Should Pregnant Women Fast on Karva Chauth: करवा चौथ का व्रत भारतीय संस्कृति में पति-पत्नी के प्रेम और समर्पण का प्रतीक माना जाता है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और चांद देखकर व्रत खोलती हैं. लेकिन, जब बात गर्भवती महिलाओं की आती है, तो सवाल उठता है क्या इस समय व्रत रखना सुरक्षित है? गर्भावस्था एक ऐसा समय होता है जब महिला का शरीर कई बदलावों से गुजरता है. इस दौरान मां को खुद के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत का भी ध्यान रखना होता है. ऐसे में लंबे समय तक भूखा रहना या पानी न पीना नुकसानदायक हो सकता है. तो क्या करवा चौथ का व्रत पूरी तरह छोड़ देना चाहिए? या इसे किसी खास तरीके से किया जा सकता है?
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इस विषय पर ऑब्सट्रक्टिव और गायनेकोलॉजी डॉक्टर याशिका गुडेसर ने कुछ अहम बातें साझा की हैं, जो हर गर्भवती महिला को जाननी चाहिए.
डॉक्टर क्या कहती हैं?
डॉ. याशिका गुडेसर के अनुसार, गर्भावस्था में फास्टिंग नहीं करनी चाहिए, खासकर निर्जला व्रत. क्योंकि इस समय शरीर को लगातार पोषण और हाइड्रेशन की जरूरत होती है. भूखा रहने से मां की एनर्जी कम हो सकती है, जिससे बच्चे की ग्रोथ पर असर पड़ सकता है.
लेकिन करवा चौथ का धार्मिक महत्व भी है…
करवा चौथ सिर्फ व्रत नहीं, बल्कि एक भावनात्मक और सांस्कृतिक परंपरा है. इसमें सरगी, पूजा, सजना-संवरना और चांद की प्रतीक्षा जैसे कई रिचुअल होते हैं. ऐसे में अगर कोई गर्भवती महिला इस दिन को मनाना चाहती है, तो उसे व्रत रखने के तरीके में कुछ बदलाव करने होंगे.
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गर्भवती महिलाएं कैसे करें करवा चौथ का व्रत?
निर्जला व्रत न रखें पानी न पीने से शरीर में डिहाइड्रेशन हो सकता है, जो गर्भावस्था में खतरनाक है. इसलिए दिनभर नारियल पानी, नींबू पानी, शर्बत या ग्लूकोज ड्रिंक लेते रहें.
सरगी में पोषण से भरपूर चीजें खाएं सुबह सरगी में सूखे मेवे, फल, दूध, दही और हल्का खाना लें ताकि शरीर को दिनभर एनर्जी मिलती रहे.
हर 2-3 घंटे में कुछ खाएं व्रत के दौरान पूरी तरह भूखा न रहें. फलों का सेवन, जूस या हल्का स्नैक लेते रहें.
पूजा करें लेकिन आराम से पूजा के रिचुअल्स में शामिल हों लेकिन ज्यादा देर खड़े न रहें. थकान से बचें.
अगर कमजोरी लगे तो तुरंत व्रत तोड़ें चक्कर आना, सिर दर्द, उल्टी जैसा महसूस हो तो तुरंत कुछ खा लें. सेहत सबसे पहले है.
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माएं क्या करें?
डॉ. याशिका के अनुसार, ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को भी फास्टिंग नहीं करनी चाहिए. क्योंकि दूध बनाने के लिए शरीर को ज्यादा पानी और पोषण की जरूरत होती है. व्रत रखने से दूध की मात्रा कम हो सकती है, जिससे बच्चे को पर्याप्त पोषण नहीं मिलेगा.
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पति भी निभा सकते हैं साथ
अगर आप व्रत नहीं रख पा रही हैं, तो अपने पति से कहें कि वे इस बार आपके लिए व्रत रखें. इससे न सिर्फ परंपरा निभेगी, बल्कि आपके रिश्ते में और भी प्यार बढ़ेगा.
गर्भावस्था में करवा चौथ का व्रत रखना पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है, खासकर अगर आप निर्जला व्रत रखती हैं. लेकिन, अगर आप इस दिन को मनाना चाहती हैं, तो थोड़े बदलाव करके इसे सेहतमंद तरीके से निभाया जा सकता है. सबसे जरूरी है खुद की और बच्चे की सेहत का ध्यान रखना. परंपरा तभी सुंदर लगती है जब वह स्वास्थ्य के साथ चले.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)