तेजी से बदलती दुनिया में हेल्थकेयर भी डिजिटल हो चुका है. जहां पहले बीमारी फैलने का पता लगाने में हफ्तों लग जाते थे, वहीं अब भारत एक ऐसा कदम उठाने जा रहा है जो महामारी जैसी स्थितियों को समय रहते रोकने में गेम-चेंजर साबित हो सकता है. भारत जल्द ही AI-ड्रिवन सर्विलांस प्रोग्राम शुरू करने जा रहा है. इसका उद्देश्य है रियल-टाइम में लोगों के लक्षणों को ट्रैक करके बीमारी फैलने के शुरुआती संकेत पकड़ लेना, ताकि तुरंत एक्शन लिया जा सके.
आज के दौर में बुखार, खांसी, फ्लू, डायरिया या वायरल इंफेक्शन जैसी समस्याएं बहुत तेजी से फैलती हैं. कभी-कभी इनके केस अचानक बढ़ जाते हैं, लेकिन जब तक हेल्थ डिपार्टमेंट तक रिपोर्ट पहुंचती है तब तक बीमारी गांव, शहर या स्कूलों में काफी फैल चुकी होती है. लेकिन, अब इस गैप को खत्म करने का समय आ गया है. यही वजह है कि यह नया AI प्रोग्राम भारत की पब्लिक हेल्थ सिस्टम में नई उम्मीद जैसा है.
AI कैसे करेगा बीमारी की पहचान? | How Will AI Identify The Disease?
- इस स्मार्ट सिस्टम का काम बहुत सरल लेकिन बेहद प्रभावी होगा.
- देश भर के अस्पतालों, क्लीनिकों, हेल्थ सेंटरों और डिजिटल हेल्थ ऐप्स से रियल-टाइम डेटा लिया जाएगा.
- अगर किसी इलाके में अचानक बुखार वाले मरीज बढ़ने लगें, या खांसी के केस दोगुने हो जाएं, या डायरिया के मरीजों की संख्या एकदम उछल जाए, तो AI तुरंत पैटर्न पहचान लेगा.
- सिस्टम ऑटोमैटिकली लाल झंडा (Alert) दिखा देगा कि किसी संभावित बीमारी का फैलाव शुरू हो चुका है.
- इसके बाद हेल्थ एजेंसियां तुरंत मौके पर जांच करके वायरस या बैक्टीरिया का पता लगा सकेंगी.
इससे फायदा क्या होगा?
1. महामारी को शुरुआत में ही रोकने का मौका
कोरोना जैसी महामारी ने दुनिया को यह सिखाया कि बीमारी की शुरुआती पहचान कितनी जरूरी है। यह प्रोग्राम तेजी से फैलने वाली बीमारियों का टाइम से पता लगाएगा.
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2. हेल्थ सिस्टम की मजबूत तैयारी
किसी क्षेत्र में बीमारी का संकेत मिलते ही अस्पताल दवाइयों, टेस्ट किट और मेडिकल स्टाफ की व्यवस्था कर सकेंगे।
3. कम मौतें और कम अस्पताल भर्ती
समय रहते इलाज शुरू हो जाए तो गंभीर मरीज बनने की संभावना काफी घट जाती है.
4. ग्रामीण इलाकों में बड़ा फायदा
जहां रिपोर्टिंग सिस्टम कमजोर होता है, वहां यह AI अलर्ट बहुत कारगर साबित होगा.
भारत का यह AI-ड्रिवन सर्विलांस प्रोग्राम सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं है, बल्कि राष्ट्र की हेल्थ सुरक्षा का नया कवच है. अगर बीमारी फैलने का संकेत शुरुआती स्टेज में ही मिल जाए, तो सरकार, डॉक्टर और आम लोग मिलकर बड़ी से बड़ी महामारी को भी रोक सकते हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














