मौसम के बदलाव का सीधा असर हमारी हेल्थ पर पड़ता है. सर्दी का मौसम आते ही खांसी, जुकाम, सर्दी और फ्लू जैसी तमाम समस्याएं हमें घेरना शुरू कर देती हैं. ऐसे में कोरोना महामारी के दौरान अगर किसी को जरा सी भी सर्दी जुकाम हो जाए तो मन घबराने लगता है. लोग सामान्य रूप से होने वाली सर्दी जुकाम से बचने के लिये तरह-तरह के उपाय अपनाते हैं. कई लोग ढेर सारी दवाइयों का भी सहारा लेते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि आपके इस इर्द गिर्द कुछ ऐसी चीजें मौजूद हैं जो प्राकृतिक रूप से इस समस्या को जड़ से खत्म कर सकती हैं. दरअसल तुलसी के पत्ते, काली मिर्च और हल्दी खाने से सर्दी में होने वाली कई तरह की बीमारियों को नेचुरली ठीक किया जा सकता है.
सर्दी और जुकाम का रामबाण इलाज
इस देसी नुस्खे के सामने फेल हो सकती है सर्दी-जुकाम की परेशानी
सर्दियों के मौसम में अपनी थोड़ी ज्यादा देखभाल करनी पड़ती है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये वह वक्त होता है जब शरीर को सर्दी, खांसी, बुखार सिरदर्द और खराब डाइजेशन जैसी समस्याओं से निपटने के लिए ज्यादा एनर्जी की जरूरत पड़ती है.
तो अपने शरीर को ऊर्जावान बनाने और इन तमाम तरह की बीमारियों से निपटने के देसी नुस्खे के सामने सब कुछ फेल है. तुलसी, हल्दी और काली मिर्च ये सभी मसाले और जड़ी-बूटियाँ एंटी-वायरल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती हैं, जो किसी भी तरह के दर्द को ठीक करने में मदद करती हैं, डाइजेशन ठीक करती हैं और एंटीऑक्सिडेंट और पोषक तत्वों की मौजूदगी में मौसमी बीमारियों से लड़ने के लिए इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद करती हैं.
सर्दियों में तुलसी है रामबाण इलाज
घर घर में तुलसी पूजनीय है. हिंदू धर्म में तुलसी के पत्तों का खास महत्व होता है. धर्मिक मान्यताओं के अलावा भी तुलसी का ये छोटा सा पौधा ढेर सारे स्वास्थ्य के फायदों से भरपूर है. खासतौर पर तुलसी की पत्तियां नॉर्मल कफ, कोल्ड, इंफेक्शन ,बुखार, और कन्जेशन से लड़ने में मदद करती हैं. तुलसी के पत्तों में कैम्फीन, सिनेओल और यूजेनॉल के प्रेजेंस के चलते बैक्टीरिया और वायरल इंफेक्शन से लड़ने में मदद मिलती है. इसके साथ ही इम्युनिटी को स्ट्रांग बनाने के लिए आप तुलसी के पत्तों को अपनी चाय, काढा या फिर दूसरे घरेलू नुस्खों में इस्तेमाल कर सकते हैं.
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.