BPS से सावधान! सिर्फ 10 सेकंड तक रसीद को छूना सेहत को कर सकता है बर्बाद

Harmful Effects Of BPS: रसीद को हम चाहे मामूली कागज़ समझें, लेकिन उसमें छिपे केमिकल हमारी सेहत पर गंभीर असर डाल सकते हैं. एक रिसर्च इस बात का प्रमाण है कि छोटी-छोटी चीज़ें भी हमारे जीवन में बड़ा फर्क ला सकती हैं.

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BPS का सेहत पर होता है गंभीर असर, रहे सावधान.

Harmful Effects Of BPS: BPS एक केमिकल कंपाउंड है जिसे थर्मल पेपर पर एक खास परत के रूप में चढ़ाया जाता है. ताकि बिना स्याही के प्रिंटिंग हो सके. यह केमिकल स्किन से बहुत तेज़ी से शरीर में प्रवेश करता है और शरीर के हार्मोन सिस्टम को प्रभावित कर सकता है. यह केमिकल एस्ट्रोजन हार्मोन की नकल करता है, जिससे हार्मोन असंतुलन, प्रजनन समस्याएं और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

बिल का शरीर पर असर (Harmful effects of BPS)

क्या कहती है रिसर्च?

रिसर्च में पाया गया है कि अगर कोई व्यक्ति किसी रसीद को सिर्फ 10 सेकंड तक भी छूता है, तो उसके शरीर में BPS का स्तर सुरक्षित सीमा से ज़्यादा हो सकता है. यह खासतौर पर उन लोगों के लिए चिंता का विषय है जो रोजाना बड़ी संख्या में रसीदें संभालते हैं, जैसे दुकानों में काम करने वाले कर्मचारी.

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बड़ी कंपनियां रडार पर-
अमेरिका के एक पर्यावरण संगठन CEH (सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल हेल्थ) ने इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने बर्गर किंग, चैनल और डॉलर जनरल जैसी नामी कंपनियों सहित लगभग 90 बड़े ब्रांड्स के खिलाफ कानूनी नोटिस जारी किए हैं. वजह - ये कंपनियां अपने ग्राहकों और कर्मचारियों को BPS के खतरों से अवगत कराए बिना ऐसे रसीदें इस्तेमाल कर रही थीं, जो तय मानकों से कई गुना ज़्यादा BPS रखती थीं.

CEH ने बताया कि थर्मल रसीद का सिर्फ हल्का स्पर्श भी शरीर को उतनी मात्रा में BPS के संपर्क में ला सकता है जो कानून के तय की गई सुरक्षित सीमा को पार कर देती है.

क्या करें ताकि बचाव हो सके?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह है कि जहां तक संभव हो, डिजिटल रसीदें अपनाई जाएं. दुकानों से भुगतान करते समय ईमेल या मैसेज के माध्यम से रसीद लेना एक सुरक्षित विकल्प बनता जा रहा है. वहीं जो लोग रोज़ाना रसीदों से जुड़ा काम करते हैं, उन्हें दस्ताने पहनने की सलाह दी जाती है.

ये भी ध्यान रखें 
इसके अलावा, रसीद छूने से पहले या बाद में हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल न करना बेहतर है, क्योंकि यह त्वचा की परत को पतला कर सकता है और BPS को और आसानी से एब्सॉर्व होने देता है. साथ ही ऐसे ब्रांड्स और दुकानों को प्राथमिकता दें जो BPS-मुक्त रसीदें इस्तेमाल कर रहे हों.

बदलाव की ज़रूरत
CEH का कहना है कि मौजूदा नियमों को अब और सख्त बनाया जाना चाहिए. उत्पादों पर स्पष्ट चेतावनी होनी चाहिए और ग्राहकों को यह जानने का अधिकार मिलना चाहिए कि वे किन रसायनों के संपर्क में आ रहे हैं. सिर्फ BPA को हटाना और उसकी जगह BPS का इस्तेमाल करना एक दिखावटी समाधान है. जब तक इन केमिकल्स के लॉन्गटर्म प्रभावों की पूरी तरह जांच नहीं होती, तब तक सावधानी ही सबसे बेहतर उपाय है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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