बच्चों और किशोरों के मेंटल हेल्थ को बिगाड़ रहा है सोशल मीडिया, एक्सपर्ट से जानिए कैसे खतरे में है बचपन

Social media Effects On Mental Health: सोशल मीडिया लत बन चुकी है. लोग घंटों सोशल मीडिया पर समय गुजारने लगे हैं. जीवन के हर क्षेत्र में इसके बढ़ते प्रभाव के कारण विशेषज्ञ शारीरिक और मानसिक सेहत को लेकर चिंता जाहिर करने लगे हैं.

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सोशल मीडिया के कारण बच्चों की फिजिकल और सोशल एक्टिविटी कम हो रही है.

Social Media Effects On Mental Health: स्मार्ट फोन और सोशल मीडिया अब सुविधा से आगे बढ़कर लत बन चुकी है. लोग अपने काम छोड़कर घंटों सोशल मीडिया पर समय गुजारने लगे हैं. जीवन के हर क्षेत्र में इसके बढ़ते प्रभाव के कारण विशेषज्ञ शारीरिक और मानसिक सेहत को लेकर चिंता जाहिर करने लगे हैं. खासकर बच्चों और किशोरों (Teenagers) के मेंटल हेल्थ पर इसका खतरनाक असर पड़ रहा है. हाल ही में अमेरिका के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी सर्जन जनरल डॉ विवेक मूर्ति ने सोशल मीडिया के प्रभावों के कारण हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात बनने की बात कही है, उन्होंने तंबाकू प्रोडक्ट्स की तर्ज पर सोशल मीडिया पर भी सेहत के लिए खतरे की चेतावनी लगाए जाने को कानूनी रूप से लागू करने की सलाह दी है. एनडीटीवी ने बच्चों और टीनएजर्स के मेंटल हेल्थ पर सोशल मीडिया के प्रभावों पर फोर्टिस हॉस्पिटल में चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट डॉ समीर पारेख से बात की. आइए जानते हैं सोशल मीडिया कैसे बच्चों और टीनएजर्स की सेहत पर असर डाल रहा है.

टीनएजर्स की मेंटल हेल्थ पर सोशल मीडिया का प्रभाव (Social Media Effect On Teenagers Mental Health)

सोशल मीडिया के बढ़ते यूज का मेंटल हेल्थ पर प्रभाव पड़ रहा है. खासकर बच्चों और किशोरों के लिए यह काफी खतरनाक साबित हो रहा है. सोशल मीडिया के कारण बच्चों की फिजिकल और सोशल एक्टिविटी कम हो रही है. वे दोस्तों और परिजनों से आमने सामने बातें नहीं कर रहे हैं. चूंकि उन्हें सोशल मीडिया पर तुरंत रिएक्शन मिल रहे हैं इसलिए उनका कंसंट्रेशन पावर कम हो रहा है. यहां तक कि अपनी जानकारी को कॉसेप्ट बनाने में परेशानी आ रही है. साइबर बुलिंग का शिकार हो रहे हैं. इन सभी चीजों का मेंटल हेल्थ पर निगेटिव असर पड़ रहा है.

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सही गलत का अंतर करने की क्षमता:

विशेषज्ञों के अनुसार सोशल मीडिया बच्चों और किशोरों के लायक बनाना होगा. इसके साथ ही स्कूल और माता पिता को बच्चों को सोशल मीडिया के इस्तेमाल के बारे में समझाना चाहिए. बच्चों और किशोरों में सही और गलत जानकारी में अंतर करने की क्षमता नहीं होती है जिसके कारण वे गलत जानकारी को सही समझ लेते हैं.

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नींद पर असर:

सोशल मीडिया के बहुत ज्यादा यूज का सीधा असर नींद पर पड़ता है और इससे बॉडी में कुछ ऐसे कैमिकल रिएक्शन होते हैं जो बॉडी बैलेंस को बिगाड़ देते हैं और सोशल मीडिया के एडिक्शन को बढ़ाते हैं.

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एक्सपर्ट: (डॉ समीर पारिख, चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट, फोर्टिस हॉस्पिटल)

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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