रात को दूध के साथ मिलाकर पी लें ये पाउडर, महिलाओं के लिए वरदान से कम नहीं, गर्भाशय से जुड़ी बीमारी के लिए है काल

महिलाओं का गर्भाशय बहुत नाजुक होता है और पूरे शरीर का सही तरीके से संचालन करने में मदद करता है. मासिक धर्म, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का सही मात्रा में बनना, और गर्भधारण करने के लिए परत का निर्माण करना जैसे जरूरी कार्य गर्भाशय से जुड़े होते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है इसका सेवन.

महिलाओं का गर्भाशय बहुत नाजुक होता है और पूरे शरीर का सही तरीके से संचालन करने में मदद करता है. मासिक धर्म, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का सही मात्रा में बनना, और गर्भधारण करने के लिए परत का निर्माण करना जैसे जरूरी कार्य गर्भाशय से जुड़े होते हैं. अब गर्भाशय में फाइब्रॉइड होने के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं और ऐसे में गर्भाशय का ध्यान रखना बेहद जरूरी हो जाता है.

फाइब्रॉइड गर्भाशय के किसी भी हिस्से में हो सकते हैं. ये गर्भाशय की दीवार, गर्भाशय के अंदरूनी परत और गर्भाशय के बाहर भी हो सकते हैं. हालांकि फाइब्रॉइड एक गैर-कैंसरयुक्त गांठ होती है जो कुछ महीनों बाद खुद ही निकल जाती है, लेकिन अगर गांठ बढ़ने लगती है तो ये खतरा होता है. इसके लिए डॉक्टर पहले कुछ दवाई देते हैं लेकिन गांठ का साइज बड़ा होने पर निकालने की सलाह देते हैं. फाइब्रॉइड की समस्या होने पर कई तरह की परेशानियां महिला को झेलनी पड़ती हैं. महावारी में बदलाव आता है, पेट में दर्द की समस्या बनी रहती है, पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है, जिससे कब्ज बनने लगती है, और गर्भधारण में भी परेशानी हो जाती है.

ये भी पढ़ें: होंठों को गुलाबी, चमकदार ही नहीं फटने से भी बचाने में मददगार है घर का बना ये लिप बाम, बस किचन में मौजूद इस चीज से करें तैयार

आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियों का जिक्र किया गया है जिनसे फाइब्रॉइड के दर्द से राहत मिल सकती है. कांचनार गुग्गुलु का इस्तेमाल फाइब्रॉइड में राहत देता है. ये हार्मोन को संतुलित करता है और गांठ के बढ़ाव को भी रोकता है. इसे पाउडर या टैबलेट के रूप में भी ले सकते हैं. शतावरी और त्रिफला चूर्ण गर्भाशय से जुड़ी कई समस्याओं में काम आते हैं. ये दोनों ही मासिक धर्म को नियमित करते हैं और गर्भाशय की आंतरिक परत को मोटा बनाते हैं, जिससे गर्भधारण में आसानी होती है.

शतावरी को रात को दूध के साथ लिया जा सकता है और त्रिफला चूर्ण को सुबह खाली पेट पानी के साथ लिया जा सकता है. अशोका अर्क भी फाइब्रॉइड के दर्द से राहत दिलाता है. इसके सेवन से मासिक धर्म समय से होते हैं और गर्भाशय में गांठ बनने का खतरा कम होता है. इसके अलावा हल्दी भी इसमें काम करती है. हल्दी का सेवन दूध के साथ या काढ़े के तौर पर भी किया जा सकता है. हल्दी गर्भाशय की सूजन को कम करेगी और गर्भाशय में हर महीने बनने वाली परतों के निर्माण में भी सहायक होगी.

फाइब्रॉइड न हो उसके लिए जीवनशैली में भी सुधार की जरूरत होती है. इसके लिए रोजाना योग करें. पैल्विक फ्लोर की एक्सरसाइज कर सकते हैं, जिसमें किगल, ब्रिज, पेल्विक टिल्ट, बधकोण आसन, और तितली आसन शामिल हैं. ये सभी एक्सरसाइज गर्भाशय के संकुचन को कम करेंगी और रक्त का संचार सही तरीके से होगा.

Advertisement

Gurudev Sri Sri Ravi Shankar on NDTV: Stress, Anxiety, से लेकर Relationship, Spirituality तक हर बात

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Bihar Elections: Manjhi-Kushwaha Chirag Paswan से नाराज? | Syed Suhail | Bharat Ki Baat Batata Hoon