शरीर पर बिना रैशेज के हो रही भयंकर खुजली, तो खतरनाक हो सकती है ये समस्या, जानिए इसकी वजहें

रैशेज पर खुजाने से और भी ज्यादा संक्रमण फैलने लगता है, लेकिन बिना किसी रैशेज के शरीर पर होने वाली खुजली बहुत खतरनाक साबित हो सकती है.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
रैशेज पर खुजाने से और भी ज्यादा संक्रमण फैलने लगता है.

Itchy Skin Allergy: शरीर पर रैशेज होना आम बात है, किसी भी उम्र में ये समस्या देखी जा सकती है. जिनकी स्किन ज्यादा सॉफ्ट होती है, उन्हें रैशेज की समस्या ज्यादा होती है. रैशेज पर खुजाने से और भी ज्यादा संक्रमण फैलने लगता है, लेकिन बिना किसी रैशेज के शरीर पर होने वाली खुजली बहुत खतरनाक साबित हो सकती है. शरीर पर बिना किसी दाने या रैशेज के होने वाली इस खुजली के कई कारण हैं, जिन्हें हम विस्तार से बता रहे हैं और साथ बताएंगे क्या हैं इसके उपाय.

बिना रैशेज शरीर पर खुजली होने के कारण (Causes of itchy skin without a Rash)

1. रूखी त्वचा (Dry Skin)

कई लोगों की स्किन ऑयली होती है, तो कईयों की स्किन ड्राई होती है. यही कारण है कि जब स्किन सूखने लगती है, तो इसमें खुजली समस्या होने लगती है. यह समस्या बूढ़े और जवान सभी में होती है और खासकर सर्दी के महीनों में.

उपाय -

इसके समाधान के लिए केमिकल वाली साबुन का इस्तेमाल ना करें. स्किन ड्राई होने परहाइपोएलर्जेनिक और फ्रेग्नेंस फ्री स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें. शरीर पर रोजाना मॉइस्चराइजर लगाएं.

यह भी पढ़ें: इन 5 लोगों के लिए किसी औषधी से कम नहीं हैं दूध में भीगे खजूर, सुबह खाली पेट खाए, इन रोगों से मिलेगा छुटाकार

2. कीड़े का काटना (Bug Bites)

घर-घर में मौजूद मच्छर, मकड़ी और अन्य कीड़ों के काटने से भी स्किन को बड़ा नुकसान पहुंचता है. इनके काटने के निशान आसानी से नहीं दिखते है और शरीर में खुजली बढ़ती ही जाती है.

उपाय -

इस तरह के कीड़ों के काटने के बाद उस जगह पर ज्यादा न खुजाएं, नहीं तो स्किन पर संक्रमण और भी ज्यादा बढ़ जाएगा. इस पर कोई एंटीबायोटिक क्रीम ना लगाएं. इसके उपाय में ओरल पेन रिलीफ, कोल्ड थेरेपी, स्टेरॉयड क्रीम, एंटीहिस्टामाइन का ही इस्तेमाल करें.

Advertisement

3. दवाइयों का ज्यादा सेवन (Side Effects of Medication)

अगर कोई नियमित रूप से दवाइयों का सेवन कर रहा है, तो उसे भी शरीर पर खुजली की शिकायत होती है. दवाईयों के ज्यादा सेवन से ब्लड प्रेशर गिरता है, जिससे स्किन संबधी समस्याएं होती हैं.

उपाय -

दवाइयों के सेवन के दौरान होने वाली खुजली के समाधान के लिए डॉक्टर डॉक डिफेनहाइड्रामाइन (बेनाड्रिल) या हाइड्रॉक्सीजाइन लेने की सलाह देते हैं.

Advertisement

यह भी पढ़ें: यूरिक एसिड बढ़ रहा है तो ये पीली चीज करेगी हाई यूरिक एसिड को तुरंत काबू, रोज सुबह खाली पेट करें सेवन

4. तंत्रिका संबंधी विकार (Nerve Disorders)

नर्वस सिस्टम स्किन से ब्रेन में मैसेज भेजता है, जब इस प्रक्रिया में कोई बाधा आती है, तो खुजली की समस्या होने लगती है. इसे न्यूरोपैथिक खुजली कहते हैं. इससे नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है. स्ट्रोक, डायबिटीज और पोस्ट हर्पेटिक न्यूराल्जिया के कारण भी खुलजी होती है. अगर कोई नर्व-डिसऑर्डर से पीड़ित है तो उसे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

Advertisement

5. किडनी की बीमारी (Kidney Disease)

ए़डवांस स्टेज पर होने वाली किडनी की बीमारी भी शरीर पर खुजली की समस्या पैदा करती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर किसी को किडनी से संबंधित कोई समस्या है, तो उसे खुजली की दिक्कत भी होगी. इसके उपाय में डॉक्टर मरीज को मेडिकल प्रोसेस डायलिसिस की सलाह देते हैं, जिसमें एक मशीन के जरिए किडनी के आस-पास खून को फिल्टर करते हैं. डर्मेटोलॉजिस्ट इसके लिए कोई क्रीम भी सजेस्ट करते हैं.

6. लीवर से जुड़ी बीमारी (Liver Disease)

लीवर से जुड़ी बीमारियों में हेपेटाइटिस और सिरोसिस शामिल हैं, जो शरीर में खुजली पैदा करती हैं, लेकिन ऐसा क्यों हैं, अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. इसमें हथेली और एड़ी में खुजली होती है. इसके इलाज के लिए डॉक्टर कोलेसेवेलम लेने की सलाह देते हैं, जिससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम किया जाता है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: कान के अंदर का मैल निकालना है, तो इन घरेलू चीजों का करें इस्तेमाल, नरम होकर अपने आप निकलेगी गंदगी

7. त्वचा कैंसर (Skin Cancer)

स्किन कैंसर में भी खुजली की समस्या होती है. इसमें स्किन में परिवर्तन से खुजली होने लगती है. ऐसे में लोगों को अपनी स्किन को रोजाना चेक करते रहना चाहिए. स्किन कैंसर का इलाज इसके प्रकार और स्टेज पर डिपेंड करता है,

8. हॉजकिन लिंफोमा (Hodgkin lymphoma)

शरीर पर कोई दाना और रैशेज ना होने पर खुजली होने के एक कारण में हॉजकिन लिंफोमा भी है. यह एक तरह का ब्लड सेल्स का कैंसर है. इसके लक्षणों में लिंफ नोड्स में सूजन, भूख का कम होना, बुखार और रात में पसीना आना शामिल है. इसके इलाज के लिए कीमोथेरेपी, रेडियशन थेरेपी, बोन मैरो या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट कराना पड़ता है.

हार्ट हेल्थ का पता लगाने के लिए किस उम्र में कौन से टेस्ट करवाने चाहिए? डॉक्टर से जानिए...

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Russia Ukraine War News: रूस का यूक्रेन पर करारा प्रहार! पहली बार दागी ICBM