ब्रेस्ट कैंसर का पता चलने के बाद उसकी स्टेजिंग सबसे महत्वपूर्ण होती है. कुछ जानकारियों के आधार पर डॉक्टर्स यह निर्धारित करने की कोशिश करते हैं कि कैंसर किस स्टेज पर है. जैसे-
 

  • ट्यूमर के साइज से यह पता चलता है कि कैंसर सेल्स बांह के नीचे लिम्फ नोड्स तक तो नहीं फैल गई है.
  • गांठ के आकार से यह भी पता लगाया जा सकता है कि कैंसर सेल्स शरीर के और भाग में तो नहीं फैल गई है.
  • बीमारी की गंभीरता इस पर भी निर्भर करती है कि माइक्रोस्कोप के नीचे देखने पर कोशिकाएं कितनी आक्रामक दिखाई देती हैं.
  • कैंसर कोशिकाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के लिए रिसेप्टर्स की मौजूदगी से भी बीमारी की गंभीरता का पता लगाया जाता है.

ब्रेस्ट कैंसर की स्टेज का पता करने के लिए टेस्ट (Tests to determine the stage of breast cancer)


ब्रेस्ट कैंसर की स्टेज का पता करने के लिए डॉक्टर्स फिजिकल एग्जामिनेशन से लेकर कई अन्य तरह के टेस्ट करते हैं. बीमारी की गंभीरता का पता लगाने के लिए एक साथ कई तरीके अपनाए जाते हैं. जैसे-

फिजिकल एग्जामिनेशन

ब्रेस्ट कैंसर का स्टेज पता करने के लिए डॉक्टर फिजिकल एग्जामिनेशन के साथ-साथ आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में भी जानकारी इकट्ठा करते हैं.

ब्लड टेस्ट

वैसे तो किसी भी तरह के ब्लड टेस्ट से कैंसर के स्टेज का पता नहीं लगाया जा सकता है. लेकिन इस टेस्ट से आपके ओवरऑल हेल्थ की जानकारी मिलती है जिसके आधार पर कैंसर स्टेजिंग के लिए टेस्ट तय करने में डॉक्टर को मदद मिलती है.

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पैथोलॉजी रिपोर्ट

अगर आपने ब्रेस्ट कैंसर होने पर लिम्फ नोड्स को हटाने के लिए पहले से ही सर्जरी करवा ली है तो डॉक्टर आपके पैयोलॉजी रिपोर्ट्स के आधार पर आगे के इलाज की प्रक्रिया तय करेंगे.

ब्रेस्ट इमेजिंग टेस्ट

ब्रेस्ट इमेजिंग टेस्ट के जरिए कैंसर से जुड़ी सबसे ज्यादा जानकारी मिलती है. मैमोग्राम, अल्ट्रासाउंड और ब्रेस्ट एमआरआई के जरिए डॉक्टर बीमारी के बारे में ज्यादा जान पाते हैं और यह तय करने में भी आसानी होती है कि किसी और टेस्ट की कितनी जरूरत है.

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Hina Khan (हिना खान) Diagnosed with Stage Three Breast Cancer | ब्रेस्ट कैंसर: स्टेज, प्रकार और इलाज

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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