Side Effects Of Workaholic: कहीं आप वर्कोहोलिक तो नहीं? जान लीजिए हैवी वर्क कल्चर बनाने के गंभीर नुकसान

Disadvantages Of Workaholic: आमतौर पर लोग वर्कोहोलिक होने को एक स्टेटस सिंबल या तारीफ की बात समझते हैं. लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है. अगर कोई अपने काम के अलावा किसी और चीज पर फोकस ही नहीं कर पा रहा है, तो ये अच्छी बात नहीं है.

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Workaholic व्यक्ति न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी प्रभावित होता है.

Side Effects Of Workaholic: अपने काम के लिए पैशनेट होना अच्छी आदत है, लेकिन जब यही काम हावी होने लगे तो उसे वर्कोहलिज्म कहते है. आमतौर पर लोग वर्कोहोलिक होने को एक स्टेटस सिंबल या तारीफ की बात समझते हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है. अगर कोई अपने काम के अलावा किसी और चीज पर फोकस ही नहीं कर पा रहा है, तो ये न केवल उसके लिए बल्कि उसके आसपास के लोगों के लिए भी बड़ी परेशानी का कारण बन जाता है और तो और इसके काम की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है. ऐसे लोग काम के कारण शौक, एक्टिविटी और एक्सरसाइज जैसी चीजों को प्राथमिकता नहीं देते और वो इतना काम करते हैं कि उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है. अगर आप में भी ऐसे लक्षण है तो आप वर्कहोलिक हो सकते हैं. यहां हम आपको वर्कोहोलिक होने के गंभीर नुकसान के बारे में बता रहे हैं.

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वर्कोहोलिक होने के नुकसान (Disadvantages Of Being A Workaholic)

काम से अलग होने सो शुरू में प्रोडक्टिविटी बढ़ सकती है. हालांकि समय के साथ वह कम होने लगती है. पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस नहीं रहता और रिश्ते टूटने लगते हैं. वर्कोहोलिज्म के कारण फिजिकल, मेंटल और इमोशनल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है. जीवन में तनाव रहने लगता है जिससे चिड़चिड़ापन हावी होने लगता है. नींद पूरी नहीं हो पाती जो कई शारीरिक समस्याओं को जन्म देता है. स्वास्थ्य जोखिम बढ़ने लगता है और हार्ट से जुड़ी बीमारियां घरेने लगती है. 

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स्टेटस सिंबल नहीं है वर्कोहोलिक होना:

वर्कहॉलिक होना स्टेटस सिंबल नहीं होना चाहिए - इसके बजाय इसे एक गंभीर स्थिति के रूप में माना जाना चाहिए. वर्कहॉलिज़्म के इलाज के साथ मेन प्रोब्लम्स में से एक यह है कि डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैनुअल अभी तक इसे एक लत के रूप में नहीं पहचानता है जिस तरह शराब, नशीली दवाओं या गैंबलिंग एडिक्शन का निदान किया जाता है. ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए काम का एक रूटीन बनाना जरूरी है. वर्क आवर के बाद पर्सनल लाइफ के लिए एक्टिविटी प्लान करनी चाहिए. वेकेशन के लिए समय निकालना चाहिए और अपनी हॉबी को फॉलो करना चाहिए. जरूरत पड़ने पर मनोचिकित्सक की मदद ली जा सकती है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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