आपको सेक्सुअल डिसॉर्डर है या नहीं कैसे पता लगाएं? शरीर में ये लक्षण दिखें तो हो जाएं अलर्ट

Sex Education: सेक्सुअल डिसऑर्डर को पहचान कर ट्रीटमेंट के जरिए इसे दूर करना मुमकिन है. इसीलिए खुद को दोष देने की जगह सेक्सुअल डिसऑर्डर को पहचानें और सही इलाज की मदद से इसे दूर करें.

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Symptoms of Sexual Disorder: पुरुषों की तरह महिलाओं के लिए भी सेक्सुअल प्लेजर काफी मायने रखता है, लेकिन सेक्सुअल डिसऑर्डर की वजह से कई बार महिलाएं सेक्स को एन्जॉय नहीं कर पाती है. ऐसे केस में महिलाओं के लिए सेक्स एक सुखद अनुभव के जगह परेशानी का सबब बन सकता है. कई बार महिलाएं सेक्सुअल एक्टिविटी में अपने या पार्टनर के उम्मीद के मुताबिक पार्टिसिपेट नहीं कर पाती है और खुद में ही कमी ढूंढने लगती है. कई बार इस वजह से महिलाओं का सेल्फ स्टीम काफी लो हो जाता है जबकि यह किसी सेक्सुअल डिसऑर्डर का लक्षण हो सकता है.

सेक्सुअल डिसऑर्डर को पहचान कर ट्रीटमेंट के जरिए इसे दूर करना मुमकिन है. इसीलिए खुद को दोष देने की जगह सेक्सुअल डिसऑर्डर को पहचानें और सही इलाज की मदद से इसे दूर करें. सेक्सुअल डिसऑर्डर के विषय पर तथ्यात्मक जानकारी के लिए एनडीटीवी ने सेक्सुअल हेल्थ एक्सपर्ट निधि झा से खास बातचीत की है.

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सेक्सुअल डिसऑर्डर के लक्षण (Symptoms of Sexual Disorder)

लाइफ के किसी न किसी फेज में महिलाएं सेक्सुअल डिसऑर्डर से जरूर दो-चार होती हैं. इस वजह से महिलाएं सेक्स को पूरी तरह एन्जॉय नहीं कर पाती हैं. सेक्सुअल डिसऑर्डर को आसानी से ट्रीट किया जा सकता है लेकिन सबसे पहले इसके लक्षण पहचानना बेहद जरूरी है.

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सेक्स के दौरान दर्द (Pain During Sex)

सेक्स के दौरान दर्द होना सेक्सुअल डिसऑर्डर का लक्षण हो सकता है. डॉक्टर निधि झा बताती हैं कि उनके पास ऐसी कई महिलाएं आती हैं जिन्हें सेक्स के दौरान दर्द की समस्या होती है. पहले कभी सेक्स नहीं करने के वजह से भी ऐसा होता है जिसे प्राइमरी सेक्सुअल डिसफंक्शन कहा जाता है जिसे आसानी से ट्रीट किया जा सकता है. डॉ. निधि ने बताया कि सही तरीका और ल्यूब्रिकेंट की मदद से दर्द की समस्या 80 प्रतिशत केस में खत्म हो जाता है. उन्होंने बताया कि कई बार मेनोपॉज या बच्चे को जन्म देने के बाद भी कई बार ऐसी समस्या आ जाती है. हालांकि, इन सभी केस में ट्रीटमेंट से दर्द की शिकायत को दूर किया जा सकता है.

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सेक्सुअल ड्राइव में कमी (Decreased Sexual Drive)

सेक्सुअल हेल्थ एक्सपर्ट निधि झा बताती हैं कि महिलाओं को सेक्सुअल ड्राइव में कमी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. यह सेक्सुअल डिसऑर्डर का लक्षण हो सकता है. डॉक्टर ने कहा कि कई बार दिन भर के भाग-दौड़, थकान या किसी बात की स्ट्रेस की वजह से भी महिलाओं के सेक्सुअल ड्राइव में कमी आ सकती है जो साधारण बात है. इसमें कोई समस्या नहीं है लेकिन अगर रिलैक्स करने के बाद और थकान दूर होने के बावजूद भी अगर सेक्स की इच्छा न हो तो यह किसी समस्या की तरफ इशारा हो सकता है. पूरी तरह रिलैक्स करने और मूड बनाने के लिए सब कुछ करने के बावजूद भी अगर किसी महिला को सेक्स करने का मन न करे तो यह सेक्सुअल डिसऑर्डर का लक्षण हो सकता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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